*कहीं फॉरेस्ट जमीन पर तो कहीं आदिवासी निजी व राष्ट्रीय मार्ग के किनारे बिना एनओसी वह अनुमति बगैर डाल दिया फ्लाई ऐश।सिंघल इंटरप्राइजेस द्वारा एनजीटी के नियमों की उड़ाई जा रही है धज्जियां*
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*सिंघल इंटरप्राइजेस की मनमानी जोरो पर*
*@तराईमाल गेरवानी पूंजीपथरा तुमीडीह ग्रामों के आसपास डालें फ्लाई एश*
*@कहीं फॉरेस्ट जमीन पर तो कहीं आदिवासी निजी व राष्ट्रीय मार्ग के किनारे बिना एनओसी वह अनुमति बगैर डाल दिया फ्लाई एश*
*@सिंघल इंटरप्राइजेस द्वारा एनजीटी के नियमों की उड़ाई जा रही है धज्जियां*
असलम खान धरमजयगढ़ /घरघोड़ा ब्यूरो:– सिंघल इंटरप्राइजेज की मनमानी चरम सीमा पर है एनजीटी के नियमों की धज्जियां उड़ाते हुए फैक्ट्री में आसपास के कई ग्राम पंचायतों को फ्लाई ऐश प्रदूषित कर रखा है पिछले दिनों अखबारों के माध्यम से जानकारी दी गई थी कि प्लांट के पीछे की ओर रिजर्व फॉरेस्ट क्षेत्र में फ्लाई एस डंप किए जा रहे हैं तथा फैक्ट्री के पीछे की ओर हजारों टन फ्लाई एस के पहाड़ बना दिए गए वहीं फॉरेस्ट के बीच से गुजरता हुआ पानी का नाला जोकि फ्लाई एस की वजह से पूरी तरह पट चुका है उसके बावजूद अभी तक पर्यावरण तथा वन विभाग द्वारा कोई कार्यवाही की सुगबुगाहट नहीं आ रही है इस वजह से सिंघल इंटरप्राइजेज के हौसले बुलंद होते जा रहे हैं तथा खुलेआम पर्यावरण एनजीटी के नियमों की धज्जियां उड़ाते हुए रायगढ़ घरघोड़ा मार्ग के गेरवानी तराई माल पूंजीपथरा तुमीडीह के क्षेत्र में फ्लाई एस हजारों टन की मात्रा में डाल दिए गए जबकि नियमानुसार किसी खुले जगह पर इस तरह एनजीटी के नियमों का उल्लंघन नहीं किया जा सकता साथ ही साथ शासन द्वारा स्पष्ट निर्देश की जो भी फ्लाई एस प्लांटों से निकलेंगे वह सीधे खनिज खदानों के गड्ढे में डाले जाएंगे परंतु ऐसा नहीं हो रहा है खनिज खदान के गड्ढों के दस्तावेज का उपयोग आसपास के शासकीय गड्ढे रिजर्व फॉरेस्ट की जंगल तथा आदिवासियों व निजी जमीनों पर बिना एनओसी एवं पर्यावरण विभाग की अनुमति के बगैर फ्लाई एस डाल दिए गए हैं।
गौर फरमाने वाली बात तो यह भी है कि आने वाले 28 जुलाई को सिंघल इंटरप्राइजेज विस्तार की जनसुनवाई होनी है फैक्ट्री के नुमाइंदे क्षेत्र के जनप्रतिनिधियों तथा आम नागरिकों का समर्थन पाने के एड़ी चोटी लगा रखे हैं परंतु विरोध की लहर ज्यादा है जनप्रतिनिधि नेता भी अब आम जनता के पक्ष में होते जा रहे हैं क्योंकि अगर जनप्रतिनिधि ही फैक्ट्री का समर्थन करेंगे तो ग्रामीण जनता के पास किस मुंह से वोट मांगने जाएंगे अगर यह हाल अभी है तो जब फैक्ट्री का विस्तार हो जाएगा और उसकी उत्पादन क्षमता बढ़ जाएगी तो सोचिए कि कितने मात्रों में फ्लाई एस फैक्ट्री से निकलेंगे और उन्हें कहां शिफ्ट किया जाएगा यह सोचनीय विषय है आने वाले समय में क्षेत्र के घने जंगल तथा आसपास के ग्राम जबरदस्त पर्यावरण प्रदूषण के चपेट में आने वाले हैं जिस से इनकार नहीं किया जा सकता इसका विरोध क्षेत्र के आम नागरिकों को ही करना होगा हर आम नागरिक को जागरूक होकर लड़ाई लड़नी होगी तब जाकर पूरा क्षेत्र सुरक्षित रह पाएगा अन्यथा बर्बाद होने से कोई नहीं रोक सकता
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