छत्तीसगढ़ कांग्रेस का झगड़ा सुलझाएंगे राहुल गांधी, अंतिम फैसला लेने से पहले कर सकते हैं बस्तर का दौरा…
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छत्तीसगढ़ कांग्रेस का झगड़ा सुलझाएंगे राहुल गांधी, अंतिम फैसला लेने से पहले कर सकते हैं बस्तर का दौरा
रायपुर-: छत्तीसगढ़ कांग्रेस में मुख्यमंत्री पद को लेकर भूपेश बघेल और तुलसीदेव सिंह के बीच जारी सियासी खींचतान पर फैसला लेने से पहले राहुल गांधी बस्तर का दौरा कर सकते हैं। रिपोर्ट की मानें तो कांग्रेस नेता राहुल गांधी के जल्द ही छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के निमंत्रण पर बस्तर का दौरा करने की संभावना है, जिसके बाद वह राज्य में सत्ता संघर्ष पर अंतिम निर्णय लेंगे, जहां वरिष्ठ मंत्री टीएस सिंह देव ने बघेल को बदलने की मांग की है। सूत्रों ने बताया कि राहुल संभवत: बस्तर के दो दिवसीय दौरे पर जाएंगे।
दरअसल, बीते दिनों मुख्यमंत्री भूपेश बघेल जब दिल्ली आए थे, तब उन्होंने राहुल गांधी को राज्य में आमंत्रित किया था। वह छत्तीसगढ़ कांग्रेस में कलह के बीच दिल्ली आए थे और केंद्रीय नेतृत्व के सामने अपनी बात रखी थी। तुलसीदेव सिंह की मांग है कि उन्हें अब राज्य की कमान सौंप दी जाए। टीएस सिंह देव के समर्थकों का कहना है कि मुख्यमंत्री पद को लेकर ढाई-ढाई साल का समझौता हुआ था। हालांकि, बघेल खेमा इससे इनकार करता रहा है।
टीओआई की रिपोर्ट के मुताबिक, सूत्रों ने कहा कि छत्तीसगढ़ में भूपेश बघेल को बदलना है या नहीं, इस पर राहुल गांधी को ही आखिरी फैसला लेना है और वह जल्द ही ऐसा करेंगे। माना जा रहा है कि बस्तर यात्रा के बाद ही वह आखिरी फैसला लेंगे। हालांकि पार्टी के एक पदाधिकारी ने कहा कि राहुल गांधी ने अभी तक इस मसले पर ज्यादा सोच-विचार नहीं किया है। इधर, भूपेश बघेल अपने पद पर बने रहने को लेकर आश्वस्त हैं। उन्होंने एक टीवी इंटरव्यू में कहा कि उन्हें मुख्यमंत्री की कुर्सी छोड़ने का कोई निर्देश नहीं दिया गया है।
पार्टी के एक पदाधिकारी ने कहा कि राहुल गांधी को छत्तीसगढ़ दौरे का तीन दिवसीय कार्यक्रम भेजा गया है, जो जल्द ही इस पर फैसला लेंगे। टीएस सिंह देव ने शीर्ष पद के लिए दावा पेश किया है और यह तर्क दिया है कि दिसंबर 2018 में पार्टी के सत्ता में आने के बाद उन्हें बघेल के साथ एक अलग कार्यकाल का वादा किया गया था। दिसंबर 2018 में हुए विधानसभा चुनावों में कांग्रेस ने 90 में से 68 सीटों पर जीत हासिल की थी। उस दौरान कांग्रेस की लीडरशिप राजस्थान और मध्य प्रदेश में अंतर्कलह को लेकर भी परेशान थी। तब भूपेश बघेल के अलावा ताम्रध्वज साहू, चरण दास महंत और टीएस सिंह देव ने सीएम पद के लिए दावा किया था।
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