*जब बेईमानो से ही सरकार चलनी है तो सरकार ये कानून बना दे कि ईमानदारों की जगह जेल में ही होगी… सरकार ने तो इस दिशा में पहल कर भी दिया है*
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कोरोना के कारण अघोषित आपातकाल और अफरा तफरी के माहौल का लाभ उठाकर प्रधानमंत्री तथा मुख्यमंत्री को आनन-फानन में यह कानून ही बना देना चाहिए कि आज के बाद भारत तथा छत्तीसगढ़ में ईमानदार लोगों की जगह जेल होगी। जब बेईमानों से ही सरकार चल रही है और किसी भी भ्रष्टाचार की जांच करनी ही नहीं है तो फिर यही एक रास्ता बचता है कि ईमानदारों को जेल भेज दो इस दिशा में हमारी छत्तीसगढ़ सरकार ने तो पहल भी कर दी है और महासमुंद में भ्रष्टाचार की पोल खोलने के लिए अनशन पर बैठने वाले एक अधिकारी को गिरफ्तार भी कर लिया है। आज रविवार है। जमानत तो होनी नहीं है, उस ईमानदार की रात जेल में या थाने का हवालात में ही गुजरनी है।
स्कूल शिक्षा विभाग, आदिम जाति कल्याण विभाग, महिला एवं बाल विकास विभाग में खरीदी को लेकर भ्रष्टाचार के आरोप भाजपा शासनकाल में भी लगे थे जो वर्तमान में कांग्रेस सरकार में भी बदस्तूर जारी हैं, और अब तो यह प्रमाणित भी होता जा रहा है। आज 16 मई को महासमुंद जिला के जिला महिला एवं बाल विकास अधिकारी सुधाकर बोदले अपने घर पर ही अनशन पर बैठ गए थे। उनका आरोप है कि मुख्यमंत्री कन्या विवाह योजना के तहत जो सामग्री 2020 एवं 2021 में खरीदी गई है, उसमें करीब 20 लाख रुपए का भ्रष्टाचार किया गया है। इतना ही नहीं रेडी टू ईट (ready-to-eat) में भी 10 लाख रुपए का भ्रष्टाचार किया गया है। इसकी जांच की मांग को लेकर विभाग के ही अधिकारी अनशन पर बैठ गए। अब भूपेश बघेल सरकार को भ्रष्टाचार का क्या प्रमाण चाहिए और किससे चाहिए ?
महासमुंद जिले के महिला एवं बाल विकास अधिकारी विभाग में करीब 30 लाख रुपए के हुए भ्रष्टाचार की जांच की मांग करते हुए आज जिला प्रशासन द्वारा कोई स्थान तय नहीं करने के कारण अपने निवास पर ही अनशन पर बैठ गए, लेकिन भूपेश बघेल की सरकार को यह मंजूर नहीं कि कोई विभाग का अधिकारी ही भ्रष्टाचार का मामला उजागर करे और आखिर जिला प्रशासन ने महासमुंद जिला महिला बाल विकास अधिकारी सुधाकर बोदले को गिरफ्तार कर लिया। बधाई हो ,छत्तीसगढ़ की कांग्रेसी सरकार को,,,,,,
अब तो ईमानदारों को भितराने वाला कानून जल्दी से जल्दी बनकर ही रहेगा, जिसका श्रेय वर्तमान प्रदेश सरकार को उसकी पहल के कारण मिलकर ही रहेगा और आश्चर्य नहीं होगा कि गिरफ्तार करने वाले अधिकारी भी प्रमोशन पा जाएं और केंद्र सरकार की सेवा में बुला लिये जाएँ ?
मामले में राज्य सरकार ने निम्नानुसार एक कमेटी गठित की है –
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