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लालटेन की रोशनी में पढ़ाई कर बन गई IAS, अंग्रेजी समझ में नहीं आई तो दीवार का लिया सहारा।

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लालटेन की रोशनी में पढ़ाई कर बन गई IAS, अंग्रेजी समझ में नहीं आई तो दीवार का लिया सहारा।

हिन्दी मीडियम से पढ़ाई करने वाली मध्य प्रदेश की सुरभि गौतम ने सिविल सर्विसेज की परीक्षा पास कर आईएएस बनने में सफलता पा ली। उनके संघर्षों की दास्तान बड़ी लंबी है। कभी घर में बिजली न होने पर उन्होंने लालटेन की रोशनी में ही पढ़ाई की। अंग्रेजी न आने पर उसको सीखने के लिए बड़ा संघर्ष किया।

साल 2016 में सुरभि ने यूपीएससी परीक्षा दी और पूरे देश में 50वीं रैंक हासिल कर आईएएस बन गईं। हालांकि इससे पहले भी वो पहले ही प्रयास में कई बड़ी परीक्षाओं में सफल हो चुकी थीं। हम आज आपको एमपी में सतना जिले की रहने वाली आईएएस सुरभि गौतन की सक्सेस स्टोरी के बारे में बताते हैं।

गांव के हिन्दी मीडियम से की पढ़ाई

सुरभि अंदारा गांव की रहने वाली हैं। उन्होंने अपने गांव के ही हिन्दी मीडियम के स्कूल से पढ़ाई की थी। आलम ये था कि गांव में कई घंटों लाइट नहीं आती थी। ऐसे में वो लालटेन की रोशनी में ही पढ़ाई करती रहती थीं। अपनी मेहनत और लगन से सुरभि ने हाईस्कूल और इंटर की परीक्षा में प्रदेश की मेरिट लिस्ट में नाम दर्ज करवाया।

सुरभि हिन्दी मीडियम से पढ़ी थीं। ऐसे में उनकी अंग्रेजी में पकड़ काफी कमजोर थीं। जब 12वीं के बाद उन्होंने इंजीनियरिंग में एडमिशन लिया तो उनसे अंग्रेजी में सवाल किया गया। सुरभि सवालों का अंग्रेजी में उत्तर देने में सक्षम नहीं हो पाईं। इसके बाद उन्होंने हार नहीं मानी और प्रयास शुरू कर दिया।

दीवारों के सहारे सीखी अंग्रेजी

उन्होंने भोपाल में इलेक्ट्रॉनिक एंड कम्युनिकेशन में इंजीनियरिंग करना शुरू किया था। वहां पर अंग्रेजी में जब वो जवाब नहीं दे सकीं तो उन्होंने इसे सीखने की ठानी। सुरभि ने दीवारों पर ही रोज 10 नये वर्ड लिखने शुरू किए और उनको याद करने लगी। इसके अलावा उन्होंने खुद से ही अंग्रेजी में बात करनी शुरू कर दी।

इसके साथ ही उन्होंने इंग्लिश के मुहावरों को सुनना और उनको याद करना व प्रयोग करना सीखा। इस तरह से उन्होंने अपनी अंग्रेजी सुधार ली। उनकी मेहनत रंग भी लाई। सुरभि ने कॉलेज का पहला सेमेस्टर ही टॉप कर लिया। उनको चांसलर की ओर से पुरस्कार भी मिला। इसके बाद भी सुरभि का कमाल कम नहीं हुआ।

बड़े-बड़े एग्जाम पहली बार में ही किए पास

इंजीनियरिंग पूरी करने के बाद सुरभिका पहला सेलेक्शन टीसीएस में हो गया था। हालांकि आईएएस बनने के सपने की वजह से उन्होंने नौकरी छोड़ दी। इसके बाद उन्होंने सिविल सर्विसेज की तैयारी की। इसी बीच ISRO, BARC, GTE, MPPSC, SAIL, FCI, SSC से लेकर दिल्ली पुलिस की परीक्षा दी और पहले ही प्रयास में सभी को पास भी कर लिया।

इसके बाद सुरभि ने वर्ष 2013 में आईईएस परीक्षा दी। उन्होंने इस परीक्षा में पूरे भारत में पहली रैंक हासिल की। सुरभि ने फिर 2016 में सिविल सेवा परीक्षा में 50वीं रैंक हासिल कर अपना आईएएस बनने का सपना भी पूरा कर लिया। सुरभि अब आईएएस हैं और उन के माता पिता भी अपनी बेटी पर गर्व करते हैं।

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