*⭕छाल- धरमजयगढ़ वन मंडल में 50 से अधिक हांथीयो की उपस्थिति⭕दहशत में जीने मजबूर क्षेत्र वासी – वन अमला कागजो में बना रहा योजना*
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*⭕छाल- धरमजयगढ़ वन मंडल में 50 से अधिक हांथीयो की उपस्थिति*
*⭕दहशत में जीने मजबूर क्षेत्र वासी – वन अमला कागजो में बना रहा योजना*
*⭕धरमजयगढ़/ छाल⭕* धरमजयगढ़ एवँ छाल के जंगलों में भारी संख्या में हांथीयो का दल उपस्थित सूत्रों की माने तो सिर्फ छाल क्षेत्र में 2 दर्जन से ज्यादा जंगली हांथीयो का समूह विचरण कर रहा है वहीं धरमजयगढ़ वन मंडल अंतर्गत भी 3 दर्जन से अधिक जंगली हांथीयो का समूह विचरण कर रहा है।
आये दिन हांथीयो एवँ इंसानों के बीच होती है भिड़ंत कभी हांथीयो के शिकार ग्रामीण या राहगीर हो जाते हैं तो वहीं जंगली जानवरों के लिए बिछाए गए बिजली तारों की चपेट में आने से दर्जनों हांथीयो की भी मौत हो चुकी है।
जहां बेहतर जलवायु,पानी एवँ जंगली पत्तो,भोजन के तलाश में विगत कई वर्षों से क्षेत्र में जंगली हांथीयो की आमद रही है। वहीं वर्तमान राज्य सरकार एवं केंद्र सरकार के द्वारा हांथीयो से क्षेत्र वासियों एवँ नागरिको से हांथीयो के सुरक्षा के लिए दर्जनों योजनाओं के माध्यम से करोड़ो रु की राशि खर्च करने के बाद भी न तो हांथीयो के आतंक से इंसानों की मौत का सिलसिला थम सका है न ही इंसानों एवँ हांथीयो के दांत तस्करों से हांथीयो की मौत का सिलसिला थम सका है। क्षेत्रीय वन अमला एवँ अधिकारी सिर्फ कागजों में योजना बनाने एवँ बंदरबांट करने में लगें है। नतीजा लगातार सैकड़ों गांव के ग्रामीण दहशत की जिंदगी जीने मजबूर हैं। वहीं लगातार क्षेत्र में बढ़ते औद्योगिकरण एवँ कोयला खदानों सहित रेल परियोजनाओं से हांथीयो के व्यवहार में गुस्सा एवँ आक्रमकता बड़ा है जिसका खामियाजा क्षेत्र वासी भुगतने मजबूर है।
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