*एस० पी० को सरगुजा रेंज के एक जिले में क्यों पदस्थ किया गया है?सिर्फ दुकानदारी चलाने व थानों की नीलामी के लिये?–राजेश्वर सिंह (पूर्व पुलिस अधिकारी)*
😊 कृपया इस न्यूज को शेयर करें😊
|
एस० पी० को सरगुजा रेंज के एक जिले में क्यों पदस्थ किया गया है?सिर्फ दुकानदारी चलाने व थानों की नीलामी के लिये? – राजेश्वर सिंह (पूर्व पुलिस अधिकारी)
February 28, 2021
अम्बिकापुर,- सूरजपुर पुलिस अधीक्षक राजेश कुकरेजा के कार्यकाल के कुुुछ काले कारनामे सामने आ रहे अवैध कबाड़,अवैध मादक पदार्थ, अवैध कोयला परिवहन, सट्टा बाजार व कोयलांचल में देह व्यापार फल-फूल रहा है।वही छोटे छोटे मामलो में fir नहीी होते जब तक sp का आदेश न हो राजेश्वर सिंह सेवा निवृत्त पुलिस अधिकारी हैं, उन्होंने किसी मामले को लेकर फेसबुक पर अपने ही पूर्व वििभाग के करतूतो को सार्वजनिक मंच पर रख दिया है। जिसे हम हू ब हु रख रहे हैै
राजेश्वर सिंह की पोस्ट फेसबुक पर कमेंट बॉक्स में अन्य पूर्व पुलिस अधिकारियों ने भी किया समर्थन–
*पोस्ट यह है-* सेवानिवृत्त होने के बाद आम जनता की तरह पुलिस से वास्ता पड़ने पर समझ में और अच्छी तरह से आया कि आम आदमी कितना बेबस और लाचार हो जाता है। जब कानून के जानकार एक पुलिस अधीक्षक स्तर के अधिकारी को चोरी की एफ आई आर दर्ज कराने में टी आई एस डी ओ पी हाँथ खड़े कर दिए थे, sp से बिना पूछे एफ आई आर दर्ज नहीं किये। एस पी भी टाल मटोल कर जांच कराने के बाद कार्यवाही करने के लिये कहे थे, किंतु टी० आई० को जांच करने का कोई निर्देश नहीं दिये। तब मजबूरन आई जी सरगुजा से हालात बताने पर एफ आई आर हुआ। 3 नामजद मुलजिम भी गिरफ्तार हुवे चोरी का माल भी बरामद हुआ।
जब विभागीय पूर्व पुलिस अधिकारी के प्रति यह रवैया है जो कानून की बारीकियों से टी० आई० से ले कर एस० पी० स्तर तक 39 साल हर फील्ड में कार्य किया है। ऐसे लापरवाह और एक सूत्रीय कार्यक्रम चलाने वाले एस० पी० को सरगुजा रेंज के एक जिले में क्यों पदस्थ किया गया है। सिर्फ दुकानदारी चलाने व थानों की नीलामी के लिये? आम जनता जो कानून व पुलिस के पचड़े में कभी नहीं पड़ी उसकी हालत का अंदाजा आप स्वयं लगा सकते हैं। क्या इनकी गतिविधियों की जानकारी विभाग के उच्च अधिकारियों और प्रदेश के मुखिया तक नहीं पहुंचती होगी?
घटना पर प्रकाश डालते हैं…
राजेश्वर सिंह के पुत्र ठेकेदारी का काम करते हैं उन्होंने सूरजपुर जिला अंतर्गत प्रेम नगर थाने में चोरी का एक मामला दिनांक 05/12/2020को लिखित आवेदन दिया गया था, जिसमें दिनांक 07/12/2020 को अपराध पंजीबद्ध किया गया। वह भी पुलिस महानरीक्षक के हस्तक्षेप के बाद। जिसमें लगभग 400 लीटर डीजल, मशीन का बैट्रा चोरी का सामान कुल लगभग 90 हजार की चोरी का मामला था। अब यह सोचने वाली बात है कि चोरी केेे मामले में तुरंत अपराध पंजीबद्ध होता है बाद में विवेचना पर यहां तो उलटी गंगा बह रही है, पहले मामले को जांच में लिया गया, संभाग स्तर पुलिस मुखिया के हस्तक्षेप पश्चात अपराध पंजीबद्ध किया गया। जिससे रुष्ट होकर सेवानिवृत्त पुलिस अधिकारी ने अपने फेसबुक वॉल पर आज की पुलिसिंग को आईना दिखाने का काम किया है।हालाकि फिलहाल उन्होंने किसी कारण वश या दबाव में कुछ समय पहले वह पोस्ट अपने वाल से हटा दिया है।
,( साभार -भारत सम्मान) –अम्बिकापुर
Whatsapp बटन दबा कर इस न्यूज को शेयर जरूर करें |
Advertising Space