रायपुर – स्वच्छ भारत ? लेकिन रायपुर के कुछ लोग सुधरना ही नहीं चाहते… गोकुल सोनी

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स्वच्छ भारत ? लेकिन रायपुर के कुछ लोग सुधरना ही नहीं चाहते…
साथियों, प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी जब “स्वच्छ भारत” का नारा देते हैं, तो उनका सपना केवल एक स्वच्छ देश का नहीं होता—वे एक ऐसे भारत की कल्पना करते हैं जहाँ नागरिकों में ज़िम्मेदारी और जागरूकता हो। लेकिन रायपुर शहर में कुछ लोगों की हरकतें इस सपने को गंदगी में तब्दील कर रही हैं।
तस्वीर देखिए—यह कोई गाँव या अनदेखा इलाका नहीं, रायपुर का व्यस्त *मालवीय रोड* है। दिनभर कमाई करने वाले दुकानदार रात होते ही अपनी दुकान का पूरा कचरा सड़क पर फेंककर चले जाते हैं। अगली सुबह तक यह कचरा आने-जाने वालों के पैरों से बिखर कर पूरे इलाके को गंदा कर देता है। और रविवार का दिन तो जैसे गंदगी का त्यौहार मनता है। फूटपाथ पर अवैध दुकानें लगाने वाले लोग बड़ी बेशर्मी से सारा कचरा सड़क पर उड़ेल देते हैं। न कोई नगर निगम को टैक्स, न कोई ज़िम्मेदारी का भाव—सिर्फ व्यापार करो, गंदगी फैलाओ और चलते बनो।
रायपुर के कई मोहल्लों में आज भी नुक्कड़ों पर ऐसा नज़ारा आम है—लोग अपने घरों का कचरा उठाकर सीधे सड़क पर फेंक देते हैं, जैसे सड़क कोई डस्टबिन हो। कहीं कूड़ेदान रखा हो तो भी उसका इस्तेमाल करने की ज़हमत नहीं उठाते। सबसे बड़ा आश्चर्य तो यह है कि इन सबके बावजूद रायपुर हर साल स्वच्छता सर्वेक्षण में अव्वल आता है, इनाम भी पाता है! क्या यह केवल कागज़ी सफाई है ?
स्वच्छ भारत सिर्फ सरकार की योजना नहीं है, यह हर नागरिक की जिम्मेदारी है। जब तक लोग खुद नहीं सुधरेंगे, तब तक किसी भी योजना का असर ज़मीनी हकीकत में दिखाई नहीं देगा।
@highlight
गोकुल सोनी
वरिष्ठ पत्रकार रायपुर

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