POLITICS राकेश सिन्हा ने प्रेस काउंसिल ऑफ इंडिया को लिखा पत्र; अर्नब की गिरफ्तारी मामले पर की इमरजेंसी बैठक बुलाने की मांग

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राकेश सिन्हा ने प्रेस काउंसिल ऑफ इंडिया को लिखा पत्र; अर्नब की गिरफ्तारी मामले पर की इमरजेंसी बैठक बुलाने की मांग
रिपब्लिक मीडिया नेटवर्क के एडिटर-इन-चीफ अर्नब गोस्वामी को महाराष्ट्र पुलिस ने बुधवार सुबह मुंबई स्थित उनसे घर से गिरफ्तार किया है। जिसकी चारों ओर आलोचना हो रही है। वहीं अब बीजेपी के राज्यसभा सांसद राकेश सिन्हा ने प्रेस काउंसिल ऑफ इंडिया को एक पत्र लिखकर इस मामले में अर्नब की गिरफ्तारी का संज्ञान लेने की बात कही है।
अपनी चिट्ठी में सिन्हा ने अर्नब की गिरफ्तारी को प्रेस की स्वतंत्रता पर हमला बताया है। राकेश सिन्हा ने पत्र में लिखा, ”महाराष्ट्र पुलिस के द्वारा जो कार्रवाई की गई है वो प्रेस की आजादी के खिलाफ है। जिस तरह से रिपब्लिक मीडिया नेटवर्क के एडिटर-इन-चीफ अर्नब गोस्वामी को उनके घर से गिरफ्तार किया गया है वो राज्य की शक्तियों के दुरुपयोग को दर्शाता है। इस फासीवादी कार्रवाई की प्रेस काउंसिल ऑफ इंडिया के द्वारा निंदा की जानी चाहिए। पत्रकारों को इस तरह से दबाया जाना भारतीय लोकतंत्र के लिए खतरा है।”
”मैं आग्रह करता हूं कि प्रेस काउंसिल ऑफ इंडिया (PCI) की एक इमरजेंसी बैठक बुलाई जाए। साथ ही एक कमेटी का गठन किया जाए जो महाराष्ट्र सरकार के इस रवैये की जांच करे और एक टीम को अर्नब से मिलने के लिए भेजा जाए। इस समय PCI को एक अहम रोल निभाने की जरूरत है। ताकी प्रेस की स्वतंत्रता पर किसी तरह से कोई हमला न हो।”
आपको बता दें, बुधवार शाम को अर्नब को अलीबाग के एक स्थानीय कोर्ट ने 14 दिन की न्यायिक हिरासत में भेजने का फैसला किया है। हालांकि पुलिस ने अर्नब को अपनी रिमांड में लेने की अनुमति मांगी थी लेकिन कोर्ट ने फोर्स को झटका देते हुए ये मांग को खारिज कर दी।
अर्नब ने क्या कहा?
वीडियो में अर्नब ने कहा है कि, ‘मेरे हाथ में चोट लगी है। 9 पुलिसवालों ने मुझे घेरकर मेरे साथ बदसलूकी की, धक्का मुक्की की। मैंने डॉक्टर को अपनी चोट दिखाई। पुलिस वालों ने मेरी गर्दन पकड़ी, धक्का दिया। सचिन वासे, प्रदीप पाटिल समेत 7 अन्य पुलिसवालों ने मेरे साथ बदसलूकी की है। ये लोग मुझे बिना जूतों के यहां लाए हैं।’
गौरतलब है कि अर्नब गोस्वामी को बुधवार सुबह बिना समन जबरन गिरफ्तार कर लिया गया। कुछ पुलिस अधिकारी उनके आवास पर पहुंचे और बिना किसी दस्तावेज के, उनके घर के अंदर घुसकर उनके साथ मारपीट की। इसके बाद मुंबई पुलिस ने उन्हें बिना किसी पूर्व सूचना के एक पुराने केस में गिरफ्तार कर लिया।

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