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रसूखदार के आगे कठपुतली बने जनप्रतिनिधि और प्रशासन के मौन रवैया से इंसानियत फिर हुई शर्मसार..

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रसूखदार के आगे कठपुतली बने जनप्रतिनिधि और प्रशासन के मौन रवैया से इंसानियत फिर हुई शर्मसार

*पंचायत द्वारा हुक्का पानी बंद करने पर इंसाफ की गुहार लगाने पीड़ित परिवार पहुंचे एसपी व कलेक्टर के दर पर

असलम खान ब्यूरो हेड धरमजयगढ़

रायगढ़ कोरोना काल के इस संकट कालीन दौर में ग्राम पंचायत रायगढ़ जिले के सारंगढ़ ब्लॉक में स्थित ग्राम पंचायत कटेली मे एक रशुखदार के खिलाफ बोलने वाले पूरे परिवार के सदस्यों सहित उन्हें मवेशियों के साथ हुक्का पानी बंद करने का गंभीर मामला प्रकाश में आया है। जिसकी सारंगढ़ थाने में लिखित शिकायतों पर भी कार्यवाही नहीं होता देख पीड़ित परिवार जिला मुख्यालय आकर पुलिस कप्तान सहित जिला कलेक्टर से न्याय की गुहार लगाते हुए पुरे मामले की लिखित शिकायत की गई है।

*आइए जानते हैं क्या है पूरा मामला*

यह पूरा मामला सारंगढ़ थाना क्षेत्र के अंतर्गत आने वाले ग्राम कटेली का है जहां पर संजय जायसवाल एवं उनके पूरे परिवार के लोग(35 से 40)दिनाँक 19/10/2020 को पहले पुलिस अधीक्षक कार्यालय जाकर अपनी आप बीती बताये उसके बाद कलेक्टर के पास पहुंचे लेकिन मंगलवार होने के कारण टी एल बैठक जारी थी.जिस कारण उक्त पीड़ित परिवार के लोग उनसे नहीं मिल पाए इसलिये अपर कलेक्टर सर से मिलकर अपने और अपने पूरे परिवार के साथ जो बीते कुछ माह से चल रही है और किन किन लोगों के द्वारा प्रताड़ित किया गया है ,जिसके कारण भय और तानाशाही का शिकार हुए हैं उन सभी बातों से अवगत करवाया.जिस पर अपर कलेक्टर ने मामले की गंभीरता को लेकर अपनी जिम्मेदारी निभाते हुए तत्काल उक्त पीड़ित परिवार के द्वारा किये गये शिकायत की कॉपी पर ही सारंगढ़ अनुविभागीय अधिकारी(रा.)को मार्क कर भेज दिया।जिसे लेकर उक्त पीड़ित परिवार डरे सहमे से अपने घर वापस लौट गए।

*मामले में शिकायत और कार्यवाही……*

पीड़ित परिवारों ने लिखित शिकायत दर्ज कराया गया था जिसकी कोई कल्पना भी नहीं कर सकते हैं लेकिन फिर भी सारंगढ़ थाना प्रभारी जो सरिया में संचालित सारे अवैध धंधे तथा सट्टा बाजार को भी पूर्णरूप से बन्द करवाने में अहम भूमिका निभाई थी. लेकिन उक्त पीड़ित परिवार के मामले में उनसे ये असहयोग करने की उम्मीद नहीं थी.
इस मामले में शिकायतकर्ताओं ने कहा कि पुलिस अधीक्षक और कलेक्टर से शिकायत करने के पहले भी हम लोगों ने सारंगढ़ थाना में चार बार लिखित शिकायत दर्ज कराई है जिस पर आज तक किसी भी प्रकार की कोई कार्यवाही नहीं किया गया है तो हमने अंतिम बार जिला प्रशासन के मुखिया से मिलने की न्याय की उम्मीद और आस लगाए आये हैं।

*आज के दौर में भी ग्राम पंचायत के द्वारा हुक्का पानी बंद करने का बेतुका तुगलकी फरमान सुनाया….*

आज पूरा देश के हर व्यक्ति अपनी अपनी जिंदगी जीने के लिए स्वतंत्र है और संविधान में मानव मूल्य और उसके संवैधानिक अधिकारों की रक्षा करने का स्पष्ट उल्लेख है. लेकिन ग्राम कटेली के ग्राम पंचायत के जनप्रतिनिधियों के द्वारा उक्त पीड़ित संयुक्त परिवार के साथ जिस प्रकार का व्यवहार व प्रताड़ित किया जा रहा है और फिर सारंगढ़ थाना के द्वारा किसी भी तरह की कोई कार्यवाही नहीं करना मामले में कई प्रश्नों को जन्म देती है। इन मायनो में क्या नवरतन जायसवाल जैसा शख्श अपने रशुख के दम पर किसी को भी खरीद सकते हैं?कहीं ना कहीं इसी रशुख के कारण ग्राम पंचायत के जनप्रतिनिधियों ने भी नतमस्तक हो कर बेतुका फरमान सुनाया है?आखिर क्यों रसूखदार के खिलाफ चार बार गम्भीर शिकायत करने पर भी पुलिस कठपुतली बनी रही?? और सबसे बड़ा प्रश्न रसूखदार के इस रंजीश के पीछे क्या वजह है आखिर क्यों इस परिवार के पीछे हाथ धोकर लगा है यह नवरतन जयसवाल??प्रशासन के लिए यह एक यक्ष प्रश्न है.

*पूरे मामले एक बात खुलकर सामने आया है…..*
उक्त पीड़ित परिवार की आवाज को न ही थानेदार ने सुना और न ही कोई जनप्रतिनिधियों ने समझा लेकिन इसी बिच पीडित परिवार के लिए राजस्व विभाग से एक नोटिस भेजा गया है जो पीड़ित व्यक्ति के घर के सामने वाले कुछ हिस्से को तोड़वाने के उद्देश्य से उक्त रशुखदार नवरतन जायसवाल ने कूटनीति चाल चलकर इस पूरे कृत्य को करवाया है। जिस पर तहसील कार्यालय मे दोनों पक्ष की उपस्थिति में तहसीलदार द्वारा नवरतन जायसवाल को खूब डांट फटकार लगाई गई है.

*रशुखदार ने महिलाओं को भी नहीं बख्शा है इस मामले में……..*
मामले में पीड़ित परिवार के एक महिला शशि कुमारी पति संजय जायसवाल के साथ घटना की गई है जो 26/05/2019 को सुबह अपने पुराने घर जो डीह प्लांट भी है ,उसकी साफ सफाई करने जा रही थी. लगभग सुबह 7 बजे करीब वहां पहुंचने पर पीड़िता ने देखी की नवरतन जिसका घर पीड़ित परिवार के घर के सामने है वहां पर दरवाजा लगा दिया है तो उक्त पीड़िता ने नवरतन से पूछे कि हमे हमारे घर में आने जाने से क्यों रोक रहे हैं तो उस पर नवरतन बोला कि हम लोगों को खाने के लिए यहाँ आयी है, और गंदी गंदी गालियां देते हुए मुझे टोनही कहा और बोला कि पहले तेरी सास टोनही हम लोगों को खा रही थी और अब तुम आ गयी कहकर नवरतन की पत्नी निर्मला, पुत्र उदय और हरीश ये सब लोग घर से बाहर निकल कर बोलने लगेकि तुम साली टोनही हो यहाँ क्या करने आती हो, तुम्हारा यहाँ घर नहीं है तुम यहाँ से भागो।तब मैं बोली कि यहाँ हमारा भी घर है आप चाहो तो गाँव वालों को बुलवाकर पूछ लो, इतने में नवरतन मारने के लिए दौड़ा और मेरा हाथ व बाह को पकड़कर यह धमकी देने लगा कि साली टोनही तुम्हे गाँव में नहीं रहने दूँगा और तुझे तथा तेरे परिवार को खत्म कर दूँगा व झूठे बलात्कार केस में फंसा दूँगा कहते हुए मेरे पहने हुए साड़ी को फाड़ दिया ,उक्त कृत्य को ग्राम के सरपंच कृष्णा चौहान, जनपद सदस्य बोधराम साहू, भगवन साहू, ईश्वर साहू, श्यामलाल साहू व गांव के अन्य लोगोंने भी देखा है जिसकी लिखित शिकायत सारंगढ़ थाना में दिनाँक 27/05/2019 को की गई थी और प्रार्थना किया गया था कि मेरे व मेरे प्राणों की रक्षा तथा दोषियों के ऊपर दंडात्मक कार्यवाही करने की शिकायत उक्त पीड़ित महिला के द्वारा स्वयं की गई थी लेकिन इस पर भी सारंगढ़ थाना प्रभारी ने टोनही प्रताड़ना कानून के तहत किसी भी प्रकार की कोई कार्यवाही नहीं किया।

बहरहाल अब यह देखना दिलचस्प होगा कि रसूखदार के आगे कठपुतली बने जनप्रतिनिधि और प्रशासन पीड़ित परिवार के हुक्का पानी बंद के गम्भीर मामले में जिला मुख्यालय में शिकायत होने के बाद क्या कार्यवाही की जाएगी । या पिछली चार शिकायतों की तरह अब यह शिकायत भी रद्दी की टोकरी में डाल दी जाएगी । मानव अधिकार और महिला आयोग को ऐसे मामलों में तत्काल संज्ञान लेते हुए पीड़ित परिवारों को न्याय दिलाना चाहिए। एवं जिला प्रशासन को भी हुक्का पानी बंद करने जैसे बेतुके सामाजिक बुराई को दूर करने और गंभीर मामलों में कड़ी कार्यवाही की जानी चाहिए । ताकि समाज में ऐसे गंभीर अपराध करने की आइंदा कोई भी हिमाकत न कर सके ।

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