नवगठित सारंगढ़- बिलाईगढ़ जिला आज इतिहास रचने जा रहा है,कलेक्ट्रेट भवन का करेंगे भव्य शुभारंभ।
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सारंगढ़-बिलाईगढ़
नवगठित सारंगढ़- बिलाईगढ़ जिला आज इतिहास रचने जा रहा है। आज 3 सितंबर 2022 का दिन इसका साक्षी बनेगा। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल नवगठित जिला मुख्यालय सारंगढ़ में कलेक्टोरेट भवन का शुभारंभ करेंगे।
सारंगढ़ पूर्व में अविभाजित मध्यप्रदेश में नागपुर राज्य की राजधानी के रूप में शामिल था तथा 1952 में राज्य पुनर्गठन आयोग के गठन के बारे क्षेत्रियता वह भाषायी बाहुल्यता के आधार पर नागपुर को महाराष्ट्र राज्य में शामिल कर भोपाल को मध्यप्रदेश की नमी राजधानी बनाया गया इस दौरान सारंगढ़ राजपरिवार का सिक्का अविभाजित मध्यप्रदेश सरकार में चलता था तथा इसके पूर्व के रियासतकाल में भी सारंगढ़ के महाराजा जवाहिर सिंह को हाईकोर्ट का दर्जा दिया गया था। सारंगढ़ जिले की मांग सन् 1952 से ही चली आ रही है जिसके लिए बाद में सर्व दलीय जिला संघर्ष समिति बनाई गई थी जिसमें सभी प्रकार के राजनीतिक गैर राजनीतिक संगठनों के नागरिकगण शामिल हुए और धरना प्रदर्शन रैली और स्थानीय प्रशासन से लेकर राज्य सरकार तक ज्ञापन सौंपने की प्रक्रिया लगातार जारी रही ।इस दौरान सारंगढ़ के परिदृश्य व अस्तित्व में कई बार परिवर्तन हुआ तथा सारंगढ़ की ससंदीय सीट को समाप्त कर इसे रायगढ़ लोकसभा में मर्ज कर दिया गया और एक बार तो सारंगढ़ नगरपालिका को समाप्त कर इसे नगर पंचायत बना दिया गया था जो कि बाद में पुनः नगरपालिका बनाया गया ।इन समस्त उतार चढ़ाव के बाद भी सारंगढ़ को जिला बनाने की मांग लगातार जारी रही और सारंगढ़ जिला निर्माण संघर्ष समिति में कई पीढ़ियों के युवा बुजुर्ग बराबर शामिल होते रहे। जब अविभाजित मध्यप्रदेश सरकार के मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह थे तो गुरु घासीदास पुष्प वाटिका के कार्यक्रम में तत्कालीन कांग्रेसी नेताओं व तहसील पत्रकार संघ की मांग पर कार्यक्रम में ही दिग्विजय सिंह ने सारंगढ़ को जिला बनाने की घोषणा करते हुए सारंगढ़ में अतिरिक्त कलेक्टर व अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक की पदस्थापना भी कर दिया गया परन्तु चार महीने बाद ही इन अधिकारियों को वापस बुला लिया गया। सारंगढ़ के जिला बनने में देर होने का मुख्य कारण यहां हमेशा विपक्षी पार्टी का विधायक चुना जाना ही नजर आता है परन्तु यह मिथक केराबाई मनहर के विधायक बनने के बाद टूट गया और रमन सिंह मुख्यमंत्री बने इस दौरान नए जिले बनाने की प्रक्रिया शुरू हो गई और सारंगढ़ से कई छोटे शहरों को जिला बना दिया गया परन्तु साऱंगढ को जिला नहीं बनाया गया परिणामस्वरूप उत्तरी गनपत जांगड़े ने सारंगढ़ विधानसभा की सीट 52000 वोट से जीत लिया और जीतने के बाद से ही विधायक उत्तरी जांगड़े जिलाध्यक्ष अरूण मालाकार और पूरी कांग्रेस की टीम सारंगढ़ को जिला बनाने के लिए युद्धस्तर पर जुट गई जिसमें इन्हें अधिवक्ता संघ पत्रकार संघ व अन्य समस्त नागरिकों का सहयोग प्राप्त होता रहा और सारंगढ़ वासियों के जिले की मांग की प्रबलता को देखते हुए संवेदनशील मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने सारंगढ़-बिलाईगढ को जिला बनाने की घोषणा करते हुए इसका राजपत्र में अधिसूचना जारी कर अन्य समस्त प्रक्रियाओं को पूरा करते हुए आज तीन सितंबर को वह ऐतिहासिक पल आ ही गया जिसका इंतजार यहां के नागरिकों को वर्षों पूर्व से था तथा आज मुख्यमंत्री मंगल भवन स्थित कलेक्ट्रेट भवन का उद्घाटन करते हुए रोड शो व आमसभा भी लेंगे जिसमे हजारों लोगों के शामिल होने कि उम्मीद है।
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