खरसिया तिरुपति मिनरल्स डिपो में चल रहा कोयले में मिलावट एवँ अफरातफरी का खुला खेल….खनिज विभाग के मिलभगत से हो रहा खेल…कोयला घोटाला में रायगढ़ पूर्व कलेक्टर सहित उप संचालक खनिज नाग को हो चुकी है जेल….
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अवैध परिवहन के लिए खनिज विभाग दे रहा वैध टीपी
तिरुपति मिनरल्स संचालक के हिसाब से काम कर रहा खनिज अमला, तीन महीने की विशेष छूट लेने वाले पहले कोयला कारोबारी
रायगढ़, 28 सितंबर। केराझर के तिरुपति मिनरल्स को खनिज विभाग ने तीन महीने अतिरिक्त समय की विशेष सुविधा दी है। दरअसल डिपो में कोयले के अवैध परिवहन को वैध बनाने के लिए यह समय दिया गया है। खनिज अधिकारी अब तक तिरुपति मिनरल्स को 20 हजार टन से अधिक की टीपी दे चुके हैं। जांजगीर-चांपा की टीपी भी उपयोग की जा रही है। तिरुपति मिनरल्स से खनिज विभाग की यारी किसी दूसरे स्तर की है। नियम विरुद्ध पहली बार किसी कोल डिपो को 25 हजार टन कोयला परिवहन के लिए लाइसेंस अवधि के बाद तीन महीने अतिरिक्त दिए गए। तिरुपति मिनरल्स में कोयले में मिलावट के प्रमाण भी मिले। खनिज विभाग ने कलेक्टर के आदेश पर जांच की तो वहां अनुमति से अधिक कोयला पाया गया।
दरअसल भारी मात्रा में चोरी का कोयला भी वहां डंप किया गया था जिसके स्रोत की जानकारी डिपो कर्मचारी नहीं दे सके। अंशुमन मुरारका के इस डिपो पर साढ़े दस लाख की पेनाल्टी की गई। उसके बाद तीन महीने का समय दिया गया। बताया जा रहा है कि पेनाल्टी के बाद उसी अवैध कोयले को परिवहन करने के लिए टीपी जारी कर दी गई। कुछ टीपी जांजगीर चांपा से भी जारी की गई। डिपो में साल भर में कोयले की आवक और जारी टीपी का परीक्षण ही नहीं किया गया। अनुमति से अधिक कोयले की आवक-जावक मिलेगी। वर्तमान में भी डिपो में सैकड़ों टन कोयला डंप है।
कहां से आ रहा कोयला
वर्तमान में कोयला खदानों से उत्पादन कम हो चुका है। डिस्पैच किए गए कोयले की गाडिय़ां केराझर में डिपो में अंदर कराई जाती हैं। इस खेल में ट्रांसपोर्टर और तिरुपति डिपो संचालक की मिलीभगत है। प्लांट जाने वाले कोयले में मिलावट की जाती है। इसकी जांच करनेके बजाय खनिज विभाग ने तिरुपति मिनरल्स को अतिरिक्त सुविधा दे दी।
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