रायपुर, 31 अक्टूबर 2020

मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल के नेतृत्व में राज्य में समाज के कमजोर लोगों, आदिवासियों, किसानों, श्रमिकों के कल्याण तथा उनकी आर्थिक स्थिति बेहतर बनाने का प्रयास किया जा रहा है। मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल का मानना है कि छत्तीसगढ़ में किसानों को आगे बढ़ाकर, मजबूत व आर्थिक रूप से सक्षम बनाकर ही राज्य को खुशहाल बनाया जा सकता है। वे जानते हैं कि किसान विकास की पूंजी है। गांव की तरक्की में ही देश की तरक्की है। इसलिए 17 दिसंबर 2018 को मुख्यमंत्री पद की शपथ लेते ही किसानों से 2500 रू. प्रति क्विंटल की दर से धान खरीदी के अपने वायदे को पूरा किया। वर्षों से लंबित 17 लाख 82 हजार किसानों का 8 हजार 755 करोड़ रू. का कृषि ऋण और 244 करोड़ रू. का सिंचाई कर माफ किया। ग्राम सुराजी योजना के तहत नरवा, गरवा, घुरवा, बारी’ के माध्यम से गांवों की अर्थव्यवस्था और पर्यावरण को नया जीवन देने की पहल की। बस्तर के लोहंडीगुड़ा में 1700 से अधिक आदिवासी किसानों की 4200 एकड़ जमीन वापिस कर दी। तेन्दूपत्ता संग्रहण पारिश्रमिक 2500 रू. प्रति मानक बोरा से बढ़ा कर 4000 रू. प्रति मानक बोरा कर दिया।

प्रदेश के मुख्यमंत्री श्री बघेल ने जब प्रदेश के किसानों से 2500 रूपए प्रति क्ंिवटल में धान खरीदने में बाधा आई तो किसानों के हित में हरसंभव कदम उठाने का प्रण लिया। इस बीच अचानक कोरोना संक्रमण का खतरा और देशव्यापी लॉकडाउन से किसान भी अनेक मुसीबतों से घिर गए। इन विपरीत परिस्थितियों में मुख्यमंत्री ने किसानों से किया अपना वादा निभाया और 21 मई को राजीव गांधी जी के शहादत दिवस पर राजीव गांधी किसान न्याय योजना शुरू कर किसानों के खातों में 1500 करोड़ रूपए की प्रथम किश्त की प्रोत्साहन राशि अंतरित। लॉक डाउन अवधि में किसानों को सीधे मदद पहुचाकर मुख्यमंत्री श्री बघेल ने देश को रास्ता दिखाने का काम किया कि किस तरह हम अपने देश के अन्नदाता को मुसीबत से उबार सकते हैं और नकदी देकर अर्थव्यवस्था को भी सुधार सकते हैं।

राजीव गांधी किसान न्याय योजना’ के माध्यम से छत्तीसगढ़ राज्य में 19 लाख से अधिक किसानों को 5750 करोड़ रू. की राशि का भुगतान 4 किस्तों में किया जा रहा है। पहली किस्त 1500 करोड़ रूपए 21 मई को किसानों की खाते में देने के बाद दूसरी किस्त 20 अगस्त को राजीव गांधी जी के जन्म दिन के अवसर पर किसानों के खाते में जमा की गई थी। आज एक नवम्बर को राज्य स्थापना दिवस के मौके पर किसानों को तीसरी किश्त के रूप में 1500 करोड़ रूपए की राशि दी जाएगी। निश्चित ही यह योजना प्रदेश के किसानों के लिए कोरोना संकट काल में एक वरदान साबित हुई है। इससे किसानों को खेती-किसानी के लिए संबल मिला है।

मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल ग्रामीण अर्थव्यवस्था को भी गतिशील बनाने में जुटे हैं। अपनी दूरदर्शी सोच से ग्रामीण अर्थव्यवस्था को मजबूत बनाने नरवा, गरवा, घुरवा, बारी’ का जो उन्होंने खाका बुना था अब वह धरातल पर सफलता पूर्वक साकार होता दिखाई देने लगा है। प्रदेश में 5600 गौठान स्वीकृत होने के साथ 5454 पूर्ण हो चुके हैं। इन गौठानों में रोजगार के अवसर तो बने ही, साथ ही यहां तैयार जैविक खाद और इसकी उपयोगिता ने गोबर की महत्ता को भी बढ़ाया है। देश में एक अलग तरह की योजना गोधन न्याय योजना की शुरूआत भी इन्हीं उपयोगिताओं और महत्व का परिणाम है। किसानों से 2 रुपए प्रति किलो गोबर खरीदकर छत्तीसगढ़ सरकार ने एक नये अध्याय की शुरूआत की है।    गोधन न्याय योजना ने देश भर में प्रशंसा बटोरी है। इस योजना में गोबर बेचने वाले किसानों, पशुपालकों एवं ग्रामीणों अब तक 39 करोड़ रूपए का भुगतान भी ऑनलाइन किया जा चुका है। निश्चित ही इन प्रयासों से ग्रामीण अर्थव्यवस्था संवरने के साथ पर्यावरण संतुलन को बेहतर बनाने में मदद मिली है।

कोरोना संक्रमण काल में लॉकडाउन के दौरान भी प्रदेश के मुख्यमंत्री गरीबों के मसीहा बने। उन्होंने इस संकटकाल में राशन कार्डधारियों सहित प्रवासी मजदूर परिवारों के लिए खाद्यान्न की व्यवस्था कराई। जरूरतमंदों को निःशुल्क खाद्यान्न देने के साथ आंगनबाड़ी, स्कूल से जुड़े बच्चों को सूखा अनाज घर-घर तक देने का काम किया। मनरेगा के तहत काम और समय पर मजदूरी भुगतान, लघु वनोपज संग्रह के लिए पारिश्रमिक देने में भी छत्तीसगढ़ अव्वल रहा है।

छत्तीसगढ़ की एक तिहाई जनसंख्या अनुसूचित जनजाति वर्ग के लोगों की है। सरकार द्वार इन वर्गों का विशेष ध्यान रखा जा रहा है। अनुसूचित जनजाति और अन्य परंपरागत वन निवासी को वन अधिकार मान्यता पत्र देकर आदिवासियों के सांस्कृति एवं पारम्परिक विरासतों को सहेजने और पर्यावरण संतुलन को स्थापित रखने में भी कदम उठाया गया है। छत्तीसगढ़ राज्य सबसे अधिक वन अधिकार पत्र देने वाला राज्य भी बन गया है। प्रदेश में 12.50 लाख वन क्षेत्र के निवासी है, जो तेंदूपत्ता संग्रहण करते हैं। ऐसे संग्राहकों के लिए श्री शहीद महेन्द्र कर्मा तेंदूपत्ता संग्राहक सामाजिक सुरक्षा योजना लागू कर सुरक्षा लागू की गई है। छत्तीसगढ़ सरकार का समाज के सभी वर्गों के कल्याण एवं गांवों में खुशहाली लाने और लोगों को स्वावलंबी बनाने का प्रयास सराहनीय है।