चीन के लिए जासूसी करने वाले पत्रकार की जमानत अर्जी खारिज, कोर्ट ने कही ये बात
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चीन के लिए जासूसी करने वाले पत्रकार की जमानत अर्जी खारिज, कोर्ट ने कही ये बात
चीन के लिए जासूसी करने के आरोपी स्वतंत्र पत्रकार राजीव शर्मा की जमानत अर्जी को दिल्ली की पटियाला हाउस कोर्ट ने खारिज कर दी है
चीन के लिए जासूसी करने के आरोपी स्वतंत्र पत्रकार राजीव शर्मा की जमानत अर्जी को दिल्ली की पटियाला हाउस कोर्ट ने खारिज कर दी है। शर्मा को हाल ही में दिल्ली पुलिस ने ऑफिसियल सीक्रेट एक्ट के तहत गिरफ्तार किया था। कोर्ट ने अपने आदेश में कहा कि जांच के इस मोड़ पर इतने संवेदनशील मामले में आरोपी को जमानत नहीं दी जा सकती है। अगर आरोपी को इस समय जमानत पर रिहा किया जाता है, तो वह जांच में बाधा डालने का प्रयास कर सकता है।
मुख्य मेट्रोपॉलिटन मजिस्ट्रेट पवन सिंह राजावत की अदालत ने सोमवार को अभियोजन पक्ष और राजीव शर्मा के वकीलों के बीच जमानत याचिका को लेकर चली लंबी बहस के बाद अपना आदेश सुरक्षित रख लिया था।
राजीव शर्मा की ओर से पेश हुए वकील अमिश अग्रवाल और आदिश सी. अग्रवाल ने कहा था कि पत्रकार को झूठे मामले में फंसाया जा रहा है। उन्होंने कोई अपराध नहीं किया है। शर्मा के वकील ने यह भी कहा कि उनके मुवक्किल एक 61 वर्षीय व्यक्ति हैं, जो कई बीमारियों से पीड़ित हैं और COVID-19 महामारी के दौरान उन्हें हिरासत में रखने का एक बड़ा जोखिम है। वकील ने कहा कि उनके न्याय से भागने, गवाहों को प्रभावित करने या सबूतों से छेड़छाड़ करने की कोई संभावना नहीं है।
दिल्ली पुलिस ने भी राजीव शर्मा की जमानत अर्जी का कोर्ट में पुरजोर विरोध किया था। सोमवार को ही पटियाला हाउस कोर्ट ने पुलिस कस्टडी खत्म होने का बाद आरोपी राजीव शर्मा, किंग शी और सह आरोपी शेर सिंह को 14 दिन की न्यायिक हिरासत में 11 अक्टूबर तक के लिए भेज दिया था।
स्पेशल सेल द्वारा आरोपियों को वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए पेश करने के दौरान कोर्ट को बताया गया कि मनी ट्रेल मामले पर ईडी को जांच के लिए कहा गया है। साथ ही जांच के दौरान मिले संदिग्ध दस्तावेज की जांच अभी भी चल रही है। पता लगाया जा रहा है कि इतने संदिग्ध और गोपनीय दस्तावेज कैसे इनका पास आए?
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