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पर्दाफाश

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योगी जी आपके राज में यह वरिष्ठ महिला अधिवक्ता हो रही न्याय के लिए मोहताज न्याय पाने दर दर खा रही ठोकरें।कैसे आस लगाएं आम महिलाएं जब महिला अधिवक्ता हो रही प्रताड़ित।

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आखिर कब तक?

उत्तरप्रदेश/ लखनऊ

*🎯उत्तरप्रदेश की वरिष्ठ महिला अधिवक्ता हो रही न्याय के लिए मोहताज न्याय पाने दर-दर की खा रही ठोकरें।*

*🎯2018 से रह रही है अंधेरे में षड्यंत्र पूर्वक बिजली काटकर अनायास परेशान करने का आरोप महिला अधिवक्ता को नही दिया जा रहा विद्युत कनेक्शन।*

*🎯क्या एक महिला को आज के समय मे भी पहले की तरह ही न्याय व अधिकार के लिए तरसना पड़ेगा?*

🎯आखिर क्यों इस समाज मे पढ़ी लिखी महिलाओं पर भी आज भी अत्याचार जारी है हम जब भी यह समझने की कोशिश करते हैं कि आज महिलाओं को हराना उन्हें तोड़ना उनका हक अधिकार छीनना आसान नही है,तब अचानक ही हमारे सामने ऐसे उदाहरण सामने आ जाते है कि हमारे सारे भरम टूट से जाते हैं।*

*जब एक महिला अधिवक्ता को न्याय नही मिल रहा है,तो आम महिलाओं का क्या होगा? चिंतनीय विषय है।*
*आखिर कब तक?* https://youtu.be/36JUe6xMWhE

🎯आज हम बात कर रहें है एक महिला अधिवक्ता की जिनका विवाह हुआ उसके कुछ समय बाद से ही पति की ससुराल पक्ष की प्रताड़ना का दौर शुरू हुआ कभी दहेज में आये समान को लेकर,कभी उसके घर को लेकर कभी गाड़ियों को लेकर आखिर कब तक महिलाएं दहेज के कारण प्रताड़ित होती रहेंगी?

महिला अधिवक्ता पढ़ी लिखी जिम्मेदार महिला होकर भी यातनाएं सहती रही और जब सहनशीलता का बांध टूट गया तो उन्होंने सबंधित थाने में मामला दर्ज करवाना चाहा जैसा कि आप और हम सब जानते है आजकल अधिकतर थानों में वास्तविक मामले दर्ज नही किये जाते बल्की समझौते करवाये जाते हैं वैसा ही इस केस में भी हुआ समझौता कराकर पुलिस घर भेजती रही और फिर क्या प्रताड़ना का वह दौर चलता ही रहा महिला अधिवक्ता ने जैसे तैसे मामला दर्ज करवाया क्योकि वह कानून को अच्छी तरह जानती हैं लेकिन यहां भी खेल हुआ महिला अधिवक्ता के मुल्जिमानों को ही पुलिस द्वारा गवाह बना दिया गया जिस कारण से महिला अधिवक्ता को न्याय के लिए भटकना पड़ रहा है।

 

🎯प्रताड़ित करने वालो के साथ सभी देते चले गए महिला अधिवक्ता अपने हक की लड़ाई आज भी लड़ रही है,आप सभी जानकर हैरान हो जाएंगे महिला अधिवक्ता के आरोपियों सह अन्य अभियुक्तों ने षड्यंत्र पूर्वक जिस घर मे वो रहती है वहां की बिजली तक कटवा दिया है वह अपने और दो बच्चों का पालन पोषण अंधेरे घर मे ही कर रही हैं बच्चे उसी अंधेरे घर मे पढाई करते है, दिनचर्या बिना बिजली के ही चल रही है।

🎯उन महिला अधिवक्ता की जुबानी ही आप सभी उनकी कहानी जानेंगे।हम बड़ी बड़ी बातें करते है भाषण बाजी होती है महिलाओं के उत्थान,उनके स्वाभिमान और सम्मान की उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ में इस महिला अधिवक्ता के साथ जो हो रहा है और हुआ है वह बेहद चिंतनीय है कानून को जानने पढ़ने समझने वाली सशक्त महिला के साथ जब इतना अत्याचार हो रहा है तब आम महिलाओं को न्याय के बारे में तो सोचकर ही डर लग जायेगा।

 

🎯संवेदानशील सरकार में एक बुद्धिजीवी अधिवक्ता महिला के साथ ये अन्याय बेहद चिंतनीय वहां के अन्य प्रबुद्ध वर्ग भी उनके साथ खड़े होने से न जाने क्यों कतरा रहें हैं जहां तक पर्दाफ़ाश से उन्होंने अपना दर्द बयां किया वह बहुत टूटी हुई नजर आई अंत मे सिर्फ अपने बच्चों के लिए जीने की बात महोदया के द्वारा कही गई है।देर से मिला न्याय भी किस काम का हर इंसान में भरपूर सहनशक्ति और सहनशीलता नही होती है।महिला पत्रकार होने के नाते आज मैं उस महिला अधिवक्ता की आवाज बुलंद करना चाहती हूँ।उनके लिए न्याय की गुहार उत्तरप्रदेश सरकार से लगाती हूँ।हर सम्भव सहयोग महिला अधिवक्ता को किया जाए उनके घर की रौशनी के साथ साथ उनके जीवन मे भी न्याय और खुशियां आये जिनकी वे अधिकारी हैं।बहरहाल अभी इनके पारिवारिक मामले न्यायालय में है जहाँ से इनको न्याय की उम्म्मीद बरकरार है।

 

एडिटर आरती वैष्णव

छत्तीसगढ़

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