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RSS से जुड़ी मैगजीन ने Infosys पर साधा निशाना, कंपनी ने यूं दिया जवाब……

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RSS से जुड़ी मैगजीन ने Infosys पर साधा निशाना, कंपनी ने यूं दिया जवाब

‘पांचजन्य’ ने अपने एक लेख में IT सर्विस कंपनी Infosys कंपनी को फटकार लगाई। साथ ही इस लेख में कंपनी को देशविरोधी ताकतों और ‘टुकड़े-टुकड़े गैंग का मददगार’ तक बता दिया गया।

राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) के विचारों पर चलने वाली मैगजीन ‘पांचजन्य’ (Panchjanya) ने अपने नए वर्जन में गुड्स एंड सर्विस टैक्स (GST) और इनकम टैक्स पोर्टल में गड़बड़ियों का मुद्दा उठाने पर IT सर्विस कंपनी ‘इंफोसिस’ (Infosys) कंपनी को फटकार लगाई। साथ ही इस लेख में कंपनी को देशविरोधी ताकतों और ‘टुकड़े-टुकड़े गैंग का मददगार’ तक बता दिया गया। वहीं, इसके बाद अब मामले में ‘इंफोसिस’ के पूर्व सीएफओ और बोर्ड के सदस्य टीवी. मोहनदास पई (TV Mohandas Pai) ने मैगजीन पर तीखा हमला बोला।

मोहनदास पई ने इकोनॉमिक वेबसाइट ‘मनीकंट्रोल’ (Moneycontrol) से बातचीत में कहा कि ‘इंफोसिस’ हमेशा से ही देशहित में खड़ी रही है। उन्होंने कहा कि लगता है कि यह लेख कुछ ‘सनकी विचारों’ वाले लोगों द्वारा लिखा गया है। आगे उन्होंने कहा कि पोर्टल अगर यूजर्स की अपेक्षा के अनुरूप काम नहीं कर रहा, तो इसके लिए इंफोसिस की आलोचना की जा सकती है, लेकिन इसे राष्ट्र विरोधी कहना और इसे किसी साजिश का हिस्सा बताना कुछ दिमागी रूप से असंतुलित, सनकी लोगों का लेखन ही हो सकता है। हमें एकजुट होकर ऐसे मूर्खतापूर्ण बयानों की आलोचना करनी चाहिए।

बता दें कि इकोनॉमिक वेबसाइट Moneycontrol की हाल ही में प्रकाशित एक रिपोर्ट के मुताबिक, ‘पांचजन्य’ ने बेंगलुरु स्थित ‘इंफोसिस’ पर चार पेज की कवर स्टोरी छापी है, जिसमें ‘इंफोसिस’ के फाउंडर नारायण मूर्ति (Naryana Murthy) की तस्वीर लगा कर ‘साख और आघात’ लिखा है। इंफोसिस के प्रोजेक्ट्स के हेंडलिंग की आलोचना करने वाले इस लेख में कहा गया, ‘क्या कोई राष्ट्र-विरोधी शक्ति इसके जरिए भारत के आर्थिक हितों को चोट पहुंचाने की कोशिश कर रही है।’ कंपनी को ‘ऊंची दुकान, फीका पकवान’ बताते हुए, पांचजन्य ने कहा कि नियमित गड़बड़ियों ने भारतीय अर्थव्यवस्था में टैक्सपेयर्स के विश्वास को कम कर दिया है।

रिपोर्ट के मुताबिक, इस लेख में आगे कहा गया कि इंफोसिस द्वारा डेवलप GST और इनकम टैक्स रिटर्न पोर्टल दोनों में गड़बड़ियों के कारण, देश की अर्थव्यवस्था में टैक्स पेयर्स के भरोसे को झटका लगा है। सवाल उठाते हुए इस लेख में कहा गया कि क्या इंफोसिस के जरिए कोई राष्ट्रविरोधी ताकत भारत के आर्थिक हितों को चोट पहुंचाने की कोशिश कर रही है? हालांकि, मैगजीन ने स्वीकार किया कि गंभीर आरोप के लिए उसके पास कोई ठोस सबूत नहीं हैं, लेकिन लेख में कंपनी पर कई बार ‘नक्सलियों, वामपंथियों और टुकड़े-टुकड़े गैंग’ की मदद करने का आरोप लगाया गया है।

बता दें कि पांचजन्य और इंफोसिस विवाद को बढ़ता देख फिलहाल राष्ट्रीय स्वंयसेवक संघ ने पत्रिका में छपे लेख से किनारा कर लिया। आरएसएस के अखिल भारतीय प्रचार प्रभारी सुनील आंबेकर ने हाल ही में एक ट्वीट कर इस विवाद पर सफाई पेश की। उन्होंने ट्विटर पर लिखा, ‘भारतीय कंपनी के नाते इंफोसिस का भारत की उन्नति में महत्वपूर्ण योगदान है। इंफोसिस संचालित पोर्टल को लेकर कुछ मुद्दे हो सकते हैं परंतु पांचजन्य में इस संदर्भ में प्रकाशित लेख, लेखक के अपने व्यक्तिगत विचार हैं, और पांचजन्य संघ का मुखपत्र नहीं है। अतः राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ को इस लेख में व्यक्त विचारों से नहीं जोड़ा जाना चाहिए।’

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