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पश्चिम बंगाल हाई कोर्ट ने दुर्गा पूजा पंडाल से नो एंट्री ऑर्डर हटाया, दिया ये आदेश

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पश्चिम बंगाल हाई कोर्ट ने दुर्गा पूजा पंडाल से नो एंट्री ऑर्डर हटाया, दिया ये आदेश

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नई दिल्‍ली: पश्चिम बंगाल के सबसे बड़ा त्योहार दुर्गा पूजा शुरू होने से एक दिन पहले भक्तों के लिए एक अच्छी खबर आई है। कलकत्ता हाई कोर्ट ने दुर्गा पूजा समारोह पर प्रतिबंधों में राहत देते हुए अपने आदेश में ढील दी है।

राज्य की राजधानी में 400 शीर्ष दुर्गा पूजा आयोजकों ने आदेश की समीक्षा के लिए अपील पर सुनवाई करते हुए हाई कोर्ट ने पंडालों में 45 लोगों के प्रवेश की अनुमति दी है। यह निर्णय ठीक उस समय पर आया है, जब 22 अक्टूबर को पांच दिवसीय दुर्गा पूजा उत्सव शुरू होने वाला है।

प्रत्येक पंडाल में नो-एंट्री ज़ोन के बाहर ढाक या पारंपरिक ड्रम प्रस्तुतकर्ताओ को “एक सीमित संख्या में” प्रदर्शन करने की अनुमति है। अदालत ने कहा, “अनुमति प्राप्त व्यक्तियों की सूची दैनिक आधार पर तय की जानी चाहिए। इन सूचियों को प्रतिदिन सुबह 8 बजे पंडालों के बाहर रखा जाएगा। बड़े पंडाल जिनका क्षेत्रफल 300 वर्ग मीटर से अधिक है, वह 60 लोगों तक की सूची बना सकते हैं, जबकि एक समय में 45 लोगों को ही पंडाल में रहने की अनुमति दी जा सकती है।

इसके साथ ही छोटे पंडाल 15 लोगों की सूची बना सकता है और इनमें 10 लोगों को पंडाल के अंदर रहने की अनुमति होगी। अदालत ने कल्याण बनर्जी की अपील पर किसी भी आदेश को पारित करने से इनकार कर दिया, जोकि आयोजकों के लिए दिए गए थे। इसमें दो महत्वपूर्ण अनुष्ठानों अंजलि और सिंदूर खेला को अनुमति देने के लिए कहा गया था।

पहले घोषित किया था नो-एंट्री जोन

इससे पहले कलकत्ता हाई कोर्ट ने पश्चिम बंगाल में सभी पंडालों को कोरोना की वजह से नो-एंट्री जोन घोषित किया था। राज्य में कोविड-19 के 3 लाख 25 हजार से ज्‍यादा मामले है। हाई कोर्ट ने आदेश दिया था कि छोटे पंडालों के लिए प्रवेश द्वार से पांच मीटर की दूरी पर बैरिकेड्स लगाने होंगे, जबकि बड़े लोगों के लिए 10 मीटर की दूरी बनाए रखनी होगी। पिछले आदेश में यह भी कहा गया था कि बैरिकेड्स पर नो-एंट्री बोर्ड होने चाहिए। हाई कोर्ट ने यह भी आदेश दिया था कि आयोजन समितियों से संबंधित केवल 15 से 25 व्यक्तियों को ही पंडालों में प्रवेश करने की अनुमति दी जाएगी।

कोर्ट ने कहा, “मार्च 2020 के बाद से मानव प्रजातियों के लिए जीवन सामान्य नहीं रहा है। अदालत के आदेश के बाद मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने प्रशासन के साथ बैठक कर अगले कदम पर फैसला किया। विशेषज्ञों ने शॉपिंग में सड़कों पर बढ़ती भीड़ और बिना किसी सावधानी या मास्क के चिंता व्यक्त की है।


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