रायपुर। Right To Information: सूचना का अधिकार अधिनियम 2005 के तहत सूचना (जानकारी) मांगने के लिए आवेदक, आवेदन शुल्क के रूप में ई-स्टाम्प का उपयोग कर सकते हैं। राज्य शासन द्वारा सूचना का अधिकार अधिनियम 2005 की धारा 27 की उपधारा (2) के खण्ड (ख) एवं (ग) की शक्तियों को प्रयोग में लाते हुए राज्य सरकार ने सूचना का अधिकार अधिनियम (शुल्क एवं मूल्य विनिमय) नियम 2005 मे संशोधन करते हुए नियम तीन और चार में शब्द “या नानज्युडिशियल स्टाम्प” के पूर्व शब्द “या ई-स्टाम्प अंतःस्थापित किया गया है।

सूचना का अधिकार अधिनियम 2005 के तहत सूचना (जानकारी) मांगने के लिए आवेदक, आवेदन शुल्क के रूप में छत्तीसगढ़ का नान ज्युडिशियल स्टाम्प या ई-स्टाम्प का उपयोग कर आवेदन के साथ संलग्न कर सकते हैं। वहीं, छत्तीसगढ़ राज्य सूचना आयोग के मुख्य सूचना आयुक्त एम के राउत ने बड़ी कार्रवाई करते हुए चार जनसूचना अधिकारी को सूचना का अधिकार अधिनियम 2005 के तहत समय पर आवेदक को जानकारी नहीं देने के कारण पच्चीस-पच्चीस हजार रुपए और राज्य सूचना आयुक्त एके अग्रवाल ने एक जनसूचना अधिकारी को पच्चीस हजार रूपए का अर्थदंड का आदेश पारित किया है।

लोकतांत्रिक व्यवस्था में सरकार एवं प्रशासन की कार्यप्रणाली में पारदर्शिता एवं जिम्मेदारी को सुनिश्चित करने के उद्देश्य से सूचना का अधिकार अधिनियम 2005 प्रभावशील है। सरकार के क्रियाकलापों के संबंध में नागरिकों को जानकार बनाने के लिए यह अधिनियम मिल का पत्थर साबित हो रहा है।

 

सूचना का अधिकार अधिनियम के तहत विवेक चौबे ने सचिव ग्राम पंचायत (जनसूचना अधिकारी कोलेगांव जनपद पंचायत पंडरिया जिला कबीरधाम से वर्ष 2017-18 में 14 वें वित की राशि की जानकारी के साथ व्यय और बिल व्हाउचर एवं जी पी डी पी की जानकारी चाहा था। जिन्हे समय सीमा पर जानकारी और दस्तावेज प्राप्त नहीं होने से अपीलार्थी ने मुख्य कार्यपालन अधिकारी जनपद पंचायत पंडरिया के कार्यालय में प्रथम अपील प्रस्तुत किया। प्रथम अपीलीय अधिकारी के द्वारा कोई जानकारी उपलब्ध नहीं कराने के कारण अपीलार्थी ने जनसूचना अधिकारी के विरूद्व छत्तीसगढ़ राज्य सूचना आयोग में द्वितीय अपील प्रस्तुत किया। मुख्य राज्य सूचना आयुक्त एम के राउत ने द्वितीय अपील प्रक्ररण क्रमांक ए/1513/2019 के आवेदनों का अवलोकन कर अधिनियम के तहत अपीलार्थी और जनसूचना अधिकारी को सुनने के पश्चात अपीलार्थी को समय सीमा में जानकारी नहीं प्रदाय करने एवं आयोग में कोई जबाब प्रस्तुत नहीं करने के साथ ही आयोग के पत्रों का कोई जवाब नहीं देने पर कोलेगांव जनपद पंचायत पंडरिया जिला कबीरधाम को 25 हजार रूपए का अर्थदण्ड का आदेश पारित किए।

इसी प्रकार अपीलार्थी धनेश्वर साहू वार्ड क्रमांक 06 जैजैपुर जिला जांजगीर-चाम्पा के द्वितीय अपील प्रक्ररण क्रमांक ए/1513/2019 के जनसूचना अधिकारी जिला शिक्षाधिकारी सक्ती के विरूद्व छत्तीसगढ राज्य सूचना आयोग में द्वितीय अपील आवेदन प्रस्तुत किया। मुख्य सूचना आयुक्त राउत ने इसे गंभीरता से लिया। मुख्य सूचना आयुक्त ने जनसूचना अधिकारी को आयोग के समक्ष अपना पक्ष रखने का अवसर प्रदान किया किन्तु जनसूचना अधिकारी जिला शिक्षाधिकारी सक्ती राकेश अग्रवाल का जवाब संतोषजनक नहीं था तथा बिलंब के कारण के संबंध में वे अपना स्पष्टीकरण नहीं प्रस्तुत कर सके। श्री राउत ने सूचना का अधिकार अधिनियम 2005 की धारा 20(1) के तहत जनसूचना अधिकारी (जिला शिक्षाधिकारी सक्ती जिला जांजगीर-चाम्पा श्री राकेश अग्रवाल को 25 हजार रूपए की अर्थदण्ड अधिरोपित किया।

जिला जांजगीर-चाम्पा के आवेदक देवचरण कश्यप ने जनसूचना अधिकारी एवं सचिव ग्राम पंचायत सेमरा रामेश्वर पटेल से वित्तीय वर्ष 2015-16 से 2018-19 तक की ग्राम पंचायत की समस्त बैंक के चेक बुक वितरण पंजी की सत्यापित कापी की मांग की थी। जनसूचना अधिकारी ग्राम पंचायत सेमरा ने समय पर जानकारी आवेदक को नहीं दी और प्रथम अपीलीय अधिकारी के आदेश की अवहेलना भी की और न ही आयोग को किसी भी तरह का कोई जवाब भी प्रस्तुत किया। इस प्रकरण में जनसूचना अधिकारी एवं सचिव ग्राम पंचायत सेमरा की मनमानी को गंभीरता से लेते हुए मुख्य सूचना आयुक्त श्री राउत ने द्वितीय अपील प्रक्ररण क्रमांक ए/946/2020 पर 25 हजार रूपए का अर्थदण्ड अधिरोपित करने के साथ ही कठोर अनुशासनात्मक कार्यवाही करने के लिए मुख्य कार्यपालन अधिकारी जिला पंचायत जांजगीर जिला जांजगीर&चाम्पा को अनुशंसा किये हैं।

 

जिला बेमेतरा के आवेदक विजय उपाध्याय ने जनसूचना अधिकारी एवं मुख्य कार्यपालन अधिकारी जनपद पंचायत नवागढ़ को ललित कुमार साहू शिक्षा कर्मी वर्ग तीन शासकीय प्राथमिक शाला मक्खनपुर की पुर्ननियुक्ति नियम विरूद्ध होने पर निरस्त किए जाने ओर नियुक्तकर्ता अधिकारी के विरूद्ध की गई कार्यवाही की सत्यप्रतिलिपि की मांग की थी। जनसूचना अधिकारी ने आवेदक को जानकारी उपलब्ध नहीं कराई और प्रथम अपीलीय अधिकारी के समक्ष उपस्थित नहीं हुए साथ ही प्रथम अपीलीय अधिकारी के निर्णय का क्रियान्वयन जनसूचना अधिकारी के द्वारा नहीं किया गया। इस द्वितीय अपील प्रक्ररण क्रमांक ए/775/2020 पर तत्कालीन जनसूचना अधिकारी एवं मुख्य कार्यपालन अधिकारी जनपद पंचायत नवागढ़ एल एल निषाद पर 25 हजार रूपए का अर्थदण्ड अधिरोपित करने के साथ प्रथम अपीलीय अधिकारी को निर्देशित किया गया है कि अपने उतरदायित्वों को निर्वहन करते हुए अपने आदेश का क्रियान्वयन सुनिश्चित करें।

जिला-कांकेर के आवेदक नरसिंह दर्रो ने जनसूचना अधिकारी एवं सचिव ग्राम पंचायत घोटिया जनपद पंचायत भानुप्रतापपुर गीताराम निषाद से मूलभूत मद की जानकारी वर्ष 2014 से आवेदन दिनांक तक मांग की साथ स्वीकृत शौचालय निर्माण कार्य पूर्ण/अपूर्ण/अप्रारंभ कार्य की जानकारी लेने के लिए आवेदन किया। आवेदक को जानकारी नहीं मिलने पर प्रथम अपीलीय अधिकारी मुख्य कार्यपालन अधिकारी जनपद पंचायत भानुप्रतापपुर को अपील की किन्तु प्रथम अपीलीय अधिकारी के द्वारा दिए गए निर्देष का पालन नहीं होने पर आवेदक ने द्वितीय अपील आयोग के समक्ष किया। राज्य सूचना आयुक्त ए के अग्रवाल ने द्वितीय अपील प्रक्ररण क्रमांक ए/2977/2018 पर जनसूचना अधिकारी ने आयोग में प्रकरण पंजीबद्ध होने के बाद चार वर्ष में आवेदक को जानकारी उपलब्ध कराई। जनसूचना अधिकारी ने आयेाग के पत्रों को काई जवाब नहीं दिया। राज्य सूचना आयुक्त अग्रवाल ने प्रकरण की विवेचना कर जनसूचना अधिकारी एवं सचिव ग्राम पंचायत घोटिया जनपद पंचायत भानुप्रतापपुर श्री गीताराम निषाद को 25 हजार रूपए का अर्थदण्ड अधिरोपित करते हुए मुख्य कार्यपालन अधिकारी जिला पंचायत कांकेर को अनुशासनात्मक कार्यवाही करने की अनुशंसा की है।