*देश के भविष्य जर्जर भवन में अपना भविष्य गढ़ने है मजबूर,प्राथमिक शाला पकरिया में अव्यवस्थाओ का है आलम है प्रशासन गौर फरमाए नही तो घट सकती है घटना पढ़े पूरी खबर**
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*देश के भविष्य जर्जर भवन में अपना भविष्य गढ़ने है मजबूर,प्राथमिक शाला पकरिया में अव्यवस्थाओ का है आलम है प्रशासन गौर फरमाए नही तो घट सकती है घटना पढ़े पूरी खबर*
पर्दाफाश न्यूज
प्राथमिक शाला पकरिया में एक बार फिर शैक्षणिक सत्र की शुरुआत जर्जर भवन से होने जा रही है। इस जर्जर भवन के नीचे बैठने के लिए बच्चे अब खुद सफाई के लिए जुटे हैं ।परंतु विभाग को शायद इनकी मजबूरियों से कोई लेना-देना नहीं। शिक्षा सत्र की शुरुआत 2 अगस्त से हो रही है। सत्र की शुरुआत जिसमें क्लास लगने के पहले स्कूलों को सैनिटाइजेशन के साथ-साथ साफ-सफाई भी करनी है। शिक्षा विभाग में आलम यह है कि बच्चे ही स्कूल की सफाई करने में जुटे हुए हैं ।जबकि प्रत्येक स्कूल में सफाई कर्मी काम कर रहे हैं। कोरोना संक्रमण के कारण पिछले 17 महीने से बंद शैक्षणिक संस्थाएं अब 2 अगस्त से खुलने जा रही है ।शासन और विभाग ने निर्देश जारी किया है कि शैक्षणिक सत्र की शुरुआत के पहले स्कूलों में साफ सफाई की जाए।
सैनिटाइजेशन भी किया जाए ताकि किसी भी तरह की कोई विपरीत स्थिति निर्मित ना हो। विकासखंड के ग्रामीण क्षेत्रों के कुछ स्कूलों की सफाई बच्चों के हवाले हैं।बंद पड़े स्कूलों को छात्र-छात्राएं साफ कर रहे हैं। विकासखंड के सभी स्कूलों में सफाई कर्मी की नियुक्ति की गई है इसके बावजूद बच्चों से साफ सफाई करना समझ से परे है। बच्चों में भी स्कूल जाने की भारी उत्सुकता देखी जा रही है । लगभग डेढ़ वर्ष से अपने सहपाठियों और दोस्तों से नहीं मिल पा रहे थे। पर अब उन्हें फिर से स्कूल खुल जाने से मुलाकात हो जाएगी इस बात की खुशी है। अभी भी शैक्षणिक संस्थाएं तभी खुल सकेंगे या बच्चे तभी विद्यालय में आ सकेंगे जब पालक के साथ-साथ वहां के जनप्रतिनिधि भी सहमत होंगे। स्कूल खोलने पर भी शासन के द्वारा गाइडलाइन का पालन करने के लिए निर्देश जारी किया गया है। ताकि संक्रमण की गुंजाइश ना हो सके वहीं 50% क्षमता के साथ ही बच्चों को स्कूलों में बुलाया गया है। रोटेशन के आधार पर ही बच्चे स्कूल पहुंचेंगे।
शिक्षा विभाग प्राथमिक शाला पकरिया में पढ़ रहे बच्चों के लिए एक भवन उपलब्ध नहीं करा पाया जबकि कई बार ग्रामीणों और वहां के जनप्रतिनिधियों ने शिक्षा विभाग के आला अधिकारियों का ध्यान प्राथमिक शाला भवन हेतु आकृष्ट कराया था लेकिन कुंभकरण निद्रा में सोए अधिकारियों की ध्यान इस ओर नहीं गया। एक बार फिर से जर्जर भवनों में होने जा रही है विभाग ने ऐसे स्कूलों को मरम्मत करने ठीक करने के लिए रुचि नहीं दिखाई जिसके कारण अब एक बार बच्चे फिर से उसी जगह पर बैठ कर पढ़ाई करेंगे।
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