आज परम् पूज्य पिताजी की पुण्यतिथि पर विशेष।क्या खोया और क्या पाया हमने?
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“पाती 2020 के लिए।”
आज पापा की पुण्यतिथि पर उन्हें
शत शत नमन सादर प्रणाम पापा।
आपको खोने का दुख आज भी असहनीय है…
आ जाओ पापा फिर से😢
इस वर्ष का आखिरी दिन है आज।
क्या खोया और क्या पाया हमने?
2020 का कड़वा अनुभव रहा।
आज हम साल के अंतिम महीने के अंतिम दिन में है आप सभी का शुक्रिया जिनकी वजह से मेरे चेहरे पर खुशी आई,बेईमानो झूठे षडयंत्रकारियो,गिरगिट की तरह रंग बदलने वालों को कभी माफ नही करेंगे मेरे परिवार की बद्दुआएं रंग लायेगी।कभी माफ नही कर पायेगा मेरा परिवार। इनकी वजह से हमारी हंसी को ग्रहण लगा मेरा परिवार रोया मेरे बच्चे परेशान हुए मन को ठेस भी पहुँचा और मैने गम्भीर होकर जीवन में आगे बढ़ना और लड़ना सीखा।
सभी छुपे हुए शुभचिंतकों के कारण जीवन मे आगे बढ़ने की सीख मिली।हमको नही पता था इससे पहले की हमारे इतने शुभचिंतक है और हम सबके लिए इतने खास है।सभी की लंबी चौड़ी लिस्ट तैयार है जिनको हमारी बुराई में मजा आता है भगवान उनको इसी में खुश रखे।
आज मेरे पापा को इस दुनिया से गये तिथि अनुसार 1 वर्ष हो गए अपने पापा के यादों के सहारे आखिर यह वर्ष समाप्त हो रहा है।पापा एक दिन भी मुझसे दूर कही नही गए।
मैने अपने जीवन की सबसे कीमती चीज,सबसे प्रिय अनमोल रतन मेरे जन्मदाता को खोया है 13 दिसम्बर 2019 का यह दिन मेरे लिए काला दिन था।मुझे सबसे ज्यादा प्यार करने वाले मेरे पापा जी की अकस्मात मृत्यु हो गई इस बात को जीतने बार एहसास करती हूं कि वो नही रहे मैं हर बार मरती हूँ। जिसके दुख से उबर पाना मेरे लिए बहुत मुश्किल हो रहा है,फिर भी अपने आपको मैने सम्हाला है,क्योकि वे मुझसे कभी भी एक पल के लिए भी अलग नही हुए।पूरा जीवन उनके आदर्शों और सिद्धान्तों को समर्पित है।मेरे पापा मेरे अनमोल रत्न हैं।
2020 हमारे लिए अनुभवों से भरा रहा इस वर्ष में सैकड़ों गद्दार विश्वासघाती लोग जो हमारे बीच शुभचिंतक और अपने बनकर बैठे नाटक करते थे जो आस्तीन के सांप थे हमने उन सभी का पहचान कर लिया है।सभी की सच्चाई हमने जाना है।सबसे बड़ी बात समय की कीमत को पहचाना है हमने जो समय इनपर खर्च किये।अपने लिए जीने का अपने आगे सोचने की सीख मिली है।
कुछ लोगों ने हमारे साथ छलपूर्वक,षड्यंत्रपूर्वक बहुत बड़ी बड़ी घटनाओं को अंजाम दिया जिनका चिन्हांकन भी हुआ,जिनको कभी माफ कर पाना मुश्किल है,न ही मेरे भगवान उन्हें माफ करेंगे,इन्ही लोगो के कारण ही आज मेरे पापा हमारे बीच नही रहे सदमे में उनका स्वास्थ्य बिगड़ा था यही गद्दार हत्यारों की वजह से आज मेरे पापा मेरे साथ नही है।भगवान इनको कभी माफ नही करेंगे दिल से बद्दुआएं देती हूं,जिन्होंने मुझे और मेरे परिवार को षडयंत्र के तहत झूठे प्रकरणों में फंसाया और उनका साथ जिन जिन ने भी दिया उन सभी का सर्वनाश होना तय है क्योंकि मैंने सबकुछ उस परमात्मा पर छोड़ दिया है और कभी कुछ गलत होने देंगे।सभी छुपे हुए शत्रुओं को वही मात देंगे।
बहुत ही स्वार्थी मित्रों और अपनों के स्वार्थपन से परिचय हुआ है जिन्होंने मुसीबत आते ही हमसे बात तक करना छोड़ दिया ऐसे लोगों का चिन्हांकन हुआ है।और अब उनसे सतर्क रहने उनके साथ टाइम पास का खेल खेलने से बचना बहुत जरूरी हो गया है जीवन मे आगे बढ़ने के लिए।
आप सभी से मैं हमेशा ही कुछ न कुछ सीख लेती हूं बस इतना ही कहना चाहूंगी कि सच हमेशा ही कड़वा होता है, पर वही सच असल में अमृत भी है जिससे हम भूत भविष्य व वर्तमान को बचा सकते हैं।इसलिए मैं हमेशा ही सत्यमेव जयते के ध्येय वाक्य के साथ बड़े आत्मविश्वास को लेकर चलती हूँ और हमेशा चलूंगी।पत्रकारिता को कुछ लोगों ने चुनौती दी है ऐसी पत्रकारिता को लोग जन्म जन्म तक याद रखेंगे।
💐सभी छोटो को आशीर्वाद स्नेह व प्यार बड़ो को प्रणाम हमउम्रों को राम राम जय जोहार राधे राधे💐
I hate every गद्दार,
Just wait & watch
Ψ my god is great
I love you papa…😢
मन की बात साल के अंतिम दिवस….31 दिसम्बर
एडिटर आरती वैष्णव
सामाजिक कार्यकर्ता व पत्रकार खरसिया।
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