*दूसरे राज्य से आकर सिसरिंगा गांव के बाजार झाला में ठहरे मासूम बच्ची के हृदय विदारक मौत की दर्द भरी दास्तां।*
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- *अन्य राज्य से आकर सिसरिंगा गांव के बाजार झाला में ठहरे मासूम बच्ची के करुणान्त की दर्द भरी दास्तां*
*@सिविलअस्पताल में इलाज के दौरान हुई मौत*
*9 सितम्बर असलम आलम खान धरमजयगढ़ ब्यूरो*:- सिसरिंगा गांव में बाजार झाला छपरी पर अन्य राज्य से आकर ठहरे खानाबदोश परिवार के एक 5 से 6 वर्ष की मासूम बच्ची की संदिग्ध परिस्थिति में मौत हो गई। अस्पताल में उपचार के दौरान मासूम ने दम तोड़ दिया।
जानकारी मुताबिक खाना बदोश की जिंदगी जीवन यापन कर रहे बाहरी राज्य के एक परिवार को उस वक्त बाजार के झोपड़ी में खुले जमीन पर सोना इतना महंगा पड़ गया,जिसकी वे कल्पना भी नही किए थे।माँ बाप को सपने में तसव्वुर भी नही था,की उनकी मासूम बच्ची के साथ ऐसा होगा। मासूम की माँ अस्पताल में दहाड़े मारकर रोती रही, पर कुदरत के सामने कहाँ किसी की चलती है! मासूम बच्ची का शव हॉस्पिटल के स्ट्रेचर में पड़ा था, वहीं माँ ये सोचकर रोती रही की कौन सी ऐसी मुझसे गलती हो गई जिसकी इतनी बड़ी सजा मिली है।
दर असल मामला धरमजयगढ़ क्षेत्र के सिसरिंगा गांव की है ,जहाँ अन्य राज्य से रोजी रोटी की तलाश में आए एक खानाबदोश कुनबा पर कुदरत का कहर इस रूप में बरपा की पूरा कबीला दहल उठा ,अन्य राज्य से आए बंजारा परिवार गांव गांव शहर शहर क्षेत्र में अंगूठी व जड़ी बूटी बेचकर कर अपना और अपने परिवार का भरण पोषण करने के जद्दोजहद में थे। खानाबदोश की जिंदगी जीने वाले लखनऊ का रहने वाला परिवार सिसरिंगा गांव में बिती रात अपना धंधा पानी करने के बाद गांव के बाजार झाला में खाना खाने उपरांत गहरी नींद में गाफिल थे। उसी दौरान जानकारी मुताबिक रात करीब 1 बजे मासूम लड़की कमला के पेट मे अचानक तेज दर्द महसूस हुआ, उसके बाद बच्ची ने वहां साथ में सोए अपने माता पिता को परेशानी बताई, लेकिन माता पिता ये सोचकर की बच्ची के पेट मे सामान्य दर्द हो रहा होगा। गांव में रात में ही वैध की तलाश करने लगे। लेकिन जब उन्हें कुछ समझ नही आया ,कुछ नही सुझा तो अपने कुनबे में मौजूद अन्य लोगों के बीच परेशानी आपस मे साझा किए। तब तक बच्ची की परेशानी और बढ़ने लगी थी, अंततः वहां मौजूद सारे लोग हलाकान हो गए।बताया जा रहा है उसके बाद बच्ची एक दम से मूर्छित अवस्था मे चली गई ,फिर घबराए माता पिता और वहां में रुके लोगों की मदद से बच्ची का इलाज कराने मोटरसायकल में सवार होकर धरमजयगढ़ सिविल अस्पताल पहुंचे।
लेकिन शायद तब तक काफी देर हो चुकी थी, बच्ची को संभवतः किसी जहरीले जंतु के जहर का बहुत ज्यादा असर हो चुका था, जिसकी जानकारी शायद बच्ची के माता पिता व कुनबे के लोगों को न हो सकी,अंततः धरमजयगढ़ अस्पताल में सुबह करीब 6 बजे इलाज के दौरान मासूम कमला ने दर्द भरी इस दुनिया को अलविदा कह दिया।
बता दें मासूम के दर्दनाक करुणान्त के बाद के बाद हॉस्पिटल में जो नजारा सामने पेश आया वह बहुत ही मार्मिक था, बच्ची की माँ बेटी कमला के शव के पास अकेली इस आस पर बैठी रोती रही कि शायद कोई आ जाए और मेरी बच्ची को किसी तरह से ठीक कर दें।
डॉक्टरों की माने तो मासूम कमला को किसी जहरीली जंतु जमीन में सोने के दौरान काट लिया था, जिसकी शायद जानकारी बच्ची सहिंत उसके माता पिता नही हो सकी ,हालांकि स्पष्ट रूप से बच्ची की मौत की वजह नहीं कही जा सकती है। बहरहाल बच्ची की मौत के बाद माता पिता मासूम कमला के शव को लेकर हॉस्पिटल से कहीं चले गए ।
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