कालाबाजारी के कारण बढ़ रहे प्याज के दाम, किसानों को नहीं कोई फायदा
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कालाबाजारी के कारण बढ़ रहे प्याज के दाम, किसानों को नहीं कोई फायदा
मुंबई: देश में प्याज के एक्सपोर्ट पर पाबंदी है और इंपोर्ट चालू है। इसके बावजूद प्याज कि कीमतें आसमान छूने लगी है। रिटेल मार्केट में प्याज की कीमत 100 रुपए किलो पहुंच गई है। मुंबई और उसके आसपास प्याज सप्लाई करने वाली एपीएमसी मार्केट में प्याज 75-80 रुपए किलो तक पहुंच गई। जानकार कहते हैं कि बारिश से फसल का थोड़ा नुकसान हुआ है, लेकिन लॉकडाउन में किसानों से व्यापारियों ने प्याज़ खरीद लिया और अब कालाबाजारी कर रहे हैं।
देश में नवरात्री का त्योहार चल रहा है। बहुत से लोग इस समय प्याज लहसून नहीं खाते। होटल भी ठीक से नहीं खुले हैं यानि प्याज कि खपत कम है और आवक उतनी ही है। हालांकि बारिश के कारण प्याज का नुकसान जरूर हुआ है, लेकिन इतना भी नहीं की दाम आसमान छूने लगे। जानकारों के मुताबिक कालाबाजारी करने वाले कम सप्लाई करके प्याज की कीमतें बढ़ा रहे हैं।
प्याज उत्पादक राज्यों में भारी बारिश के चलते 50% फसल खराब हुई। त्योहारी सीजन में प्याज की कीमतें रिटेल में 100 रुपए के पार पहुंच चुकी हैं। सब्जियों के दाम दिवाली का त्योहार आपकी रसोई का बजट बिगाड़ सकता है। मुंबई में रिटेल में प्याज 100 रुपए किलो के भाव से मिल रहा है। इस बीच इजिप्ट और ईरान का प्याज भी आ चुकी है, जो थोक मार्केट में 50 से 55 रुपए किलो बिक रही है।
जानकारों के मुताबिक, ईरान और इजिप्ट की प्याज थोड़ी बड़ी होती है। लोग कहते हैं कि इसका स्वाद थोड़ा हल्का होता, इसलिए लोग इसको कम पसंद करते हैं। इसी का फायदा कालाबाजारी करने वाले उठा रहे है। अगर सरकार थोड़ी सख्ती करे तो भाव नीचे आ सकते हैं।
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