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पर्दाफाश

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*मेरी आपबीती समय बहुमूल्य है कीमत को पहचाने – भूपेन्द्र  किशोर वैष्णव*

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*मेरी आपबीती🎯समय बहुमूल्य है कीमत को पहचाने – भूपेन्द्र  किशोर वैष्णव*

 

दोस्तों नमस्कार,

आज आपलोगों से कुछ अपना अनुभव शेयर करने का मन किया इसलिए अपना कुछ खट्टा मीठा अनुभव लेकर आया हूँ। हो सकता है इससे मेरे कुछ पुराने साथियों को तकलीफ भी हो लेकिन लाखों नए युवाओं की जिंदगी तबाह होने से भी बच जायेगी। दोस्तों यह कहानी शुरू होती है 1991-92 से जब मैंने धर्मजयगढ़ शा.हायर सेकेंड्री स्कूल में कक्षा 9 वीं में प्रवेश लिया तब मैंने एक छात्र संगठन ABVP को join किया तब हमारे छात्र नेता हुआ करते थे ठाकुर देवेंद्र प्रताप सिंह शाहपुर से दोस्तों टीकाराम भाई पटेल हमारे मार्गदर्शक हुआ करते थे।विवेक सक्सेना जी हमारे संगठन मंत्री हुआ करते थे। कंधे में गायत्री परिवार की तरह झोला लटका के सरकारी बस से आते थे। हमलोगों की टीम ने धर्मजयगढ़ में कालेज खुलवाने के लिए तब जन आंदोलन की शुरुआत किया था हमारा नारा था आधी रोटी खाएंगे कॉलेज खुलवाएंगे । कालेज आज धरमजयगढ़ में शुरू भी हो चुका है। हमलोग तात्कालिक कैबिनेट मंत्री स्व.चनेश राम राठिया जी को विभिन्न मांगों को लेकर ज्ञापन भी देते रहते थे। हमारा उनसे बहुत अच्छा परिचय भी था। वो हमारे संघर्ष की सराहना भी करते थे। 1995 में मैंने अपनी 12 वीं की परीक्षा पास किया। शा.कालेज खरसिया में बीएससी बायोलॉजी में प्रथम वर्ष में प्रवेश लिया । प्रतिदिन हमलोग दर्जनों दोस्तों के साथ सुबह 6 बजे धर्मजयगढ़ से बस में बैठकर खरसिया कॉलेज पढ़ने आया करते थे। कॉलेज में मेरा परिचय संजय अग्रवाल(मार्शल), राम शर्मा,पंकज गुलजार,कमल गर्ग,भीम धृतलहरे,मुरली यादव आदि बड़े भाइयो से हुआ। सन 1995-96 में छात्र संघ खरसिया कॉलेज का चुनाव हुआ उस वक्त कमल गर्ग एवं राम शर्मा के बीच अध्यक्ष पद हेतु मुकाबला हुआ। हमलोगों के टीम में छाल से लेकर धर्मजयगढ़ तक लगभग 65 छात्र-छात्राओं की टीम ने कमल गर्ग को छात्र संघ खरसिया का अध्यक्ष बनाया । उसके बाद मैं लगातार abvp छात्र संगठन में कार्य करने लगा । वह वक्त था जब हम अपने बेहतर शिक्षा के लिए अपना समय दे सकते थे। किंतु हमने अपना समय छात्र राजनीति में बर्बाद कर दिया। हम लगातार छात्र राजनीति के रंग में रँगते जा रहे थे। उस वक्त खरसिया के विधायक थे स्व.आदरणीय नंदकुमार पटेल जी मुझे खरसिया abvp का नगर अध्यक्ष, मंडल संयोजक की जिम्मेदारी दी गई। मैंने अपने क्षमता से ज्यादा कार्य किया। मैंने 1998 में अपनी स्नातक बीएससी फाइनल की परीक्षा उत्तीर्ण किया। उस वक्त मुझे बीजेपी के पितृ पुरुष लखीराम अग्रवाल जी ने बुलाया मुझे अक्सर कहीं भी दौरे में अपने साथ ले जाया करते थे। मुझे abvp में रायगढ़ जिला संयोजक बनाया गया मैं धर्मजयगढ़ से सारंगढ़ तक संगठन विस्तार के लिए दौरा करता था। उस वक्त खरसिया के दिग्गज नेता नंदकुमार पटेल मध्यप्रदेश के गृहमंत्री हुआ करते थे। उस वक्त हमलोगों के लिए 100 रु बहुत बड़ी चीज थी। सन 2000 छत्तीसगढ़ राज्य का स्थापना हुआ । हमलोग 1998 में जब सैकड़ों की संख्या में दिल्ली गए थे तब तत्कालीन प्रधानमंत्री श्री अटल बिहारी बाजपेयी जी को ज्ञापन भी सौंपा था।

जब छत्तीसगढ़ राज्य अलग हुआ तो मुझे रायगढ़ विभाग प्रमुख रायगढ़-जशपुर जिला में संगठन के विस्तार एवं कार्यभार दिया गया। छत्तीसगढ़ के प्रथम मुख्यमंत्री हुए श्री अजीत प्रमोद जोगी छत्तीसगढ़ के प्रथम गृहमंत्री नंदकुमार पटेल जी हुए। मुझे हमेशा दोनो से स्नेह मिला । मुझे हमेशा दोनो कांग्रेस के छात्र संगठन में उच्च पद देने का प्रस्ताव देते रहे लेकिन मैंने विनम्रता से उनके प्रस्ताव को ठुकरा दिया । सन 2001 में खरसिया कॉलेज के तात्कालीन प्रोफेसर एवं एनसीसी ऑफिसर विनोद कुमार दुबे को मोहरा बनाके हमारे विरुद्ध ( भूपेन्द्र वैष्णव-संजय चौधरी) पहली राजनीतिक झूठी एफआईआर दर्ज कराया गया था। जो कि बोतलदा गैरेज में तत्कालीन एसडीओपी राजेश्वर सिंह के द्वारा कांग्रेस नेताओं के इशारे पर लिखी गई थी। 2003 में जब सीधे छत्तीसगढ़ के लिए आम चुनाव हुआ तो हमलोगों ने प्रदेश में पूर्व मुख्यमंत्री अजीत जोगी द्वारा एसटीडी बूथ की तरह खोले गए विश्व विद्यालयों के खिलाफ अभियान चलाया शिक्षा बचाओ जोगी हटाओ आंदोलन । हमारे आंदोलन में जशपुर से लेकर सराईपाली बसना तक कि जिम्मेदारी मुझे मिली थी। हमारे संगठन मंत्री थे राजकुमार श्रेय जी एवं प्रदेश मंत्री थे अनिरुद्ध द्विवेदी जी हमलोगों ने खूब मेहनत किया । उसी आंदोलन में धर्मजयगढ़ से पूर्व विधायक ओम प्रकाश राठिया,लैलूंगा से सत्यानंद राठिया,सराईपाली से त्रिलोचन पटेल को विधायक की टिकट मिली एवं वो abvp के मदद से जीते। उस वक्त बीजेपी के घोषणा पत्र में शिक्षित बेरोजगारों को बेरोजगारी भत्ता दिए जाने का उल्लेख था। उस वक्त खरसिया क्षेत्र में कोई बीजेपी का झंडा पकड़ने तैयार नही था। तब हमने बीजेपी का झंडा उठाया। जब छत्तीसगढ़ में बीजेपी को पूर्ण बहुमत मिला तब फिर शुरू हुआ जमीनी कर्तकर्ताओं का शोषण एवं दमन रायगढ़ जिला युवा मोर्चा अध्यक्ष के रूप में मंजुल दीक्षित,खरसिया से कमल गर्ग ,रायगढ़ से अरुण कातोरे को जिम्मेदारी मिली ।

लखीराम जी अग्रवाल कहते थे ये इन चमचों  की इनकी सिफारिश क्यों करते हो ?अपना भविष्य देखो ।देखते ही देखते सचमुच चमचागीरी करने वाले नेता लखपति,करोड़पति बनने लगे ।सत्ता आते ही शुरू हुआ हमारे शोषण का सिलसिला हमने लगातार नगरपालिका,जनपद,जिला पंचायत, विधानसभा, लोकसभा चुनावों में अपने हजारों साथियों के साथ मिलकर बीजेपी के लिए कार्य किया। लेकिन खरसिया में स्व: दिलीप सिंह जूदेव जी के चुनाव के वक्त से ही खरसिया बीजेपी के तथाकथित जयचंदो का कांग्रेस से गठबंधन रहा है जो आज भी है।

तभी तो बीजेपी खरसिया के पान,चायपत्ती महुआ नापने वाले,मोटर सायकल के रिपेयरिंग करने वाले नेता करोड़पति से अरबपति बन चुके हैं। 2011 में जब मैंने खरसिया में विभिन्न घोटालों के विरुध्द आवाज उठाई तब स्थानीय विधायक पटेल के साथ मिलीभगत करके मेरे विरुद्ध झूठा एसटीएससी का एफआईआर दर्ज कराया गया। जिसमें 24/12/2012 को माननीय डीजे कोर्ट से दोषमुक्त हो गया। मैंने सन 2001 से विभिन्न अखबारों में पत्रकारिता प्रारम्भ किया था क्षेत्रीय मुद्दों को उठाता था । जब बीजेपी शासन काल मे लगातार खरसिया क्षेत्र में हजारों आदिववासियो पर अत्याचार एवं उनके कृषि भूमि को हड़पने का कार्य किया जाने लगा तब मैंने कुनकुनी ग्राम में 300 एकड़ आदिवासी जमीन घोटाला को उजागर करने पर तत्कालीन मंत्री बिलासपुर अमर अग्रवाल के कहने पर खरसिया नगरपालिका के सीएमओ के द्वारा मेरे विरुद्ध 2 एफआईआर दर्ज कराया गया । जिसमें भी माननीय न्यायालयों द्वारा दोषमुक्त किया गया। 2014-15 से लेकर मुझे प्रताड़ित किया जाने लगा। मेरे विरुध्द कलेक्टर रायगढ़ के न्यायालय में 1-10 का प्रकरण चलाया जाने लगा। 2015 में मेरे घर को भी षड्यंत्र पूर्वक तोड़ दिया गया था। जब सभी प्रकरणों में मैं दोष मुक्त हुआ तो फिर से 2019 में षड्यंत्र किया गया।गलत को मैने हमेशा लिखा चाहे सरकार किसी की हो पर इनके केवल चेहरे बदलते गए पार्टी बदलती गई भ्र्ष्टाचार वही का वही रहा।

खरसिया विधानसभा चुनाव में पूर्व कलेक्टर ओ पी चौधरी के चुनाव में व्यक्तिगत सबंधो के कारण सक्रिय सहयोग करने पर वर्तमान मंत्री एवं खरसिया विधायक उमेश पटेल के कहने पर रायगढ़ पुलिस कप्तान के द्वारा जुआ,शराब,रेत,कोयला, भूमाफियाओं के साथ मिलीभगत उनको संरक्षण देकर  मात्र 10 दिनों में 4 झूठा एफआईआर दर्ज करके चरित्र हत्या का प्रयास किया गया। वर्तमान कलेक्टर रायगढ़ के समझ झूठा जिला बदर का प्रतिवेदन के आधार पर कार्यवाही भी कर दिया गया।

लगातार मेरा चरित्र हत्या का साजिस दोनो ही प्रमुख राजनीतिक दलों के भृष्ट  दलाल नेताओ के द्वारा मिलिभगत करके किया गया। आपलोग यह सोंच रहे होंगे कि मैं आखिर अपनी कहानी आपको क्यों बता रहा हूँ। यह इसलिए बता रहा हूँ क्योंकि मैं शराब एवं गलत आदतों में इन नेताओं का साथ नही देता था कहके मुझे षड्यंत्र में फंसाया गया है। आपलोगों युवाओं से मेरा आग्रह है कि अपना बहुमूल्य समय किसी भी व्यक्ति अथवा राजनीतिक दलों नेताओ को सोंच समझ के दें। क्योंकि मुसीबत में सिर्फ आपका परिवार एवं आपके द्वारा संचित धन ही काम आएगा। नेता जी नही ।

 

इसलिए आप सभी को अपना कड़वा अनुभव संक्षिप्त रूप से बता रहा हूं। मैंने अपने इन समय मे हजारों किरदारों के साथ कार्य किया लेकिन मुसीबत में लोग साथ नही देते सिर्फ मजे लेतें हैं।। इसलिए आप अपने कीमती समय को बहुत सोंच समझ के खर्च करें। कहीं आपको भी पछतावा न हो मेरी तरह।क्योकि तलवे चाटना सिद्धांत से हटकर गलत काम करके आगे बढ़ना बहुत कम लोग ही चाहते हैं।

 

व्यक्तिगत अनुभव…. विचार अभिव्यक्त ।

भूपेंद्र किशोर वैष्णव।

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