Dhanteras 2020: धनतेरस पर आज खरीदें ये सामान और करें ये काम, मालामाल कर देंगे कुबेर महाराज
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Dhanteras 2020: धनतेरस पर आज खरीदें ये सामान और करें ये काम, मालामाल कर देंगे कुबेर महाराज
आज धनतेरस का है। इस दिन भगवान धनवंतरी, कुबेर की पूजा की जाती है और रात में यम दीप भी जलाया जाता है। मान्यता के मुताबिक आज दिन कुछ चीजों को खरीदने पर अक्षय फल मिलता है।
इस दिन कुछ खास चीजों को घर में खरीदकर लाना बहुत ही शुभ होता है। मान्यता है कि इस दिन खरीदी जाने वाली चीजें धन समृद्धि को बढ़ाती हैं।
1- लक्ष्मी जी व गणेश जी की चांदी की प्रतिमाओं को इस दिन घर लाना, घर- कार्यालय, व्यापारिक संस्थाओं में धन, सफलता व उन्नति को बढाता है।
2- धनतेरस के दिन चांदी खरीदने की भी प्रथा है। इसके पीछे यह कारण माना जाता है कि यह चन्द्रमा का प्रतीक है जो शीतलता प्रदान करता है और मन में संतोष रूपी धन का वास होता है। संतोष को सबसे बड़ा धन कहा गया है, जिसके पास संतोष है वह स्वस्थ है, सुखी है और वही सबसे धनवान है।
3- भगवान धन्वन्तरी जो चिकित्सा के देवता भी हैं, उनसे स्वास्थ्य और सेहत की कामना की जाती है। लोग इस दिन ही दीपावली की रात लक्ष्मी गणेश की पूजा हेतु मूर्ति भी खरीदते हैं।
धनतेरस के दिन क्या करें
ऐसा माना जाता है कि इस दिन नए उपहार, सिक्का, बर्तन व गहनों की खरीदारी करना शुभ रहता है। शुभ मुहूर्त समय में पूजन करने के साथ सात धान्यों की पूजा की जाती है। सात धान्य गेहूं, उड़द, मूंग, चना, जौ, चावल और मसूर है। सात धान्यों के साथ ही पूजन सामग्री में विशेष रुप से स्वर्णपुष्पा के पुष्प से भगवती का पूजन करना लाभकारी रहता है। इस दिन पूजा में भोग लगाने के लिये नैवेद्य के रूप में श्वेत मिष्ठान्न का प्रयोग किया जाता है। साथ ही इस दिन स्थिर लक्ष्मी का पूजन करने का विशेष महत्व है।
धन त्रयोदशी के दिन देव धनवंतरी देव का जन्म हुआ था। धनवंतरी देव, देवताओं के चिकित्सकों के देव हैं। यही कारण है कि इस दिन चिकित्सा जगत में बड़ी-बड़ी योजनाएं प्रारम्भ की जाती हैं। धनतेरस के दिन चांदी खरीदना शुभ रहता है।
13 नवम्बर चौघडियानुसार खरीदी व पूजन के मुहूर्त
चंचल- सुबह 6:43 बजे से 8:05 बजे तक।
लाभ- सुबह 8:05 से 9:27 तक।
अमृत- सुबह 9:27 से 10:49 बजे तक।
शुभ- दोपहर 12:11 से 1:33 तक बजे तक।
चंचल- शाम 4:17 से 5:39 बजे बजे तक।
लाभ- रात 8:23 से 10:01 बजे तक।
– आज 13 नवंबर सायं 5.30 बजे से 7.30 बजे तक खरीदारी कर सकते हैं। प्रदोष काल सायं 5.30 से 8 बजे तक रहेगा। वैद्य एवं चिकित्सक धन्वंतरी की पूजा अर्चना कर सकते हैं।
आज के दिन करें ये काम
– प्रातः प्रवेश स्थल व द्वार को धो दें और रंगोली बनाएं, वंदनवार , बिजली की झालर लगाएं।
– घर का सारा कूड़ा करकट,अखबारों की रद्दी, टूटा फूटा सामान,पुरानी बंद इलेक्ट्रानिक चीजें बेच दें। जालें साफ करें।नया रंग रोगन करवाएं।आफिस घर साफ करें। अपने शरीर की सफाई करें।तेल उबटन लगाएं। पार्लर जा सकते हैं।
– पुराने बर्तन बदल के नए लें। चांदी के बर्तन या सोने के जेवर खरीदें। नया वाहन या घर की कोई दीर्घ समय तक प्रयोग की जाने वाली नई चीज लें। खीलें बताशे आज ही खरीदें । धान से बनी सफेद खीलें सुख, समृद्धि व सम्पननता का प्रतीक हैं अतः इसे धनतेरस पर ही घर लाएं।
-इस दिन बाजार से नया बर्तन घर में खाली न लाएं उसमें , मिश्ठान या फल भर के लाएं।
– धनतेरस की रात यदि आपको अपने घर में छिपकली दिख जाए तो समझें पूरा वर्श शुभ रहेगा। इस दिन संयोगवश इसके दर्शन दुर्लभ होते हैं।
– सायंकाल मुख्य द्वार पर आटे का चौमुखी दीपक बना कर , चावल या गेहूं की ढेरी पर रखें।साथ में जल, रोली ,गुड़ फूल नैवेद्य रखें । इसे आज से 5 दिन हर शाम जलाएं।
– व्यवसायी अपने बही -खाते, विद्यार्थी पुस्तकों आदि की पूजा करें ।
– आरोग्य हेतु आज धन्वंतरि दिवस पर जरुरत मंदों को दवाई दान दें ।
– नई या पुरानी इलैक्ट्र्ानिक आयटम पर नींबू घुमा के वीरान जगह फेंकें या निचोड़ के फलश में डाल दें।
– इस दिन नए कपडे़ेःपहनने से पूर्व उन पर हल्दी या केसर के छींटे दें।
– नई कार या वाहन खरीदने पर उसके बोनट पर कुमकुम व घी के मिश्रण से स्वास्तिक का चिन्ह बनाएं ,नारियल पर रोली से ओम् बना के वाहन के आगे फोड़े और प्रसाद बांट दें।
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