नमस्कार 🙏 हमारे न्यूज पोर्टल - मे आपका स्वागत हैं ,यहाँ आपको हमेशा ताजा खबरों से रूबरू कराया जाएगा , खबर और विज्ञापन के लिए संपर्क करे +91 97541 60816 ,हमारे यूट्यूब चैनल को सबस्क्राइब करें, साथ मे हमारे फेसबुक को लाइक जरूर करें , *सब कुछ याद रखा जाएगा,….जब प्रदेश में कोरोना की दूसरी लहर फैल रही थी तब….स्वास्थ्य सुविधाएं मजबूत करने के बजाए…..”*? – पर्दाफाश

पर्दाफाश

Latest Online Breaking News

*सब कुछ याद रखा जाएगा,….जब प्रदेश में कोरोना की दूसरी लहर फैल रही थी तब….स्वास्थ्य सुविधाएं मजबूत करने के बजाए…..”*?

😊 कृपया इस न्यूज को शेयर करें😊

सब कुछ याद रखा जाएगा
———————————-
याद रखा जाएगा कि जिस रोड सेफ्टी क्रिकेट सीरीज को कराने से प्रत्येक राज्य ने मना कर दिया कि इससे भीड़ जुटेगी और कोरोना फैलेगा, उसे छत्तीसगढ़ सरकार ने कराने की अनुमति दी। न केवल अनुमति दी, बल्कि जमकर फ्री पास भी बांटे गए। लोगों को मौत के मुह में फ्री सिटी बसें चलाकर पहुंचाया गया। प्रदेश में कोरोना फैलने का सबसे बड़ा कारण क्रिकेट मैच रहा।

याद रखा जाएगा कि जब प्रदेश में कोरोना की दूसरी लहर फैल रही थी, तब स्वास्थ्य सुविधाएं मजबूत करने की बजाय सत्ता में बैठे शीर्ष नेता दूसरे राज्यों के चुनाव प्रचार में मस्त- व्यस्त रहे। इसके कारण समय रहते कोई इंतजाम नहीं हो सका और प्रदेश में अफरातफरी का माहौल बना। दोबारा लॉकडाउन लगाना पड़ा। पूरा प्रदेश परेशान हुआ। मरीजों को इलाज नहीं मिल पाया। लाखों बीमार पड़े। हजारों की जान गई।

ψ

याद रखा जाएगा कि जब प्रदेश में कोरोना के रोजाना 10- 15 हजार केस आ रहे थे, 150- 200 लोग मर रहे थे, तब सरकार हाथ-पर-हाथ धरे बैठी रही। स्वास्थ्य सुविधा बढ़ाने की बजाय राज्य के नेता केंद्र के नेताओं पर दोषारोपण कर अपनी जिम्मेदारियों से भागते रहे। मुश्किल वक्त में भी नेता अपनी राजनीतिक रोटियां सेंकते रहे। जनता से ज्यादा, उन्हें अपनी कुर्सी की पड़ी रही। कोरोना के नाम पर सिर्फ जेबें गर्म होती रहीं।

याद रखा जाएगा कि जब कोरोना से लड़ाई का वक्त था, तब प्रदेश के मुखिया अपने ही एक मंत्री से लड़ते रहे। उन्होंने अपनी पूरी ताकत अपनी कुर्सी बचाने में झोंक दी। पूरे समय अपना चेहरा चमकाने में व्यस्त रहे। मंत्री को कमजोर करने के लिए उनके विभाग को ही कमजोर कर दिया गया, जबकि वही विभाग कोरोना से लड़ाई लड़ रहा था। सत्ता, कुर्सी के मोह ने प्रदेश की जनता को मौत के मुंह में ला खड़ा किया गया।

याद रखा जाएगा कि जब कोरोना का कहर बरपा तब सरकार मरीजों को इलाज नहीं दे पाई। सरकार के पास इस स्थिति से निपटने कोई पूर्व तैयारी नहीं थी, जबकि बीमारी को आये साल भर हो चुके थे। फिर भी सरकार ने कोई आपातकालीन इंतजाम नहीं किये। हजारों लोग बिना दवाई, वैक्सीन, इंजेक्शन, बेड, एम्बुलेंस, आक्सीजन और वेंटिलेटर के मर गए।

याद रखा जाएगा कि जब कोरोना से अफरातफरी का माहौल था। किसी भी अस्पताल में बेड नहीं मिल रहे थे। लोग प्राइवेट अस्पतालों के डॉक्टरों के आगे गिड़गिड़ा रहे थे, तब भी सरकार जनता के लिए पर्याप्त संख्या में अस्पताल ( कोविड केयर सेंटर ) नहीं खोले। आपदा में अवसर देख रहे और जमकर लूटपाट मचा रहे निजी अस्पतालों से सरकार ने हाथ मिला लिए और उन्हें लूट की खुली छूट दे दी गई।

याद रखा जाएगा कि कोरोना से लड़ाई में दिन-रात एक करने वाले और लोगों को जीवन बचाने वाले डॉक्टरों तक को सरकार पीपीई किट और मास्क उपलब्ध नहीं करा पाई। 24-24 घंटे काम कराने के बाद भी उन्हें उचित मेहनताना नहीं दिया गया। सबसे ज्यादा मेहनत जूनियर डॉक्टरों ने की, लेकिन इस कठिन वक्त में सरकार ने सबसे ज्यादा शोषण उन्हीं का किया। मजबूरी में उन्हें अपनी सुरक्षा के लिए हड़ताल पर उतरना पड़ा। फिर भी सरकार ने उन्हें सुरक्षा उपलब्ध नहीं कराई।

याद रखा जाएगा कि कोरोना से मौत के बाद अस्पतालों में लोगों की लाशें सड़ गईं। सरकार लाशों को जलाने तक का प्रबंध नहीं कर सकी। लोग परिजनों की लाशों के लिए भटकते रहे और सरकार भटकाती रही। सब कुछ याद रखा जाएगा।।

बहुत कुछ याद रखा जाएगा..

साभार सोशल मीडिया

केशव पांडेय की वाल से

 

Whatsapp बटन दबा कर इस न्यूज को शेयर जरूर करें 

Advertising Space


स्वतंत्र और सच्ची पत्रकारिता के लिए ज़रूरी है कि वो कॉरपोरेट और राजनैतिक नियंत्रण से मुक्त हो। ऐसा तभी संभव है जब जनता आगे आए और सहयोग करे.

Donate Now

लाइव कैलेंडर

October 2024
M T W T F S S
 123456
78910111213
14151617181920
21222324252627
28293031  

You May Have Missed