*क्रिकेट एसोशिएशन के (कमीटी) अध्यक्ष सचिव पर लगे गम्भीर आरोप अपने लोगों का चयन करने और प्रतिभाशाली खिलाड़ियों की उपेक्षा का है मामला सोशल मीडिया में बना चर्चा का विषय।साकेत पांडेय का पोस्ट हो रहा वायरल।रायगढ़ जिला क्रिकेट एसोशिएशन के चयन में हर साल हो रही धांधली -पत्रकार सोशल एक्टिविस्ट साकेत पांडेय*
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साकेत पांडेय की फेसबुक वॉल से
रायगढ़ जिला क्रिकेट एसोशिएशन के चयन में हर साल हो रही धांधली।
खिलाड़ियों का कर रहे मॉरल डाउन।
ट्रायल नहीं देने वालो का हो जाता है सलेक्शन।
अपने बच्चे को देते है प्राथमिकता।
रायगढ़ जिला क्रिकेट एसोशिएशन मजाक बनकर रह गया है…. प्रतिवर्ष अंडर 19 हो 16 हो या सीनियर हो प्रतिवर्ष यहाँ खिलाड़ियों को संघ के नीति नियमो से परेशान होना पड़ता है…. जो खिलाड़ी नहीं आते है उनका भी चयन गुपचुप तरीके से कर दिया जाता है…. संघ के अध्यक्ष रबर स्टाम्प बनकर रह गए है.जिला क्रिकेट संघ के पदाधिकारी अपने बच्चो को ही प्राथमिकता दे रहे है… यहाँ भी स्पोर्ट्स नेपोटिजम हावी है….
जिला क्रिकेट संघ प्रतिवर्ष चयन का नाटक कर ऐसे खिलाड़ियों की टीम रायगढ़ से भेजती है जो पहला गा दूसरा मैच हारकर वापस आ जाते है.. प्रतिभावान खिलाड़ी मुँह तकते रह जाते है और एप्रोच वाले बिना ट्रायल दिए ही टीम में जगह बना लेते है… पिछले वर्ष तीन खिलाड़ी ऐसे थे जो ट्रायल ही नहीं दिए और उनका सलेक्शन हो गया..उसका रीजन दिया गया कि वे मेडिकल रीजन से बाहर है. मेडिकल रीजन था तो उन्हें टीम में क्यों लिया गया फिट खिलाड़ी लिए जाते.. ये तीनो खिलाड़ी एप्रोच वाले थे एक खिलाड़ी तो जिंदल स्कूल के बहुत बड़े अधिकारी से संबंध रखता था…. युवा भाजपा नेता आशीष ताम्रकार के सुपुत्र के साथ भी जिला क्रिकेट एसोशिएशन ने यही रवैया अपनाया था.. उस समय भी सोशल मीडिया इनके चर्चो से पटा था….
बहुत से अभिभावक इनके इस रवैये को चुपचाप सहते है इससे इनके हौसले और भी बुलंद हो जाते है…. हाल ही में अंडर 19 के चयन में दो खिलाड़ी ट्रायल में नहीं आये थे वो चयनित हुए वही जिला क्रिकेट संघ के सचिव के सुपुत्र का चयन होना किसी भी खिलाडी के गले नहीं उतर रही थी…..जिला क्रिकेट के प्रारम्भिक चरण में ही खिलाड़ी नेपोटिज्म व एप्रोच वाले खिलाड़ियों से डिप्रेस हो रहे है…
ये वो मैसेज है जो ग्रुप में जिला क्रिकेट संघ के सचिव ने डाला था
पिछले वर्ष जब तीन खिलाड़ी ट्रायल नहीं दे पाए थे और उनका गुपचुप तरीके से चयन हुआ था तब भी विरोध के स्वर उठने लगे थे तब जिला क्रिकेट संघ के सचिव रामचंद्र शर्मा ने जिला क्रिकेट संघ के ग्रुप में यह मैसेज डाला था जो कि खुद अपनी सच्चाई बयान कर रहा है.. इस मैसेज से स्पष्ट रूप से परिलक्षित है कि जिला क्रिकेट संघ कैसे प्रतिभावान बच्चो के कैरियर के साथ खिलवाड़ कर रहा है… अनफिट खिलाड़ी टीम में भेजे जा रहे है
कोई गतिविधि नहीं होती है जिला क्रिकेट संघ में.
अंडर 14-16-19 व सीनियर खिलाड़ियों के ट्रायल लेकर अपने अनुसार टीम बनाकर बिलासपुर रायपुर टीम बनाकर भेजने के अलावा इनके पास वर्ष भर और कोई आयोजन नहीं रहता है… वही अन्य जिलों में क्रिकेट को बढ़ावा देने जिला क्रिकेट एसोशिएशन कई प्रकार के आयोजन करते है…. अगर इसी तरह चलता रहा तो रायगढ़ के क्रिकेट खिलाड़ियों का भविष्य निश्चित तौर पर अंधकारमय रहेगा.
भारी अव्यवस्थाओ के बीच होता है ट्रायल
जिला क्रिकेट संघ को प्रतिवर्ष एक निश्चित मद आता है वो खिलड़ियों के हित के लिए होता है…लेकिन यहाँ तो खिलाड़ियों को पीने का पानी भी संघ मुहैया नहीं करवा पाती.. अंडर 19 के ट्रायल में केवल एक बोरा पानी पाउच आया था… बच्चे स्कूल के टंकी के पानी के भरोसे थे अंडर 16 में यह बढ़कर केवल दो बोरा हुआ… जिस पिच में ट्रायल हो रहा गई वहा चूना डालकर बॉलिंग क्रीज भी नहीं बना सकती संघ..भारी अव्यवस्थाओ के बीच हो रहा ट्रायल पुरे शहर में चर्चा का विषय बना हुआ है।
पत्रकार साकेत पांडेय रायगढ़ की खबर।
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