खरसिया के स्थानीय श्री राम जानकी मंदिर में अन्नकूट के अवसर पर विशाल भंडारा का किया गया है आयोजन हजारों लोगों ने लिया महाप्रसाद का भोग
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अन्नकूट और गोवर्धन पूजा की महिमा और महत्व बहुत ही गहरा है।प्रकृति की आराधना का पर्व है गोवर्धन पूजा
प्रकृति के प्रति आभार का पर्व है गोवर्धन पूजा जिसे भगवान श्री कृष्ण की गोवर्धन पर्वत उंगली से उठाने वाले लीला का स्मरण करने के लिए मनाया जाता है।
खरसिया के स्थानीय श्री राम जानकी मंदिर में अन्नकूट के अवसर पर विशाल भंडारा का किया गया है आयोजन हजारों लोगों ने लिया महाप्रसाद का भोग
आज राममन्दिर खरसिया में दोपहर 12 बजे आरती के पश्चात् प्रति वर्ष की भांति इस वर्ष भी विशाल भंडारे का आयोजन हुआ खरसिया के भक्तों ने बड़े भाव के साथ महाप्रसाद का भोग ग्रहण किया प्राकृतिक सुंदरता के मध्य मंदिर प्रांगण में बैठकर प्रसाद लिया वहीं बहुतो ने घर ले जाकर अन्नकूट के भोग का आनंद उठाया
गोवर्धन पूजा और अन्नकूट की महिमा
भगवान कृष्ण की लीला का स्मरण: यह पूजा भगवान श्री कृष्ण की उस अद्भुत लीला को समर्पित है जब उन्होंने अपनी कनिष्ठा उंगली पर गोवर्धन पर्वत को उठाकर ब्रजवासियों और उनके पशुओं को देवराज इंद्र के प्रकोप से हुई मूसलाधार वर्षा से बचाया था। यह अहंकार पर भक्ति और प्रकृति की शक्ति की विजय का प्रतीक है।

प्रकृति के प्रति सम्मान और आभार यह पर्व प्रकृति के साथ मानव के सीधे संबंध को दर्शाता है। गोवर्धन पर्वत को प्रकृति का प्रतीक मानकर पूजा जाता है, क्योंकि यह ब्रजवासियों के लिए अन्न, जल, और पशुओं के लिए चारे का स्रोत था। यह हमें सिखाता है कि हमें जीवन देने वाली प्रकृति का सम्मान करना चाहिए।
गौ-पूजा किया जाता है ~ इस दिन गायों की पूजा का विशेष महत्व है, जिन्हें ‘गोधन’ कहा जाता है। गाय को देवी लक्ष्मी का स्वरूप माना जाता है, जो सुख-समृद्धि और स्वास्थ्य प्रदान करती हैं। गोवर्धन पूजा में गौ-सेवा और गौ-पूजन करने का विधान है।
अन्नकूट उत्सव
अन्नकूट’ का अर्थ है ‘अन्न का ढेर’।
इस दिन विभिन्न प्रकार के नए अनाज, दालों और सब्जियों से कई तरह के पकवान (मिठाई, करी, चावल आदि) तैयार किए जाते हैं और भगवान कृष्ण को भोग के रूप में अर्पित किए जाते हैं, जिसे 56 भोग भी कहा जाता है। यह भोग बाद में प्रसाद के रूप में सभी भक्तों में वितरित किया जाता है। यह अन्न की बहुतायत और भगवान द्वारा प्रदान किए गए भरण-पोषण के प्रति आभार व्यक्त करता है।
अन्नकूट गोवर्धन पूजा हमें भगवान की शरण में रहने, प्रकृति का सम्मान करने, अहंकार से दूर रहने और अन्न व गौधन के प्रति कृतज्ञता व्यक्त करने का संदेश देती है। माना जाता है कि इस पूजा से धन, धान्य, संतान और गोरस दूध, दही आदि में वृद्धि होती है।

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