नमस्कार 🙏 हमारे न्यूज पोर्टल - मे आपका स्वागत हैं ,यहाँ आपको हमेशा ताजा खबरों से रूबरू कराया जाएगा , खबर और विज्ञापन के लिए संपर्क करे +91 97541 60816 ,हमारे यूट्यूब चैनल को सबस्क्राइब करें, साथ मे हमारे फेसबुक को लाइक जरूर करें , आज है उतपन्ना एकादशी-पार्वती की बहन थीं मां लक्ष्मी, तप से पाया था विष्णु को – पर्दाफाश

पर्दाफाश

Latest Online Breaking News

आज है उतपन्ना एकादशी-पार्वती की बहन थीं मां लक्ष्मी, तप से पाया था विष्णु को

😊 कृपया इस न्यूज को शेयर करें😊

ॐ समुतपन्नाय नमः💐

1
विष्णु पत्नी लक्ष्मी
विष्णु पत्नी के रूप में मां लक्ष्मी के जन्म के विषय में समुद्र-मंथन की कथा ही सर्वज्ञात है, लेकिन अलग-अलग पुराणों में इसकी अलग-अलग कथाएं वर्णित है। एक कथा के अनुसार लक्ष्मी और पार्वती बहनें हैं। आइए जानते हैं क्या आधार है लक्ष्मी की उत्पत्ति का।

2
लक्ष्मी की उत्पत्ति
लक्ष्मी की उत्पत्ति से संबंधित सबसे प्रचलित कथा जो ज्ञात है, वह है समुद्र-मंथन के उपरांत इसके 14 रत्नों में एक लक्ष्मी का भी प्रकट होना। पुराणों में वर्णित एक कथा के अनुसार देवराज इंद्र ने दुर्वासा ऋषि के शाप से मुक्त होने के लिए असुरों के साथ मिलकर यह मंथन किया था।

3
दुर्वासा का शाप
विष्णु पुराण में वर्णित इस कथानुसार एक बार कहीं भ्रमण के लिए जाते हुए रास्ते में इंद्र को ऋषि दुर्वासा मिल गए। ऋषि का मान करते हुए इंद्र ने उन्हें प्रणाम किया।

4
दुर्वासा का शाप
प्रसन्न होकर दुर्वासा ने इंद्र को आशीर्वाद देते हुए भगवान विष्णु को दिव्य पारिजात का पुष्प दिया। इंद्र ने उसे अपने वाहन ऐरावत हाथी के मस्तक पर रख दिया। पुष्प के प्रभाव से ऐरावत भी भगवान विष्णु के समान तेजस्वी हो गया और पुष्प को कुचलते हुए वहां से चला गया।

5
श्रीहीन इन्द्र
इसे अपना और भगवान विष्णु का अपमान मानकर दुर्वासा ने इंद्र को श्राप दिया कि वह श्री(लक्ष्मी)-हीन हो जाएगा। इसके प्रभाव से तुरंत ही इंद्रलोक से लक्ष्मी चली गईं और असुरों ने आक्रमण कर स्वर्ग पर अपना अधिकार कर लिया। इंद्र समेत सभी देवगण भयभीत होकर भगवान विष्णु के समीप पहुंचे जहां वो भगवती लक्ष्मी के साथ विराजमान थे।

6
समुद्र मंथन
इस कथा में जहां एक ओर सागर के गर्भ से लक्ष्मी के प्रकट होने की बात है, वहीं यह भी जुड़ा है कि लक्ष्मी इससे पूर्व ही भगवान विष्णु की भार्या रूप में विष्णुलोक में विराजमान थीं। संभवत: मंथन पश्चात् रत्नों के साथ लक्ष्मी का प्रकट होना समुद्र गर्भ में छिपे कीमती जवाहरातों का संकेत हो।

7
पार्वती की बहन लक्ष्मी
इस प्रकार देवी लक्ष्मी की यह जन्म-कथा कुछ अविश्वसनीय लगती है। एक अन्य कथा के अनुसार लक्ष्मी सप्तर्षियों में एक महर्षि भृगु की पुत्री थीं। पार्वती के पिता दक्ष और भृगु भाई थे। इस प्रकार लक्ष्मी भी पार्वती की बहन हुईं।

8
विष्णु को पाने के लिए लक्ष्मी की तपस्या
कथानुसार जिस प्रकार पार्वती शिव से प्रेम करती थीं और उन्हें पति रूप में पाना चाहती थीं, उसी प्रकार लक्ष्मी भी विष्णु को बहुत पसंद करती थीं और उन्हें पति रूप में पाना चाहती थीं। अपनी यह इच्छा पूरी करने के लिए उन्होंने समुद्र तट पर घोर तपस्या की और इसी के फलस्वरूप विष्णु ने उन्हें अपनी पत्नी रूप में स्वीकारा।

Whatsapp बटन दबा कर इस न्यूज को शेयर जरूर करें 

Advertising Space


स्वतंत्र और सच्ची पत्रकारिता के लिए ज़रूरी है कि वो कॉरपोरेट और राजनैतिक नियंत्रण से मुक्त हो। ऐसा तभी संभव है जब जनता आगे आए और सहयोग करे.

Donate Now

लाइव कैलेंडर

September 2024
M T W T F S S
 1
2345678
9101112131415
16171819202122
23242526272829
30