सुप्रीम कोर्ट ने हाथरस मामले को भयानक कहा, राज्य सरकार से पीड़ित परिवार की सुरक्षा को लेकर मांगा हलफनामा
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सुप्रीम कोर्ट ने हाथरस मामले को भयानक कहा, राज्य सरकार से पीड़ित परिवार की सुरक्षा को लेकर मांगा हलफनामा
नई दिल्लीः हाथरस मामले में आज सुनवाई के दौरान राज्य सरकार सरकार के ओर से बताया गया कि मामले की जांच एसआईटी कर रही है और सीबीआई जांच की सिफारिश भी की जा चुकी है। राज्य सरकार ने सुप्रीम कोर्ट से सीबीआई जांच की निगरानी का अनुरोध भी किया। सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट ने हाथरस मामले को भयानक बताया। कोर्ट ने राज्य सरकार से पूछा कि सरकार यह बताए कि हाथरस मामले के पीड़ित और गवाहों की कैसे सुरक्षा की जा रही है। मुख्य न्यायाधीश एसए बोबड़े ने कहा कि वो कोर्ट यह सुनिश्चित करेगा कि हाथरस मामले की जांच सही तरीके से चले।
सुप्रीम कोर्ट ने राज्य सरकार से यह भी पूछा है कि वह पीड़ित परिवार से पूछ कर बताए कि क्या उन्हें अपना वकील भी रखना है! चूंकि हाईकोर्ट ने भी इस मामले में संज्ञान लेकर राज्य सरकार से जवाब मांगा है तो सुप्रीम कोर्ट ने यह भी पूछा है कि हाईकोर्ट में क्या सुनवाई होनी है और उस याचिका के स्कोप को कैसे बढाया जा सकता है। अब सुप्रीम कोर्ट इस मामले पर अगले हफ्ते सुनवाई करेगा।
हाथरस मामले में आलोचना झेल रही राज्य सरकार सुप्रीम कोर्ट में आज बहुत सावधान दिखी। जनहित याचिकाओं पर सुनवाई से पहले ही, बिना कोर्ट की नोटिस का इंतजार किये ही अपना जवाब दाख़िल कर दिया था। व्यवस्था के मुताबिक कोर्ट सुनवाई के बाद जब याचिका स्वीकार करते हुए नोटिस जारी करता है तब जवाब ( हलफनामा) दायर होता है। यहां सरकार ने पहले ही दायर कर दिया था। हालांकि सरकार ने अपने हलफनामे में वही बाते दोहराई थीं कि पीड़िता का अंतिम संस्कार उसके परिवार वालों की सहमति और मौजूदगी में कराया गया।
रात में अंतिम संस्कार के मामले पर सफाई देते हुए कहा है कि रात में अंतिम संस्कार कानून व्यवस्था की स्थिति को ध्यान में रखते हुए किया गया। हलफनामे में बताया गया कि संभावित दंगों के कारण प्रशासन ने पीड़िता के परिवार को रात में शव का अंतिम संस्कार करने के लिए मना लिया था। खुफिया इनपुट से जानकारी मिली थी कि इस मामले को जाति/सांप्रदायिक रंग दिया जा सकता है। इसके अलावा सरकार ने दावा किया कि हाथरस मामले के बहाने राज्य में दंगा कराने की साजिश रची गई थी।
सरकार को बदनाम करने के लिए राजनीतिक पार्टियां और मीडिया के कुछ सेक्शन प्रोपेगेंडा कर रहे हैं। राज्य सरकार ने अपने हलफनामे में कहा है कि सरकार ने सीबीआई जांच की सिफारिश की है। सुप्रीम कोर्ट को उस जांच की निगरानी करनी चाहिए। सुप्रीम कोर्ट में दायर जनहित याचिकाओं में मांग की गई है कि मामले की जांच कोर्ट की निगरानी एसआईटी से करायी जाए। मामले का ट्रायल दिल्ली ट्रांसफर किया जाय।
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