सख्त पाबंदियों के बीच महाराष्ट्र में 8 महीने बाद खुले मंदिर
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सख्त पाबंदियों के बीच महाराष्ट्र में 8 महीने बाद खुले मंदिर
मुंबई। महाराष्ट्र में कोविड-19 के मद्देनजर मार्च से बंद धार्मिक स्थलों को सोमवार को एक बार फिर श्रद्धालुओं के लिए खोल दिया गया। पांच दिन के दीपावली त्योहार में पड़वा वाले दिन धर्मस्थलों को खोला गया है। धार्मिक संगठनों ने मंदिर नहीं खोलने पर उद्धव सरकार के खिलाफ प्रदर्शन भी किया था।
सातारा के पंढ़रपुर में भगवान विटठल के मंदिर, शिर्डी में साईं बाबा के मंदिर, उस्मानाबाद में देवी तुलजा भवानी के मंदिर और मुंबई के प्रसिद्ध सिद्धिविनायक मंदिर के दर्शन के लिए भक्त सुबह-सुबह पहुंच गए।
सिद्धिविनायक मंदिर के अध्यक्ष आदेश बांदेकर ने रविवार को बताया कि मंदिर में प्रतिदिन एक हजार श्रद्धालुओं को दर्शन करने की अनुमति होगी और उन्हें भी चरणबद्ध तरीके से अलग-अलग समय पर भीतर जाने दिया जाएगा। मोबाइल फोन ऐप से दर्शन के लिए बुकिंग की जा सकती है।
राज्य सरकार द्वारा जारी मानक संचालन प्रक्रियाओं (एसओपी) के अनुसार अधिकारियों द्वारा तय किए गए समय के अनुसार कोविड -19 निषिद्ध क्षेत्र से बाहर स्थित धार्मिक स्थलों को फिर से खोलने की अनुमति दी गई है हालांकि श्रद्धालुओं को दर्शन के लिए चरणबद्ध तरीके से भीतर भेजने की व्यवस्था करनी होगा।
मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने धर्मस्थलों को फिर से खोलने की घोषणा शनिवार को की थी, लेकिन साथ ही लोगों को आगाह करते हुए कहा था कि यह नहीं भूलना चाहिए कि ‘कोरोना वायरस का दानव’ अब भी मौजूद है अत: अनुशासन का पालन करना आवश्यक है।
ये हैं दिशा-निर्देश :
सरकार द्वारा जारी गाइडलाइन्स के अनुसार, श्रद्धालुओं को मंदिरों में मास्क पहनकर ही जाने की अनुमति दी जाएगी। साथ ही सभी को सरकार द्वारा जारी गाइडलाइन्स का अनिवार्य रूप से पालन करना होगा। मंदिरों में जाने वाले श्रद्धालुओं के बीच की दूरी कम-से-कम 6 फीट होनी चाहिए। 65 साल से ज्यादा उम्र के व्यक्ति, गर्भवती महिलाएं, दस साल से कम उम्र के बच्चे और वैसे व्यक्ति जिनको कोई अन्य बीमारी हो, उन्हें घर पर ही रहने को कहा गया है। इसके साथ ही सैनिटाइज़र का भी इस्तेमाल करना अनिवार्य है। अगर सैनिटाइज़र ना हो तो साबुन या हैंडवॉश से भी हाथ धोने को कहा गया है।
सरकार द्वारा जारी गाइडलाइन्स के अनुसार, श्रद्धालुओं को मंदिरों में मास्क पहनकर ही जाने की अनुमति दी जाएगी। साथ ही सभी को सरकार द्वारा जारी गाइडलाइन्स का अनिवार्य रूप से पालन करना होगा। मंदिरों में जाने वाले श्रद्धालुओं के बीच की दूरी कम-से-कम 6 फीट होनी चाहिए। 65 साल से ज्यादा उम्र के व्यक्ति, गर्भवती महिलाएं, दस साल से कम उम्र के बच्चे और वैसे व्यक्ति जिनको कोई अन्य बीमारी हो, उन्हें घर पर ही रहने को कहा गया है। इसके साथ ही सैनिटाइज़र का भी इस्तेमाल करना अनिवार्य है। अगर सैनिटाइज़र ना हो तो साबुन या हैंडवॉश से भी हाथ धोने को कहा गया है।
धार्मिक स्थलों के लिए भी दिशा-निर्देश जारी : सरकार ने धार्मिक स्थलों के लिए आवश्यक गाइडलाइन्स जारी किए हैं। इसके तहत गेट पर हैंड सैनिटाइजर और स्क्रीनिंग की व्यवस्था, किसी भी व्यक्ति को मंदिर परिसर में बिना मास्क पहने घुसने नहीं दिया जाना, लोगों को मास्क पहनकर रहने और समय-समय पर हाथ धोते रहने के लिए जागरूक करना, श्रद्धालुओं के मंदिर परिसर में आने से पहले अपने जूते-चप्पलों को बाहर छोड़कर आने जैसे गाइडलाइन्स शामिल हैं। गाइडलाइन्स का उल्लंघन करने पर सख्त कार्रवाई की जाएगी।
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