सुरजपुर- महंगाई पर कांग्रेसियों ने घेरा मोदी सरकार को कहा जनता को लूट रही यह सरकार,सत्ता के 7 वर्ष पर कांग्रेसियों का पलटवार**
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सूरजपुर जिला कांग्रेस अध्यक्ष भगवती राजवाड़े जिला उपाध्यक्ष एवं प्रवक्ता राम कृष्ण ओझा, ब्लाक अध्यक्ष अश्विनी सिंह, शहर कांग्रेस अध्यक्ष संजय डोसी ने केंद्र की भाजपा सरकार के सात साल पूरे होने पर विज्ञप्ति जारी करते हुए कहा कि पिछले सात सालों में वस्तुओं के दाम दुगुने से अधिक हुये है। पेट्रोल और डीजल, रसोई गैस, दवाईयों के दाम, खाद्य तेलों, खाद्य पदार्थों के दाम दुगुने हो गये। सड़क परिवहन, रेल यात्रा,
खेती के उर्वरकों के दाम बेतहाशा बढ़े। किसानों की आय दुगुनी करने का वादा करने वाली मोदी सरकार के सात साल में एक तरफ खाद्य पदार्थो के दाम बढ़े, दूसरी ओर किसानों की आमदनी घटी, खाद्य पदार्थो के दाम बढ़ने का फायदा बिचौलियों को मिला किसानों को नहीं। एक तरफ तो महंगाई बढ़ी, दूसरी तरफ मोदी सरकार के आर्थिक कुप्रबंधन के कारण लोगों की कमाई घटी, रोजगार के संसाधन घटे, नौकरियां गयी, नोटबंदी और जीएसटी से व्यापार-व्यवसाय तबाह हुये। कोरोना जैसी महामारी में मोदी सरकार की अकर्मण्यता के कारण इलाज और दवाईयों में लोगों की जमा पूंजी, जमीन जायदाद खत्म हो गया। टीकाकरण में भेदभाव एवं अस्पष्ट नीति की वजह से पूरा देश प्रभावित है। कोरोना के बाद महंगाई भी राष्ट्रीय आपदा साबित होने जा रही है। पिछले डेढ़ साल से भारत की जनता कोरोना महामारी की मार झेल रही है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अदूरदर्शी और जनविरोधी नीतियों ने कोरोना की बीमारी के समय में जीवन को और कठिन बनाया है। चाहे वह अचानक किया हुआ लॉकडाउन हो, अस्पतालों से लेकर ऑक्सीजन वेंटिलेटर तक का इंतज़ाम हो या फिर वैक्सीन की नीति, हर जगह नरेंद्र मोदी सरकार विफल दिखाई देती है। ग़लत नीतियों और व्यवस्था बनाने में विफलता की वजह से लाखों लोगों की जानें चली गई हैं. लाखों परिवार में कमाई करने वाला मुखिया ही चल बसा है। उद्योग और कारोबार ठप्प होने से रोज़गार का संकट पैदा हो गया है। ऐसे समय में नरेंद्र मोदी की सरकार देश में महंगाई बढ़ाने में लगी हुई है। पेट्रोल, डीज़ल और केरोसिन के दाम हों या गैस सिलेंडर के, खाने के तेल की क़ीमतें हों या फिर साधारण बीमारियों में काम में आने वाली दवाओं की, हर चीज़ लगातार महंगी होती जा रही है। हमें लगता है कि कोरोना महामारी से किसी तरह बच गए लोग अब महंगाई नाम की महामारी की चपेट में आने वाले हैं।
कांग्रेस नेताओं ने कहा कि अंतरराष्ट्रीय बाज़ार में कच्चे तेल के दाम की वजह से पेट्रोल, डीज़ल की क़ीमत बढ़ने पर साइकिल पर सवार होकर सड़क पर उतरने वाले रमन सिंह इस समय फ़र्ज़ी दस्तावेज़ दिखाकर लोगों को बताने की कोशिश कर रहे हैं कि कोई षडयंत्र हो रहा है। दरअसल महंगाई नरेंद्र मोदी सरकार का असली षडयंत्र है और यह अपने प्रिय कोरोबारियों और उद्योगपतियों की जेबें भरने का तरीक़ा है। जिस समय कांग्रेस के हमारे नेता राहुल गांधी जी लोगों को जेबों में पैसा डालने की बात कर रही है, जिस समय छत्तीसगढ़ की भूपेश बघेल सरकार लोगों के जेबों में कई योजनाओं से पैसे डाल रही है, उसी समय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और भाजपा की सरकार लोगों के जेबों पर डाका डालने में लगी हुई है। पहले पेट्रोल-डीज़ल के दामों में एक बार बढ़ोत्तरी होती थी तो मीडिया में ख़बरें बनती थीं और आज नरेंद्र मोदी जी ने यह हालत कर दी है कि अब दो दिन दाम नहीं बढ़ते तो मीडिया में ख़बर बनती है कि लगातार दो दिनों से क़ीमतें नहीं बढ़ी हैं। बहुत हुई महंगाई की मार, अबकी बार मोदी सरकार’ के नारे से सत्ता पर काबिज होने वाले नरेंद्र मोदी जी को जनता की आवाज़ सुनाई नहीं दे रही है, ‘बहुत हुई महंगाई की मार, बस करो मोदी सरकार।
कांग्रेस नेताओं ने कहा कि मोदी सरकार की वादा खिलाफी का आलम यह है हर व्यक्ति को 15 लाख मिलेंगे इसे मोदी सरकार ने खुद जुमला करार दिया। मैं देश नहीं बिकने दूंगा का नारा लगाने वाले पिछले सात सालों में रेलवे, एयरपोर्ट, बड़ी फायदे वाली सरकारी कंपनियों को लगातार बेचते जा रहे हैं। एक राष्ट्र एक कर का नारा जी एस टी के नियमों में इस तरह गायब हुआ कि आज मोदी सरकार आईजीएसटी, सीजीएसटी और एसजीएसटी तीन प्रकार से 6 स्लैब में कर वसूली कर रही है .
साथ ही पेनाल्टी, लेट फीस, ब्याज के नाम पर अस्पस्ट कानून की वजह से लॉक डाउन से प्रभावित व्यापार काल मे भी पिछले एक वर्ष में लगभग एक लाख करोड़ से अधिक की राशि वसूल की गई है। छोटे और मझोले व्यापारी इस दोहरी मार से इतने त्रस्त हैं कि ठीक से सिसक भी नहीं पा रहे। पिछले 2 माह से लॉक डाउन है फिर भी मोदी सरकार ने रिटर्न भरने की तारीख नहीं बढ़ाई और न ही लेट फीस पेनाल्टी और ब्याज में कोई छूट दी है। कोरोना की दवाई पर टैक्स कम करने की मांग पर वित्तमंत्री कहती हैं कि टैक्स घटाने से दाम बढ़ेंगे ये कैसा कर कानून है जिसमें टैक्स घटाने से दाम बढ़ते हैं?
किसानों की आर दुगनी करने का वादा करने वाली मोदी सरकार में उर्वरक एवं ख्वाबों के दाम दुगने कर दिए तथा किसानों के लिए तीन ऐसे काले कानून ले आए जिनकी वजह से किसानों का भविष्य अंधकार मय हो गया है। पिछले 8 माह से किसान इन कानूनों के खिलाफ आंदोलन कर रहे हैं, लेकिन मोदी सरकार कानों में तेल डाल कर बैठी है। कोरोना काल में किसानों कि ऐसी स्थिति को देखकर ऐसा लगता है कि इस सरकार की मानवीय संवेदनाएं मर चुकी हैं। ऐसे असंवेदनशील सरकार से और क्या अपेक्षा कर सकते हैं।
कोरोना वैक्सीन के नाम पर जिस प्रकार की नीति मोदी सरकार ने अपनाई है ऐसा भारत के इतिहास में कभी नहीं हुआ स्वास्थ्य प्रत्येक व्यक्ति का मौलिक अधिकार और सरकार की नैतिक जिम्मेदारी होती है और अपनी इस जिम्मेदारी से पल्ला झाड़ते हुए मोदी सरकार ने इसे राज्यों पर थोप दिया है।
हर साल 2 करोड़ रोजगार का वादा करने वाली सरकार पिछले सात साल में कुल 2 करोड़ रोजगार नहीं दे सकी बल्कि पिछले एक वर्ष में करोड़ों लोग बेरोजगार हो गए।कांग्रेस नेताओं ने कहा कि इन सात सालों में मोदी सरकार हर मोर्चे पर विफल रही है मंहगाई और महामारी से जनता त्राहि त्राहि कर रही है और इन सब की जिम्मेदार मोदी सरकार आत्ममुग्ध है। आम आदमी के जीवन अच्छे दिन के नारे विलीन हो गये हैं केवल चंद उद्धोगपतियों की मौज है जो मोदी सरकार के संरक्षण में देश को लूट रहें हैं।
मोदी सरकार
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