*बिलासपुर पहूँचा थोक में सायकल ,सरस्वती सायकल योजना के तहत छात्राओं को किया जा रहा वितरण,सरकारी योजना में दी जा रही गुणवत्ता विहीन सायकल*
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*बिलासपुर पहूँचा थोक में सायकल ,सरस्वती सायकल योजना के तहत छात्राओं को किया जा रहा वितरण…..सरकारी योजना में दी जा रही गुणवत्ता विहीन सायकल*
20/03, 21: बिलासपुर-:
यूं तो विपक्ष में रहकर चिल्लाना हो हल्ला करना सभी नेताओं को अच्छा लगता है। लेकिन जब वही जिम्मेदारी खुद पर आ जाये तो फिर जवाब देते नही बनता है। इन नेताओं को जी हां राज्य सरकार के महत्वकांक्षी सरस्वती सायकल योजना के तहत प्रदेश में लाखों छात्राओं को सायकल वितरण किया जाना है। बिलासपुर में भी सरकारी स्कूल में प्रतिदिन ट्रकों में भरकर थोक में सायकल पहुंच रहा है जिसे झारखंड से आये मेकिंनिको के द्वारा फिटिंग करके स्कूलों को वितरण किया जा रहा है। यूं तो हर माँ बाप अपने बच्चों को बेहतरीन सायकल ही खरीद के देना चाहता है। लेकिन इनदिनों सरकारी सायकलों की जो खेफ पहुंची है उसके ब्रांड का नाम भी बहुतों ने नही सुना हो।
जी हाँ लाखों की संख्या में प्रदेश में वितरित होने वाली सायकल कोहिनूर ब्रांड की है जिसमे यूं तो isi मार्का भी लगा है। लेकिन सायकल की गुणवत्ता को देखकर अंधा भी बता देगा कि कितना मजबूत एवं क्वालिटी युक्त सायकल है। छात्रों की हित मे कार्य करने वाले संगठन के छात्र नेता आजकल छात्र हित के मुद्दों पर कम ही आवाज उठाते है। अभी हालही में रायगढ़ के एक कॉलेज में बीजेपी के यूथ आईकॉन के कार्यक्रम में दो छात्र संगठन के नेताओ के बीच जमकर मारपीट की घटना हुई थी। भला इन छात्र नेताओं को छात्रहित के मुद्दों से क्या वास्ता उन्हें तो सोसल मीडिया में नेताओ के साथ अपनी सेल्फी डालके लाइक जो बढ़ाना है।
यही कारण है कि 15 साल तक विपक्ष में रहकर हो हल्ला मचाने वाली कांग्रेस सरकार में आज वही घटिया क्वालिटी की सायकल वितरण किया जा रहा है। सायकल फिटिंग करने वाले मिस्त्रियों ने मीडिया को बताया कि यह सायकल सबसे लो केटेगरी की है। खैर आजकल छात्र संगठन रह भी कहाँ गए हैं जो गिने चुने बचे है वो भी नेताओ की चाकरी करने में लगे हैं। फिलहाल उक्त घटिया सायकल की सप्लाई को लेकर कुछ आरटीआई कार्यकर्ताओ ने जांच एवं कार्यवाही करने की बात कही है।
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