छत्तीसगढ़ चुनाव के पहले आंतरिक रिपोर्ट ने बढ़ाई बघेल की परेशानी, कई कांग्रेसी विधायकों का रिपोर्ट कार्ड चिंताजनक…..!!
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चुनाव के पहले आंतरिक रिपोर्ट ने बढ़ाई बघेल की परेशानी, कई कांग्रेसी विधायकों का रिपोर्ट कार्ड चिंताजनक…..!!
रायपुर । चुनावी मिशन से पहले प्रदेश के मुखिया भूपेश बघेल मैदान में उतरकर प्रदेश सरकार की जमीनी हकीकत को देखेंगे। सीएम चार मई से प्रदेश की सभी 90 विधानसभा क्षेत्रों में बारी-बारी जाएंगे और कामकाज और कांग्रेस संगठन की टोह भी लेंगे। लेकिन इस कार्यक्रम के पहले आई राज्य के कांग्रेस विधायकों की परफार्मेंस रिपोर्ट ने बघेल की चिंता को बढ़ा दिया है। आंतरिक सर्वे में 71 में से 35 विधायकों की स्थिति को बेहद ही चिंताजनक पाया गया है। सीएम ने खराब प्रदर्शन वाले विधायकों को दो टूक नसीहत देते हुए कहा कि जिनका परफार्मेंस बेहतर नहीं है, उन सभी विधायकों को आत्मावलोकन करना होगा। विधानसभा चुनाव में अभी वक्त है, ऐसे में वे बेहतर कार्यप्रणाली से अपनी स्थिति में सुधार कर सकते हैं।
आकस्मिक दौरा करेंगे मुख्यमंत्री
राज्य में अक्तूबर-नवंबर 2023 में विधानसभा चुनाव होने हैं। ऐसे में डेढ़ साल पहले कांग्रेस के आंतरिक सर्वे में विधायकों के कमजोर प्रदर्शन ने सत्ता और संगठन की चिंता को बढ़ा दिया है। बघेल चार मई से प्रदेश के सभी विधानसभा क्षेत्रों का दौरा करने जा रहे हैं। सरगुजा संभाग के सामरी विधानसभा से दौरे की शुरुआत होगी। फिर वे बस्तर की सीट पर जाएंगे। इस दौरान मुख्यमंत्री द्वारा प्रत्येक विधानसभा क्षेत्र के किन्हीं तीन ग्रामों में आकस्मिक रूप से दौरा किया जाएगा। सीएम किस गांव में जाएंगे यह पहले से तय नहीं होगा।
कुछ घंटों पहले ही प्रशासनिक अमले को जानकारी दी जाएगी। सीएम इन ग्रामों में उपलब्ध नागरिक सुविधाओं, शासकीय योजनाओं के क्रियान्वयन, शासकीय कामों, शासकीय कार्यालयों आदि का निरीक्षण करेंगे। सीएम ग्रामीणों, प्रमुख व्यक्तियों एवं जनप्रतिनिधियों से बात करेंगे और उनसे फीडबैक व सुझाव लेंगे। ऐसे में कांग्रेस विधायकों को उनके क्षेत्रों में सीएम की नाराजगी भी झेलनी पड़ सकती है।
विश्वस्त सूत्रों का कहना है कि बस्तर व सरगुजा संभाग में आदिवासी समाज की कांग्रेस विधायकों के प्रति नाराजगी बढ़ रही है। इस क्षेत्र में सरकार के आश्वासनों के मुताबिक ज्यादा काम नहीं हो पाया है। वहीं समय-समय पर कांग्रेस संगठन और विधायकों के बीच आंतरिक कलह की बातें भी सामने आती रही हैं। पार्टी हाईकमान के समक्ष भी इस तरह की बातें कई बार खुलकर सामने आ चुकी हैं। कई बार देखने में आया है कि, कांग्रेस संगठन के पदाधिकारी सीधे तौर पर विधायकों पर अनदेखी का आरोप भी लगाते रहे है।वहीं वहीं कई विधायकों ने मंत्रियों के खिलाफ मोर्चा तक खोल रखा है।
विधायकों और कार्यकर्ताओं के बीच बढ़ने लगी है दूरी
कांग्रेस ने विधायकों के प्रदर्शन, क्षेत्र में सक्रियता, कार्यकर्ताओं से मुलाकात, सत्ता और संगठन में तालमेल सहित अन्य मुद्दों को लेकर मार्च से पहले एक आंतरिक सर्वे कराया है, इसमें अधिकांश विधायकों की स्थिति काफी चिंताजनक मिली है। हालांकि सीएम को उम्मीद है कि चुनाव में अभी डेढ़ साल का समय है, ऐसे में विधायक पहले ही सचेत हो जाएंगे तो पार्टी को नुकसान नहीं होगा। रायपुर में मीडिया से चर्चा में सीएम भूपेश बघेल ने साफ कहा कि अभी समय रहते सुधार किया जाएगा।
प्रदेश की राजनीति पर नजर रखने वाले जानकारों का कहना है कि प्रदेश के सभी विधानसभा क्षेत्रों में दौरे से पहले सीएम भूपेश बघेल के संकेतों के कई राजनीतिक मायने भी निकाले जा रहे हैं। विधायकों के रिपोर्ट कार्ड पर मुख्यमंत्री ने स्पष्ट इशारा कर दिया कि लगातार समीक्षा की आवश्यकता है। मुख्यमंत्री के इस बयान को कांग्रेस सरकार की चिंता के रूप में देखा जा रहा है। देश में सिर्फ छत्तीसगढ़ ऐसा राज्य है, जहां कांग्रेस की मजबूत सरकार है। ऐसे में मिशन-2023 में एक बार फिर सत्ता वापसी के लिए सत्ता और संगठन में तालमेल के साथ जमीनी स्तर को मजबूत करना जरूरी है।
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