जनपद सीईओ राधेश्याम मिर्झा पर गिर सकती हैं गाज जशपुर कलेक्टर ने विभिन्न आरोपो के तहत नोटिश जारी किया तो वही एक और शिकायत में सहायक आयुक्त आदिवासी विकास विभाग कोरबा ने नोटिश जारी किया,,,,

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जनपद सीईओ राधेश्याम मिर्झा पर गिर सकती हैं गाज जशपुर कलेक्टर ने विभिन्न आरोपो के तहत नोटिश जारी किया तो वही एक और शिकायत में सहायक आयुक्त आदिवासी विकास विभाग कोरबा ने नोटिश जारी किया,,,,
बिलासपुर – कोरबा के जनपद के सीईओ राधेश्याम मिर्झा की मुश्किलें बढ़ सकती हैं, जशपुर कलेक्टर ने नोटिश भेजकर जवाब मांगा हैं तात्कालिक मंडल संयोजक पथल गाँव जशपुर में रहते हुए इनके द्वारा भारी अनियमितता बरती गई थी व यह लेख किया है कि इनके द्वारा पदोन्नत पदस्थापन के स्थान हेतु जिले से कार्यमुक्त किये जाने के उपरांत 11 माह की लम्बी अवधि व्यतीत होने के उपरांत आपके द्वारा पूर्व पदस्थापना स्थान पथल गाँव जशपुर में आबंटित साशकीय आवास ग्रह रिक्त नही किया गया है व अनाधिकृत रूप से कब्जा किया हुआ है ।
व आपके द्वारा पूर्व पदस्थापना ग्रह के साशकीय आवास में छात्रावास आश्रमो को प्रदान की जाने वाली सामग्रियों को वितरण नही किया गया है व स्वयं रख लिया गया है व भारी गबन व अनियमितता बरती गई है क्यो न आपके ऊपर गबन का मामला दर्ज किया जाए, व चतुर्थ श्रेणी की कर्मचारियों की सेवा पुस्तिका पावती देकर प्राप्त कर ली गई है व मूल प्रति 11 माह की लंबी अवधी व्यतीत होने के उपरांत सेवा अभिलेखों को इस कार्यालय में जमा नही कराया गया है जो कि संदेहास्पद हैं,
इस प्रकार जशपुर कलेक्टर ने विभिन्न बिंदुओं के आधार पर नोटिश जारी कर जवाब मांग की हैं व जवाब नहीं दिए जाने पर एकपक्षीय कार्यवाही की बात कही है।
तो इसी कड़ी में एक और नोटिश दिनांक 8,9,2021 को एक बिलासपुर के शिकायतकर्ता के जाँच के आधार पर यह जवाब मांगा है कि प्रथम नियुक्ति आदेश के बाद से ही इनके द्वारा भारी मात्रा में गड़बड़ी कर धन एकत्रित कर करोड़ो की संपत्ति अर्जित की है, व विभाग से अनुमति नही ली है जो कि सिविल सेवा आचरण अधिनियम का सीधा सीधा उनलंघन हैं व जिसका विवरण शिकायत में दिया गया है व उस आधार पर इनके मूल पदस्थापना स्थान सहायक आयुक्त आदिवासी विकास विभाग कोरबा के द्वारा यह जवाब चाहा है, की प्रथम नियुक्ति आदेश के बाद जो संपत्ति अर्जित की है उसकी विभागीय अनुमति सहित समस्त आवश्यक दस्तावेज लेकर उपस्थित हो नही तो एकपक्षीय कार्यव्ही की जाएगी।
अब देखने वाली बात यह है कि इतने अनियमितता गबन व घोटाला करने के बाद साशन व प्रशासन को कार्यवाही करने में कितना समय लगता हैं।

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