नमस्कार 🙏 हमारे न्यूज पोर्टल - मे आपका स्वागत हैं ,यहाँ आपको हमेशा ताजा खबरों से रूबरू कराया जाएगा , खबर और विज्ञापन के लिए संपर्क करे +91 97541 60816 ,हमारे यूट्यूब चैनल को सबस्क्राइब करें, साथ मे हमारे फेसबुक को लाइक जरूर करें , केंद्रीय बजट उद्योगघरानो और चुनावी बजट मजदूर बेरोजगार के लिए कुछ नही – इंटक प्रदेशाध्यक्ष दीपक दुबे – पर्दाफाश

पर्दाफाश

Latest Online Breaking News

केंद्रीय बजट उद्योगघरानो और चुनावी बजट मजदूर बेरोजगार के लिए कुछ नही – इंटक प्रदेशाध्यक्ष दीपक दुबे

😊 कृपया इस न्यूज को शेयर करें😊

केंद्रीय बजट उद्योगघरानो और चुनावी बजट मजदूर बेरोजगार के लिए कुछ नही – इंटक प्रदेशाध्यक्ष दीपक दुबे

भारतीय राष्ट्रीय मजदूर कांग्रेस (INTUC) छः ग प्रदेशाध्यक्ष दीपक दुबे ने केंद्रीय बजट पर ब्यान जारी कर कहा कि कोरोना काल मे आज बेरोजगारी बढ़ गया है महंगाई की मार आम आदमी की कमर तोड़ रहा उस बीच आज केंद्रीय बजट जो पेस हुवा है वह सिर्फ 5 राज्यो के चुनावी बजट है कुछ उद्योगपतियों को फायदा पहुचाने की बजट है श्री दुबे ने कहा कि आम बजट पूरी तरह निराशाजनक है महंगाई को बढ़ाने वाला यह बजट देश के बड़े औद्योगिक घरानों को फायदा पहुचाने वाला आम जनता महिलाओं युवाओं श्रमिको और छोटे व्यापारियों के लिए निराशाजनक है बीमा क्षेत्र में विदेशी निवेश को और बढ़ावा दिया गया है सरकार एक ओर आत्मनिर्भर भारत की बात कर रही थी कि दूसरी तरफ विदेशी कंपनियों को बढावा दे रही है । रेलवे में बड़ी मात्रा में पैसा निवेश करने का भी वित्त मंत्री ने घोषणा की है दूसरी तरफ सरकार रेलवे स्टेशनो और रेल उपक्रमों को बेच रही तो यह पैसा आखिर किस पर खर्च होगी वही बीमा क्षेत्र में विदेशी निवेश को 49% से बढ़ा कर 74% करना और एल आइ सी को ख़त्म करने की तैयारी कर रही हो जो बैंक डूबेगा उसके 5 लाख तक के ही खाताधारकों की वापसी के बात कह कर केंद्रीय मंत्री पल्लाझाड रही है गरीबों के लिये सामाजिक क्षेत्रो के लिये इस बजट में नजरअंदाज किया गया है किसानो को डीज़ल पर सब्सिडी मिलेगी पर डीज़ल पर 4रूपये और पेट्रोल पट 2.25 रूपये सेस लगा कर सरकार ने पुनः अपना किसान विरोधी चेहरा प्रदर्शित किया है इससे महंगाई और बढ़ेगा इनकम टैक्स और जीएसटी में किसी तरह की राहत नहीं दी गई । इलेक्ट्रॉनिक सामान ऑटो पार्ट्स सभी कुछ महंगे हो रहे हैं कॉटन के कपड़े भी महंगे हुए हैं मोबाइल उसके चार्जर दैनिक उपयोग की वस्तुओं की महंगाई बढ़ेगी जीडीपी की गिरती दर, बढ़ती मंहगाई और बेरोजगारी व्यापार व्यवसाय उद्योग धंधो की दुर्दशा पर केन्द्रीय बजट में कोई ध्यान नहीं दिया गया है उद्योगों खदानों में काम करने वाले कर्मचारियों ठेका मजदूरों असंगठित छेत्र में काम करने वालो को इस बजट ने निराश किया है कोरोना काल मे बन्द हुवे उद्योगों में कार्यरत श्रमिको को रोजगार व्यवस्थापन के लिए कुछ नही है !

 

दीपक दुबे
प्रदेशाध्यक्ष – इंटक छः ग

Whatsapp बटन दबा कर इस न्यूज को शेयर जरूर करें 

Advertising Space


स्वतंत्र और सच्ची पत्रकारिता के लिए ज़रूरी है कि वो कॉरपोरेट और राजनैतिक नियंत्रण से मुक्त हो। ऐसा तभी संभव है जब जनता आगे आए और सहयोग करे.

Donate Now

लाइव कैलेंडर

November 2025
M T W T F S S
 12
3456789
10111213141516
17181920212223
24252627282930