छोटा बेटा नायब तहसीलदार फिर भी बड़े को दे दी अनुकंपा नियुक्ति तत्कालीन प्रभारी डीईओ पी दासरथी द्वारा नियम विरुद्ध अनुकंपा नियुक्ति का एक और मामला,,,देखिये पूरी खबर।
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छोटा बेटा नायब तहसीलदार फिर भी बड़े को दे दी अनुकंपा नियुक्ति तत्कालीन प्रभारी डीईओ पी दासरथी द्वारा नियम विरुद्ध अनुकंपा नियुक्ति का एक और मामला,,,देखिये पूरी खबर।
बिलासपुर – जिले में एक के बाद एक जिला शिक्षा कार्यालय में फर्जी अनुकंपा नियुक्ति का भंडाफोड़ होता जा रहा है पहले श्वेता सिंह तो अब एक नायब तहसीलदार के भाई को अनुकंपा नियुक्ति दे दी गई कोरोना काल में शिक्षा विभाग में थोक के भाव अनुकंपा नियुक्ति दे दी गईं इसकी आड़ में वर्षों से पहले लटके मामले को भी निपटा दिया गया और अपात्रों को नियम विरुद्ध नौकरी दे दी गई इस आपदा को शिक्षा विभाग के अफसरों न अवसर में बदल दिया, इसी तरह एक मामले में मृत शिक्षिका के बड़े बेटे को नियुक्त दे दी गई जबकि उसका दूसरे नम्बर का बेटा नायब तहसीलदार के पद पर पदस्थ है नियम के मुताबिक छोटे बेटे को अनुकंपा नियुक्ति नही मिलनी चाहिए थी लेकिन नियमो को ताक पर रख कर छोटे बेटे को क्लर्क के पद पर नियुक्त कर दिया गया अपात्रों को अनुकम्पा नियुक्ति देने के मामले बढ़ते जा रहे हैं ।कोटा ब्लॉक के साशकिय उच्च्तर माध्यमिक विद्यालय बानाबेल में उच्च वर्ग शिशिका रही कल्पना श्रीवास्तव को 16 जून 2020को मृतयु हो गई उनके मृतयु के बाद उनके बड़े पुत्र विकल्प श्रीवास्तव द्वरा 16 जुलाई2020 को अनुकम्पा नियुक्ति के लिए आवेदन दिया उस समय पद नही होने के कारण नौकरी नही मिल सकी इसी के कारण आवेदन पेंडिंग में था कोरोना काल मे राज्य सरकार के द्वारा अनुकम्पा नियुक्ति देने के मामले को शिथिल कर दिया गया इसक अवसर शिक्षा विभाग के अफसरों ने उठाया उन्होंने विकल्प श्रीवास्तव को 2 जून 2021 को साशकीय उच्चतर माध्यमिक शाला खोंनसरा ब्लॉक कोटा में सहायक ग्रेड 3 के पद पर नियुक्ति दे दी गई।
आधा दर्जन से अधिक लोगो को दी गई नियुक्ति में फर्जीवाड़ा –
बता दें कि इसी दौरान आधा दर्जन से भी अधिक लोगो को अनुकम्पा नियुक्ति दी गई है शिक्षा विभाग ने कोरोना काल में अनुकम्पा नियुक्ति में जमकर गड़बड़ी की गई है 48 मृत शिक्षकों के परिवार वालो नियुक्ति दी गई है पात्र नहीं होने के कारण भी अपात्र लोगो को नियुक्ति दे दी गई इसमे तत्कालीन प्रभारी deo पी दाशरथी प्रस्तुतकर्ता क्लर्क विकासतिवारी के साथ अनुकम्पा नियुक्ति में गठित समिति की भूमिका संदिग्ध है।
अधिकारी बचा रहे एक दूसरे को –
बता दें कि इस पूरे फर्जीवाड़ा मामले में अधिकारी जाँच व कार्यवाही करने में लेट लातीफी कर रहे हैं व सवाल जवाब करने के बचते नजर आ रहे हैं।
फर्जीवाड़ा करने वाले अभ्यर्थी बचने के लिए कर रहे ig व sp से शिकायत –
आपको बता दें कि फर्जीवाड़ा करने वाले कुछ अभ्यर्थी अपराध के दण्ड से बचने के लिए ig व sp से शिकायत कर रहे हैं व जाँच दल पर आरोप लगा रहे हैं है जबकि खुद के घर में चार सदस्यों की नौकरी है , झूठा शपथ पत्र व विभाग को गलत जानकारी देना भी अपराध की श्रेणी में आता है ।
कुछ समाजिक संगठन व अधिवक्ताओं का दल फर्जीवाड़ा रोकने के लिए उच्च न्यायालय में याचिका दायर करने की कर रहे तैयारी-
बता दें कि एक के बाद एक इस प्रकार की फर्जीवाडा होने के कारण कुछ अधिवक्ता व सामाजिक संगठन इसको ध्यान में रखकर हाई कोर्ट में याचिका लगाने की तैयारी कर रहा है व जिससे फर्जीवाड़ा पर रोक लग सके व और भी जितने अभ्यर्थियों जो कि इस तरह फर्जीवाड़ा कर नियुक्त हो गए हैं उनको तत्काल बर्खास्त कर कठोर कार्यवाही हो सके।
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