शहीद भगत सिंह ब्रिगेड 28 सितंबर को मनाएगा शहीद-ए-आजम भगत सिंह की जयंती मारवाड़ी पंचायती धर्मशाला में संगोष्ठी व सम्मान समारोह का होगा आयोजन.
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शहीद भगत सिंह ब्रिगेड 28 सितंबर को मनाएगा शहीद-ए-आजम भगत सिंह की जयंती
मारवाड़ी पंचायती धर्मशाला में संगोष्ठी व सम्मान समारोह का होगा आयोजन
रायगढ़। शहीद भगत सिंह ब्रिगेड की जिला इकाई द्वारा इस साल भी 28 सितंबर को शहीद-ए-आजम भगत सिंह की जयंती मनाई जाएगी। ब्रिगेड के रायगढ़ जिलाध्यक्ष कमल शर्मा के नेतृत्व में शहीद चौक स्थित उनकी प्रतिमा पर माल्यार्पण कर उन्हें श्रद्धा सुमन अर्पित किया जाएगा। स्टेशन रोड स्थित मारवाड़ी पंचायती धर्मशाला में 28 सितंबर को दोपहर 3 बजे से शाम 6 बजे तक संगोष्ठी होगी, जिसमें वक्तागण शहीद भगत सिंह की जीवनी पर प्रकाश डालेंगे।
शहीद भगत सिंह ब्रिगेड के जिलाध्यक्ष कमल शर्मा ने बताया कि पिछले दो सालों से कोरोना की वजह से शहीद भगत सिंह की जयंती पर सार्वजनिक रूप से कार्यक्रम आयोजित नहीं किया जा सका था। इस साल कोरोना संक्रमण न्यूतनम होने पर शहीद भगत सिंह का जयंती समारोह मनाने का निर्णय लिया गया है। मुख्य समारोह रेलवे स्टेशन रोड स्थित मारवाड़ी पंचायती धर्मशाला में होगा, जहां शहीद भगत सिंह की जयंती पर संगोष्ठी होगी, जिसमें विशिष्ट अतिथियों व शहर के गणमान्य नागरिकों का वक्तव्य होगा। सम्मान समारोह होगा, जिसमें देश व समाज हित में कार्य करने वाले विशिष्टजनों का सम्मान किया जाएगा। इसके पूर्व शहीद चौक स्थित शहीद-ए-आजम की प्रतिमा पर माल्यार्पण व पुष्प अर्पित कर उन्हें नमन किया जाएगा।
श्री शर्मा ने बताया कि शहीद-ए-आजम भगत सिंह का जन्म 28 सितंबर 1907 को अविभाजित भारत के लायलपुर जिले में बंगा में हुआ था। यह जगह अब पाकिस्तान में आती है। भगत सिंह भारत के एक महान स्वतंत्रता सेनानी क्रांतिकारी थे। चन्द्रशेखर आजाद व पार्टी के अन्य सदस्यों के साथ मिलकर इन्होंने भारत की स्वतंत्रता के लिए अभूतपूर्व साहस के साथ शक्तिशाली ब्रिटिश सरकार का मुक़ाबला किया। पहले लाहौर में बर्नी सैंडर्स की हत्या और उसके बाद दिल्ली की केन्द्रीय संसद (सेण्ट्रल असेम्बली) में बम-विस्फोट करके ब्रिटिश साम्राज्य के विरुद्ध खुले विद्रोह को बुलन्दी प्रदान की। इन्होंने असेम्बली में बम फेंककर भी भागने से मना कर दिया। जिसके फलस्वरूप अंग्रेज सरकार ने इन्हें 23 मार्च 1931 को इनके दो अन्य साथियों, राजगुरु तथा सुखदेव के साथ फाँसी पर लटका दिया गया।
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