किसान नेताओं से मिले भूपेश बघेल:CM ने कहा- मैं खुद भी किसान, इसलिए उनकी समस्याएं समझता हूं; टिकैत बोले- सरकार के फैसले से किसान खुश रायपुर6 घंटे पहले CM ने कहा- मैं खुद भी किसान, इसलिए उनकी समस्याएं समझता हूं; टिकैत बोले- सरकार के फैसले से किसान खुश …
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किसान नेताओं से मिले भूपेश बघेल:CM ने कहा- मैं खुद भी किसान, इसलिए उनकी समस्याएं समझता हूं; टिकैत बोले- सरकार के फैसले से किसान खुश
रायपुर6 CM ने कहा- मैं खुद भी किसान, इसलिए उनकी समस्याएं समझता हूं; टिकैत बोले- सरकार के फैसले से किसान खुश
मुख्यमंत्री भूपेश बघेल से रात को मिले किसान नेता।
किसान महापंचायत में शामिल होने छत्तीसगढ़ पहुंचे संयुक्त किसान मोर्चा के नेता मंगलवार रात मुख्यमंत्री भूपेश बघेल से मुलाकात करने के लिए पहुंच गए। इस दौरान मुख्यमंत्री ने कहा, वे खुद भी किसान हैं। इसलिए किसानों की तकलीफ समझते हैं। इस दौरान किसानों, कृषि संकट, सरकार के सहयोग और आदिवासियों की समस्याओं पर बात भी हुई।
किसान नेता राकेश टिकैत, युद्धवीर सिंह, राजाराम त्रिपाठी, मेधा पाटेकर रात करीब 8 बजे मुख्यमंत्री निवास पहुंचे। इस दौरान कांग्रेस नेता आरपी सिंह और जांजगीर-चांपा कांग्रेस अध्यक्ष चोलेश्वर चंद्राकर भी मौजूद रहे।हालांकि, मुख्यमंत्री ने राकेश टिकैत और मेधा पाटकर और दूसरे किसान नेताओं से अलग-अलग मुलाकात की।
राकेश टिकैत ने धान का समर्थन मूल्य 2500 रुपया देने की सराहना की। उन्होंने कहा, कई किसानों से बात हुई है। वे लोग इससे खुश हैं। उनकी दूसरी समस्याओं पर भी सरकार की ओर से ध्यान दिए जाने की जरूरत है। वहीं, मुख्यमंत्री ने कहा कि उनकी सरकार ने किसानों के लिए कई काम किए हैं। उन्होंने 2500 रुपए में धान की खरीदी और गोधन न्याय योजना की चर्चा की। राजीव गांधी किसान न्याय योजना की बात की।
शाम को पहुंची थीं मेधा पाटकर
शाम 5.20 पर मेधा पाटकर, डॉ. सुनीलम, बलवीर सिंह सिरसा, गौतम बंद्योपाध्याय जैसे नेताओं और सामाजिक कार्यकर्ताओं का एक प्रतिनिधिमंडल मुख्यमंत्री से मिलने पहुंचा था। इसमें भी किसानों, आदिवासियों, नदी, वन और पर्यावरण आदि का मुद्दा उठा। मुख्यमंत्री ने कहा, उनकी सरकार किसानों, आदिवासियों के हितों के लिए ही काम कर रही है। मुख्यमंत्री ने भरोसा दिलाया कि छत्तीसगढ़ में उनकी सरकार किसानों का अहित नहीं होने देगी।
मेधा पाटेकर और दूसरे नेता शाम को मुख्यमंत्री से मिलने पहुंचे थे।
मुख्यमंत्री के सामने यह बातें उठीं
किसान और जनसंगठनों के प्रतिनिधियों ने मुख्यमंत्री के सामने धान की खरीदी 15 क्विंटल प्रति एकड़ से बढ़ाकर 25 क्विंटल करने की मांग रखी। वहीं किसानों और सरकार दोनों को फायदा पहुंचाने के लिए धान आधारित अर्थनीति बनाने का सुझाव दिया। आदिवासी अंचल की समस्याओं, वन अधिकार कानून, विस्थापन और आंदोलनों के दमन का भी मामला उठा।
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