*महिला दिवस, होली के दिन महिला पुलिस अधिकारी के साथ पूर्व में ली गई सेल्फी फोटो का दुरूपयोग करना खरसिया के पत्रकार को पड़ा महंगा*
😊 कृपया इस न्यूज को शेयर करें😊
|
*📕महिला दिवस के दिन महिला पुलिस अधिकारी के साथ ली गई सेल्फी फोटो का दुरूपयोग करना खरसिया के पत्रकार को पड़ा महंगा📕*
*📕कार्यवाही, मामूली धारा में जेल दाखिल पत्रकारों में मचा हड़कंप📕*
*📕हर हाल में हर वर्ग की महिलाओं का सम्मान करें 🙏🏼 ✍️आरती वैष्णव*
महिलाएं किसी पद में है आम हैं खास हैं अधिकारी हैं गरीब हैं अमीर हैं तो क्या हुआ? वो भी किसी की बेटी बहन, पत्नी माँ होती हैं,और कुल परिवार की इज्जत होती हैं. गलती से भी महिला सम्मान को ठेस नही पहुंचाने का प्रयास हर वर्ग को करना चाहिए, जैसे हम महिला पत्रकार सम्मान की उम्मीद करतें हैं, उसी तरह कामकाजी, घरेलू, अधिकारी वर्ग महिलाएं भी उम्मीद करती हैं, ख़ासकर महिला दिवस के दिन यह घटना निंदनीय थी.खरसिया की महिला पु अधिकारी के साथ ली गई सेल्फी फोटो को पहले होली समाचार बनाकर समवेत शिखर समाचार पत्र में लगाया गया उसके बाद उस फोटो को क्रॉप करके विभिन्न व्हाट्सअप ग्रूप में वायरल किया गया, थोड़ी ही देर बाद सभी ग्रुपो से फोटो डीलिट भी कर दिया गया दो दिन बाद धारा 151 प्रतिबंधात्मक धारा के तहत पत्रकार विष्णु चंद्र शर्मा के ऊपर कार्यवाही की गई जिसमे शिकायत कर्ता चौकी प्रभारी है.तहसीलदार के समक्ष पेश किया गया जिसके बाद उन्हें जेल भेज दिया गया.
जिस पत्रकार से यह चूक हुई है, वे भी महिलाओं का खूब सम्मान करतें हैं किन्तु पता नही उनसे ये चूक कैसे हो गई?आश्चर्य की बात है मैं भी उनका सम्मान करती हुँ उन्हें भैया बोलती हुँ.,लेकिन जो भी था वह गलत था,सम्मान को ठेस पहुंचा जरूर, ऐसी घटनाओ से बुद्धिजीवी वर्ग को बचना चाहिए,महिला पत्रकार होने के नाते मैं इस घटना की निंदा करती हुँ, ज़ब हम किन्ही के साथ सेल्फी लेते हैं तब हम उस सेल्फी में अच्छे केप्सन की तलाश करतें हैं.अच्छाई देखना चाहते हैं, सुनना चाहते हैं. मजाक में भी महिलाओं का अपमान सर्वथा अनुचित है.
पत्रकार बुद्धिजीवी वर्ग में आते हैं उनसे इस तरह की बचकानी हरकत की उम्मीद भी नही करते किन्तु कभी कभी अति आत्मविश्वास,अतिउत्साह अधिक सकारात्मकता भी हमारे लिये घातक सिद्ध होती है.उम्मीद करती हुँ इस घटना के बाद से अतिउत्साही,या किसी के इशारों चल रहें लोगों के व्यवहार में परिवर्तन आएगा,सीख मिलेगी क्योंकि मजाक भी एक हद तक ही सही हैं, समाज में जो सम्मान हम अपनी पत्नी बहन, माँ, बेटी के लिये करतें हैं वहीं सम्मान अन्य बेटियों का भी करना ही होगा. मैं भी महिला हुँ इस सम्मान की खोज मैं भी करती हुँ
🙏🏼यह समाचार किसी का विरोध करने, या किसी का समर्थन करने के लिये नही बल्कि एक महिला पत्रकार के मन का उदगार है, एक अभिव्यक्ति है एक संदेश है.
Whatsapp बटन दबा कर इस न्यूज को शेयर जरूर करें |
Advertising Space