‘आपातकाल के दौरान भी अर्नब जैसी गिरफ्तारी नहीं देखी’: पत्रकार पी राजन
😊 कृपया इस न्यूज को शेयर करें😊
|
GENERAL NEWS
‘आपातकाल के दौरान भी अर्नब जैसी गिरफ्तारी नहीं देखी’: पत्रकार पी राजन
रिपब्लिक मीडिया नेटवर्क के एडिटर-इन-चीफ अर्नब गोस्वामी की गिरफ्तारी की दिग्गज पत्रकार पी राजन ने कड़ी निंदा की है। आपातकाल के दौरान गिरफ्तार किए गए पत्रकार ने कहा कि उन्होंने ‘आपातकाल के दौरान भी इस तरह की अत्याचारी हरकत नहीं देखी थी’। राजन ने कहा कि ‘महाराष्ट्र सरकार का प्रतिशोध स्पष्ट दिख रहा है जो एक दिन उन पर जरूर भारी पड़ेगा।’
एक वीडियो में, पी राजन ने कहा, “रिपब्लिक टीवी के अर्नब गोस्वामी की प्रथम दृष्टया गिरफ्तारी अभियोजन का एक घोर और निंदनीय कार्य है। यह अभियोजन नहीं है बल्कि उत्पीड़न है क्योंकि अर्नब महाराष्ट्र सरकार के खिलाफ एक विशेष रेखा को पार कर रहे थे। भले ही वह आपको पसंद हो या न हो, लेकिन उन्हें देश के नागरिक के रूप में ऐसा करने का पूरा अधिकार है। सिर्फ इसलिए कि महाराष्ट्र सरकार को यह पसंद नहीं आया जो उन्होंने एक्सपोज किया या एक्सपोज करना चाहिए था, वे नाराज हो गए।”
उन्होंने आगे कहा- “उन्हें उच्चस्तरीय ढंग से गिरफ्तार किया गया है और उनके परिवार के साथ दुर्व्यवहार हुआ है। ऐसे कदम अत्याचारी और खतरनाक हैं जो प्रेस की आजादी को खतरे में डालते हैं। इस कदम की किसी और कार्रवाई से तुलना करना बकवास है।”
“मैं 60 से अधिक सालों से पत्रकार हूं और मैंने कभी किसी पत्रकार के खिलाफ पुलिस प्रशासन द्वारा इस्तेमाल किए गए ऐसे तरीके नहीं देखे, आपातकाल के समय भी नहीं। मुझे आपातकाल के दौरान रक्षा नियमों के तहत गिरफ्तार किया गया था और मैंने आपातकाल के दौरान पुलिस अधिकारियों की ओर से कोई अत्याचारपूर्ण व्यवहार नहीं देखा। यह साफ तौर पर प्रतिशोध है और अंत में ये उछल कर महाराष्ट्र सरकार पर ही आएगा।”
ये भी पढ़ेंः अर्नब की गिरफ्तारी पर पूर्व DGP एसपी वैद की मुंबई पुलिस को सलाह, ‘राजनीतिक फरमानों के बजाय कानूनी रूप से करें काम’
अर्नब गोस्वामी हुए गिरफ्तार
बता दें कि अर्नब गोस्वामी को बुधवार सुबह बिना समन जबरन गिरफ्तार कर लिया गया। कुछ पुलिस अधिकारी उनके आवास पर पहुंचे और बिना किसी दस्तावेज के, उनके घर के अंदर घुसकर उनके साथ मारपीट की। इसके बाद मुंबई पुलिस ने उन्हें बिना किसी पूर्व सूचना के एक पुराने केस में गिरफ्तार कर लिया जो बंद हो चुका था और अपने साथ अलीबाग ले गई।
महाराष्ट्र के रायगढ़ जिले में अर्नब गोस्वामी और दो अन्य आरोपियों को 18 नवंबर तक न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया है। महाराष्ट्र पुलिस ने गोस्वामी की 14 दिन की हिरासत का अनुरोध किया लेकिन अदालत ने कहा कि हिरासत में लेकर पूछताछ करने की जरूरत नहीं है। इस बीच, बॉम्बे हाईकोर्ट फिलहाल अर्नब की अवैध और गैरकानूनी गिरफ्तारी के खिलाफ याचिका पर सुनवाई कर रहा है।
इस बीच, महाराष्ट्र राज्य मानवाधिकार आयोग (MHRC) ने गुरुवार को रिपब्लिक मीडिया नेटवर्क के एडिटर-इन-चीफ अर्नब गोस्वामी की गिरफ्तारी के संबंध में, रायगढ़ के SP को शुक्रवार को अपने कार्यालय में सुबह 11 बजे उपस्थित होने और आयोग के समक्ष पूरा मटेरियल रिकॉर्ड पेश करने का कारण दिखाओ नोटिस जारी किया है।
बता दें कि वकील आदित्य मिश्रा ने अर्नब गोस्वामी की अवैध गिरफ्तारी के खिलाफ महाराष्ट्र मानवाधिकार आयोग के समक्ष एक याचिका दायर की थी और मामले पर तत्काल विचार करने का आह्वान किया था।
Whatsapp बटन दबा कर इस न्यूज को शेयर जरूर करें |
Advertising Space