नमस्कार 🙏 हमारे न्यूज पोर्टल - मे आपका स्वागत हैं ,यहाँ आपको हमेशा ताजा खबरों से रूबरू कराया जाएगा , खबर और विज्ञापन के लिए संपर्क करे +91 97541 60816 ,हमारे यूट्यूब चैनल को सबस्क्राइब करें, साथ मे हमारे फेसबुक को लाइक जरूर करें , अर्नब को जमानत मिलने पर उमा भारती ने दी बधाई, महाराष्ट्र सरकार को लगाई लताड़ – पर्दाफाश

पर्दाफाश

Latest Online Breaking News

अर्नब को जमानत मिलने पर उमा भारती ने दी बधाई, महाराष्ट्र सरकार को लगाई लताड़

😊 कृपया इस न्यूज को शेयर करें😊

POLITICS

अर्नब को जमानत मिलने पर उमा भारती ने दी बधाई, महाराष्ट्र सरकार को लगाई लताड़

रिपब्लिक मीडिया नेटवर्क के एडिटर-इन-चीफ अर्नब गोस्वामी को सुप्रीम कोर्ट से बुधवार को बड़ी राहत मिली है। उनकी याचिका पर सुनवाई करते हुए उन्हें अंतरिम जमानत दे दी गई है जिसपर बीजेपी की तरफ से पहला रिएक्शन सामने आया है। बीजेपी नेता उमा भारती ने अर्नब को जमानत मिलने पर खुशी जताई है।

रिपब्लिक को इस बड़ी जीत के लिए बधाई देते हुए वरिष्ठ नेता ने महाराष्ट्र सरकार पर निशाना साधा है। उन्होंने कहा- “मैं उनको बधाई देती हूं। उन्हें जमानत मिलने का मतलब है कि उन पर जो आरोप लगे हैं वो बदले की भावना से लगाए गए थे।”

रायगढ़ पुलिस को अर्नब को रिहा करने के आदेश 

सुप्रीम कोर्ट ने रायगढ़ पुलिस को अर्नब को रिहा करने के आदेश दिए हैं। बता दें कि अर्नब पिछले आठ दिनों से जेल में हैं। सुनवाई के दौरान, सुप्रीम कोर्ट ने महाराष्ट्र सरकार पर सवाल उठाए और कहा कि इस तरह से किसी व्यक्ति की व्यक्तिगत आजादी पर बंदिश लगाया जाना न्याय का मखौल होगा।

न्यायमूर्ति धनन्जय वाई चंद्रचूड़ और न्यायमूर्ति इन्दिरा बनर्जी की पीठ ने राज्य सरकार से जानना चाहा कि क्या गोस्वामी को हिरासत में लेकर उनसे पूछताछ की कोई जरूरत थी क्योंकि यह व्यक्तिगत आजादी से संबंधित मामला है।

पीठ ने टिप्पणी की कि भारतीय लोकतंत्र में असाधारण सहनशक्ति है और सरकार को इन सबको नजरअंदाज करना चाहिए। न्यायमूर्ति चंद्रचूड़ ने कहा, ‘‘उनकी जो भी विचारधारा हो, विचारधारा में मतभेद हो सकते हैं और अगर विचारधारा अलग तो चैनल न देखें। लेकिन अगर संवैधानिक न्यायालय आज इस मामले में हस्तक्षेप नहीं करेगा तो हम निर्विवाद रूप से बर्बादी की ओर बढ़ रहे होंगे।’’

पीठ ने कहा कि सवाल यह है कि क्या आप इन आरोपों के कारण व्यक्ति को उसकी व्यक्तिगत आजादी से वंचित कर देंगे।

गोस्वामी ने बंबई उच्च न्यायालय के नौ नवंबर के आदेश को चुनौती दी है जिसमें उन्हें और दो अन्य को अंतरिम जमानत देने से इंकार कर दिया था और उन्हें राहत के लिये निचली अदालत जाने का निर्देश दिया गया था।

Whatsapp बटन दबा कर इस न्यूज को शेयर जरूर करें 

Advertising Space


स्वतंत्र और सच्ची पत्रकारिता के लिए ज़रूरी है कि वो कॉरपोरेट और राजनैतिक नियंत्रण से मुक्त हो। ऐसा तभी संभव है जब जनता आगे आए और सहयोग करे.

Donate Now

लाइव कैलेंडर

November 2024
M T W T F S S
 123
45678910
11121314151617
18192021222324
252627282930