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पर्दाफाश

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*पुलिस को तकनीक और अत्याधुनिक संसाधन उपलब्ध होगा – पीएम मोदी -पुलिसिंग कभी राजनीति का शिकार ना बनें – गृहमंत्री*

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पुलिस को तकनीक और अत्याधुनिक संसाधन उपलब्ध होगा – पीएम मोदी

 

लखनऊ – उत्तरप्रदेश के राजधानी में पहली बार आयोजित तीन दिवसीय डीजीपी – आईजीपी कॉन्फ्रेंस के दूसरे दिन प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने शिरकत की। कॉन्फ्रेंस में पीएम मोदी ने देश की आंतरिक सुरक्षा से लेकर बाह्य सुरक्षा , तटीय सुरक्षा , वामपंथी उग्रवाद , नारकोटिक्स , साइबर क्राइम , आतंकवाद जैसे कई महत्वपूर्ण मुद्दों पर विस्तार से चर्चा की। कांफ्रेंस में पीएम मोदी ने पुलिस अधिकारियों को संबोधित करते हुये कहा कि पुलिस अफसर देश के भीतर उभर रही सुरक्षा चुनौतियों के लिये तैयार रहें। पीएम के संबोधन के बाद देश के सभी राज्यों से आये पुलिस महानिदेशकों ने अपने-अपने राज्यों को लेकर प्रेजेंटेशन भी दिये।तीसरे और अंतिम दिन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने देश के सभी राज्यों के पुलिस संगठनों को संबोधित किया। इस दौरान केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह और एनएसए चीफ अजीत डोभाल भी मौजूद रहे। पीएम मोदी ने पुलिस अधिकारियों को आश्वस्त किया कि पुलिस को तकनीक और अत्याधुनिक संसाधन उपलब्ध कराये जायेंगे। उन्होंने पुलिस अफसरों से यह भी कहा है कि वे बदलती हुई जरूरतों के मुताबिक मैदानी अमले को भी प्रशिक्षित करें।इसके पहले यहां पर विभिन्न राज्यों के डीजीपी और आईजीपी के सम्मेलन के तीसरे दिन संवेदनशील राज्यों की सुरक्षा व्यवस्था व उसके समाधान पर चर्चा हुई। इसमें पीएम मोदी ने कश्मीर में बढ़ती हिंसा को रोकने , बढ़ते साइबर क्राइम से निपटने , बांग्लादेशी घुसपैठ और कट्‌टरवाद सुरक्षाबलों को आधुनिक तकनीक व हथियारों का प्रशिक्षण , नक्सलवाद से निपटने के लिये राज्यों की साझा मुहिम के साथ ही सीमा पर आमने-सामने आने के बजाये दुश्मन के देश के भीतर अस्थिरता पैदा करने के रचे जा रहे षड्यंत्र पर अंकुश लगाने के बिंदु पर अहम समाधान पर भी अपने विचार रखे।

  1. पुलिसिंग कभी राजनीति का शिकार ना बनें – गृहमंत्री

बताते चलें शुक्रवार को लखनऊ में देश के गृहमंत्री अमित शाह ने 56 वीं ऑल इंडिया डीजी कॉन्फ्रेंस का शुभारंभ किया था। तीन दिवसीय डीजी कॉन्फ्रेंस में सभी राज्यों के पुलिस महानिदेशक व पुलिस महानिरीक्षक सहित पैरामिलिट्री फोर्सेज के चीफ शामिल हुये। कॉन्फ्रेंस में मुख्य रूप से आंतरिक और बाह्य सुरक्षा, आतंकवाद विरोधी चुनौतियां, नक्सलवाद, उग्रवाद, नारकोटिक्स तस्करी, जेल सुधार, सहित साइबर क्राइम, डाटा क्राइम जैसे महत्वपूर्ण बिंदुओं पर चर्चा करने के साथ ही इनसे निपटने की रणनीति बनाने पर जोर दिया गया। गृहमंत्री शाह ने साफ कहा कि पुलिसिंग और राजनीति अलग-अलग है। पुलिसिंग को राजनीति का शिकार नहीं होना चाहिये। पुलिस को अच्छे काम का इनाम मिलना चाहिये तो गलत काम करने वालों को सजा भी मिलनी चाहिये। उन्होंने केंद्र व राज्यों की एजेंसियों में बेहतर तालमेल पर जोर दिया। उन्होंने कहा कि साइबर क्राइम बड़ी चुनौती बनती जा रही है। इससे निपटने के लिये राज्य पुलिस को केंद्रीय एजेंसियों के साथ मिल कर काम करना होगा। उन्होंने सोशल मीडिया की निगरानी पर जोर देते हुये कहा कि ऐसी पोस्ट जो कानून व्यवस्था को प्रभावित करने वाले होते हैं , उनसे सख्ती से निपटा जाये। इससे पहले गृहमंत्री ने कोविड महामारी के दौरान सुरक्षा बलों द्वारा निभाई गई भूमिका और उनके त्याग की सराहना भी की। तीसरे दिन की कॉन्फ्रेंस में पीएम मोदी के साथ केन्द्रीय गृहमंत्री अमित शाह और एनएसए चीफ अजीत डोभाल भी मौजूद रहे। ऐसा पहली बार हो रहा है जब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी तीन दिनों तक राजधानी लखनऊ में ही रुक रहे हैं , हालांकि यूपी में होने वाले वर्ष 2022 के विधानसभा चुनाव को भी इस दौरे के पीछे की एक बड़ी वजह माना जा रहा है। तीसरे दिन कांफ्रेंस खत्म होने के बाद प्रधानमंत्री अमौसी एयरपोर्ट पहुंचे। यहां से दिल्ली के लिये रवाना हो गये।

सम्मेलन में पीएम की गहरी रुचि

पीएम मोदी ने वर्ष 2014 से लगातार डीजीपी सम्मेलन में ना सिर्फ शामिल हो रहे हैं , बल्कि इसमें गहरी रुचि भी लेते हैं। पहले की प्रतीकात्मक उपस्थिति के विपरीत वे सम्मेलन के सभी सत्रों में भाग लेकर स्वतंत्र और अनौपचारिक चर्चाओं को प्रोत्साहित करते हैं, जिससे शीर्ष पुलिस अधिकारियों को देश को प्रभावित करने वाले प्रमुख नीति-निर्धारण और आंतरिक सुरक्षा से जुड़े मुद्दों पर सीधे प्रधानमंत्री को जानकारी देने का अवसर मिलता है। पीएम मोदी के दृष्टिकोण के अनुसार ही वर्ष 2014 से वार्षिक सम्मेलन को दिल्ली से बाहर आयोजित किया गया है , जिसे परंपरागत रूप से दिल्ली में आयोजित किया जाता था। इसमें वर्ष 2020 का डीजीपी सम्मेलन एक अपवाद है , जिसे वर्चुअल तौर पर आयोजित किया गया था। सम्मेलन को वर्ष 2014 में गुवाहाटी में , वर्ष 2015 में धोर्डो – कच्छ की खाड़ी में , वर्ष 2016 में राष्ट्रीय पुलिस अकादमी हैदराबाद में , वर्ष 2017 में बीएसएफ अकादमी टेकनपुर में , वर्ष 2018 में केवड़िया और 2019 में आईआईएसईआर पुणे में आयोजित किया गया था।

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