अजीत जोगी युवा मोर्चा रायगढ़ लोकसभा के अध्यक्ष तरुण सिंह ठाकुर के नेतृत्व में एमएसपी उद्योग की आगामी जनसुनवाई पर रोक लगाने हेतु कलेक्टर को सौंपा गया ज्ञापन
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अजीत जोगी युवा मोर्चा रायगढ़ लोकसभा के अध्यक्ष तरुण सिंह ठाकुर के नेतृत्व में एमएसपी उद्योग की आगामी जनसुनवाई पर रोक लगाने हेतु कलेक्टर को सौंपा गया ज्ञापन
रायगढ़। अजीत जोगी युवा मोर्चा लोकसभा अध्यक्ष तरुण सिंह ठाकुर के नेतृत्व में 15 सितंबर को होने वाले एमएसपी उद्योग की जनसुनवाई पर रोक लगाने हेतु रायगढ़ कलेक्टर को ज्ञापन सौंपा गया है।
एमएसपी की होने वाली फर्जी जनसुनवाई को निरस्त करने की मांग को लेकर अजीत जोगी युवा मोर्चा रायगढ़ लोकसभा के अध्यक्ष श्री तरूण सिंह ठाकुर जी के नेतुत में सैकड़ों की तादात में बाईक रैली निकाल कर भारी संख्या में एमएसपी उद्योग की फर्जी जनसुनवाई का 15 सितंबर को जोरदार तरीके से विरोध किया जायेगा
ज्ञापन में कहा गया है की कोरोना काल में नियमों और पर्यावरण की अनदेखी कर जिस तरह से उद्योगपतियो से साठ गाठ कर रायगढ़ जिले में सरकार और जिला प्रशासन के द्वारा लगातार एक के बाद एक उद्योगों की विस्तार के लिए जनसुनवाई करवाया जा रहा है। जो की पूरी तरह से कानूनी रूप से नियमों को तोड़कर किया जा रहा है तत्काल एमएसपी की जनसुनवाई को जनहित पर्यावरण हित में निरस्त किया जाना न्याय उचित होगा।
निवेदन है कि एमएसपी रायगढ़ की जनसुनवाई 15 सितम्बर को तय की गई है। जहां पहले ही पर्यावरणीय नियमों के उल्लंघन के मामले में रीजनल कार्यालय पर्यावरण विभाग के जांच में मिनिस्ट्री आफ इनवायरमेंट फारेस्ट एंड क्लाइमेट चेंज गवर्मेंट आफ इंडिया के नोटिफिकेशन के विरुद्ध पाया गया था और 1 फरवरी 2021 को एमएसपी के डायरेक्टर और चीफ आपरेटिंग आफिसर को नोटिस जारी किया गया था जिसमे कहा गया था कि पावर प्लांट को बंद कर दिया जाए और इलेक्ट्रिसिटी, वाटर और दूसरे सप्लाय फेसिलिटी तत्काल डिसकनेक्ट किया जाए। वहीं फरवरी माह में पाल्युशन को लेकर रीजनल कार्यालय पर्यावरण द्वारा एक तरफ पावर प्लांट और विद्युत, पानी सहित अन्य सप्लाई को विच्छेद करने नोटिस जारी करता है और उसी विभाग द्वारा 5 माह में जन सुनवाई की अनुमति देता है। इसके अलावा उद्योग के क्षमता विस्तार के लिए 242.23 एकड़ भूमि की जरूत है जबकि प्रबंधन के पास महज 169.02 एकड़ भूमि उपलब्ध है। पर्यावरण विभाग ने जांच में पाया गया था कि प्रिवेंशन एंड कंट्रोल आफ पाल्युशन एक्ट 1981 के अनुसार छत्तीसगढ़ कंजर्वेशन बोर्ड के अनुसार खुले में फ्लाई ऐश डंप नहीं कर सकते हैं और विभाग द्वारा समय समय पर की गई जांच में पाया गया कि बहुत बड़े पैमाने पर फैक्टरी के करीब ग्राम मनुवापली में फ्लाई ऐश डंप किया हुवा पाया गया। जो कि भारत सरकार में पर्यावरण वन और क्लाइमेट चेंज में नियमों के विपरीत पाया गया था। 28/01/2021 की जांच रिपोर्ट के आधार पर 1 फरवरी 2021 को पाकर प्लांट बन्द करने और सभी सप्लाई को बंद करने तक कि बात कही गई थी।
इसी बीच एमएसपी प्रबंधन के हाथ ऐसा कौन सा अलादीन का चिराग मिल गया जिससे पाल्युशन और फ्लाई ऐश के यूटिलाइजेशन को लेकर समस्याओं को दूर कर दिया गया। जाहिर सी बात है कि एमएसपी को रीजनल कार्यालय द्वारा जारी की गई नोटिस महज दिखावा और कागजी खानापूर्ति तक सीमित रही है। इतना ही नहीं अब तक एमएसपी का कैप्टिव पावर प्लांट चालू है और दूसरे प्लांट के साथ पवार प्लांट के क्षमता विस्तार के लिए 15 सितम्बर को जनसुनवाई रखी गई है जो कई सवाल खड़े करती है। वर्तमान में पावर प्लांट की क्षमता 72.5 मेगावाट है और इसे बढ़ाकर 123.5 मेगावाट किया जायेगा। 72 मेगावाट पावर प्लांट से जब इतना पलाई ऐश निकल रहा है जिसका कोई यूटिलाइजेशन नहीं है ऐसे में 123.5 मेगावाट के उत्पादन से क्षेत्र में कितना प्रदूषण फैलेगा विचारणीय विषय है। इसलिये इस उद्योग की जनसुवाई की अनुमति मिलने का आदेश भी कटघरे में खड़ा होता है। इसके अलावा वर्तमान में कोविड- 19 संक्रमण काल में जनसुनवाई में कोविड प्रोटोकाल का पालन नहीं किया जाता है। जिस हेतु एमएसपी उद्योग का जनसुनवाई निरस्त किया जाए।
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