जांजगीर जिले के रहने वाले निरीक्षक लीलाधर राठौर नवाजे जाएंगे वीरता पदक से।
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* जांजगीर जिले के रहने वाले निरीक्षक लीलाधर राठौर नवाजे जाएंगे वीरता पदक से।
जिले में पाली थाने का प्रभार संभाल रहे निरीक्षक लीलाधर राठौर को गैलेट्री अवॉर्ड से नवाजा जाएगा। यह अवार्ड उन्हें नक्सल क्षेत्र में अदम्य साहस से कार्य करने के लिए दिए जा रहा है। उन्होंने नक्सलियों के गढ़ में घुसकर न सिर्फ नक्सलियों का सामना किया, बल्कि कई सारे ऑपरेशन नेतृत्व कर अनेकों नक्सलियों को मार गिरा कर देश व प्रदेश की आंतरिक सुरक्षा व शांति में अपना महत्वपूर्ण योगदान दिया है। मूलतः ग्राम झरना बाराद्वार में पले बढ़े श्री राठौर की प्रारंभिक शिक्षा स्थानीय विद्यालय झरना में हुई उन्होंने जांजगीर महाविद्यालय में बीएससी की पढ़ाई की, तत्पश्चात आगे की पढ़ाई के लिए इंदौर विश्वविद्यालय चले गए जहां उन्होंने अपनी एमएससी पूरी कर रविशंकर विश्वविद्यालय पीएचडी के लिए ज्वाइन किए थे कि इसी दौरान उन्होंने स्वयं सिविल परीक्षा की तैयारी शुरू दी थी, लेकिन पिता श्री हेमचंद राठौर जी का सपना साकार करने श्री राठौर ने पुलिस सेवा ज्वाइन किए। पुलिस सेवा में उनका चयन वर्ष 2013 में सब इंस्पेक्टर के तौर पर हुई तथा लगभग डेढ़ वर्षो के अकादमी ट्रेनिंग व डेढ़ वर्षों के व्यावहारिक ट्रेनिंग महासमुंद में पूरी करने के पश्चात 2016 उनकी पहली तैनाती घोर नक्सल क्षेत्र बीजापुर जिले में हुई। वे बीजापुर में अपनी सेवा देते रहे थे कि इस बीच उन्हें नक्सल क्षेत्र में कार्य करने के लिए कमांडो की विशेष ट्रेनिंग लेने मिजोरम भेजा गया जहां वे 30 दिनों तक कड़ी ट्रेनिंग कर पुनः नक्सलियों के गढ़ में लौटे। जहां दिसंबर 2016 में डीआरजी ऑपरेशन टीम का नेतृत्व करते हुए नक्सलियों के डिवीजन कमांडेंट को मुठभेड़ में मार गिराया। इस वाक्ये के बाद सरकार की ओर से श्री राठौर को बतौर टर्न प्रमोशन निरीक्षक के पद पर पदोन्नत किया गया। वर्ष 2018 में निरीक्षक श्री राठौर के नेतृत्व में ऑपरेशन टीम ने जन मलेशिया कमांडर को हथियार के साथ मार गिराया गया, वे लगातार अपनी नेतृत्व से अनेक नक्सल ऑपरेशन चलाए जिसके बाद 2019 उनका ट्रांसफर कोरबा जिला में हुई अपने कार्यकाल का अनुभव साझा करते हुए बताया कि वे अपना लगभग पूरे तीन साल बीजापुर घोर नक्सली क्षेत्र में डीआरजी इंचार्ज के रूप में कार्य किये। कोरबा जिले में आमद के साथ श्यांग पुलिस चौंकी की जिम्मेदारी मिली जिसके बाद पसान व वर्तमान में पाली थाना की जिम्मेदारी का सफलतम निर्वह कर रहे है। शासन ने उनके द्वारा घोर नक्सल क्षेत्र में किये गए साहसिक कार्य के लिए उनका नाम गैलेट्री एवार्ड के लिए नामांकित किया था।
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