*जगह चिन्हांकित कर राशि आहरण करके आराम फरमा रहे थे सरपँच सचिव खबर लगी तो आया होश*
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*जगह चिन्हांकित कर राशि आहरण करके आराम फरमा रहे थे सरपँच सचिव जोहार में लगी खबर तो आया होश*
दिनेश जोल्हे
सारंगढ:
– जनपद पंचायत क्षेत्र के ग्राम पंचायत सुलोनी में 14 वे वित्त योजना के राशि से बनाने वाले 3 लाख लागत के सीसी रोड़ की जगह चिन्हांकित करके सरपँच और सचिव आराम फरमा रहे थे आराम ही नही इनकी पूरा मनो विचार था कि सरकारी पैसा को गबन करके अपनी भ्रष्टाचार की लीला रचा लेंगे लेकिन ऐसे भी भला कैसे हो सकता था। जोहार छत्तीसगढ़ की सारंगढ टीम को ग्रामीण से सूचना मिली कि 9 महीने बीत जाने के बाद पुलिया की जगह को चिन्हांकित करके जेसीबी से चलने वाले मेड पार को अर्द्ध गति पर छोड़ा हुआ है। जिसकी राशि भी पंचायत ने आहरण करके बिल वाउचर आहरण करके नीचे प्लीन्ट पलस्तर निर्माण कार्य करके छोड़ दिया गया था। जिसकी भ्रष्टाचार हुए मुद्दे को खबर के माध्यम से प्रमुखता से प्रकाशित किया गया। जोहार छत्तीसगढ़ पर खबर लगने के बाद सरपँच सचिव को होश आया और निर्माण कार्य पर जोर देकर बनवाया।
*पुलिया निर्माण में अधिकतर जंगली पत्थर का इस्तेमाल*
9 महीने तक पुलिया नही बनाया गया लेकिन जब खबर प्रकाशित हुई तब जाकर सरपँच सचिव की आंख खुली और निर्माण करवाया लेकिन अंधेर नगरी चौपट राजा के तर्जे पर हुई निर्माण पुलिया में अधिकर जंगली पत्थर का इस्तेमाल भारी मात्रा में किया गया है। जिसको हम नही कह रहे बल्कि वस्तुस्थिति पर जाकर देखने से आपको प्रतीत हो जाएगा पुलिया की लंबाई और चौड़ाई में भी भ्रष्टाचार ने गन्ध लगा दी है जिसकी निर्माणाधीन सरपँच सचिव के हाथों भ्रष्टाचार की नीति पास हुई है। यही नही बल्कि जिस दिन पुलिया की कार्य प्रोग्रेस में थी उस दिन मटेरियल के साथ ही साथ जंगली पत्थर को बीच बीच मे अधिकतर मात्रा में डाला गया है। जिसकी जांच करन के उपरांत सच सामने आएगा।
*जनपद के जिम्मेदार अधिकारी नही कर पाएंगे जांच के बाद कार्यवाही क्योंकि इनको मिला कमीशन*
ग्राम पंचायत सुलोनी में भ्रष्टाचार की गंगा बह रही है क्योंकि यहां ऐसे ऐसे निर्माण कार्यो पर मरम्मद किया गया करके राशि निकाल लिया गया और बिल व्हाउचर भी पेश हो गए जिसकी कार्य आज पर्यन्त तक मरम्मद नही हुआ और राशि निकल गयी जिसकी लिखित शिकायत सारंगढ जनपद पंचायत में 18 फरवरी 20201 को प्रस्तूत हो चुके है जिसकी आज तक न तो जांच दल बनी और न ही कोई जांच हुए आखिर सरकार ऐसे अधिकारी कर्मचारी ही क्यो नियुक्ति करते है जो आम जनता की शिकायत तो दूर जनहित में कार्य कर रहे पत्रकारों के लिखित शिकायत में कोई जांच नही होती तो कार्यवाही तो दूर की बात है।
*पुलिया निर्माण पर भारी मात्रा में जंगली पत्थर की इस्तेमाल किया गया है सीमेंट और गिट्टी की मिक्सींग पर जंगली पत्थर की इस्तेमाल हुआ है। जिसकी सारी भ्रष्टाचार की फ़िल्म को अंत तक वही पुलिया में काम कर रहे मजदूर ने नाम न छापने की शर्तें पर बताई है*
दिनेश जोल्हे
सारंगढ:
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