चंद्रशेखरपुर पंचायत के भ्रष्टाचार से परेशान एवं आक्रोशित ग्रामीणों ने सरपंच का फूंका पुतला..
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चंद्रशेखरपुर पंचायत के भ्रष्टाचार से परेशान एवं आक्रोशित ग्रामीणों ने सरपंच का फूंका पुतला
धरना प्रदर्शन एवं पुतला जलाने के बाद जनपद सीईओ ने 20 अक्टूबर को जांच कराने लिखा पत्र
शौचालय और अन्य आर्थिक अनियमितता के विरुद्ध ग्रामीणों के द्वारा पंचायत भवन के द्वार पर तंबू गाड़ कर दिया जा रहा धरना
नवापारा ! धर्मजयगढ़ जनपद पंचायत क्षेत्र अंतर्गत ग्राम पंचायत चंद्रशेखरपुर एडु में लगातार गरीब ग्रामीणों को छलने के साथ उनके हक की आर्थिक लाभ वाली योजनाओं की लाखों रुपए की राशि का घोटाला करने वाली महिला सरपंच का गुरुवार 15 अक्टूबर को यहाँ के स्थानीय ग्रामीणों ने पुतला फूंक कर विरोध प्रदर्शन किया, इस महिला सरपंच के तीसरे कार्यकाल में कांग्रेस की सत्ता के आते ही शौचालय आदि की लगभग 50 लाख की राशि का पूरी तरह दबाने का प्रयास किया गया, इसकी ही परिणीति स्वरूप आज एडु के ग्रामीणों ने धरना के दूसरे दिन छाल पुलिस प्रशासन की मौजूदगी में महिला सरपंच का पुतला फूंका, हालांकि छाल पुलिस ने सरपंच के अधजले पुतले को छीन कर बुझा दिया, ग्रामीणों का तो यहाँ तक आरोप है की इस महिला सरपंच को स्थानीय विधायक एवं जनपद प्रशासन के अधिकारियों का इस बड़े घोटाले में खुला सरंक्षण प्राप्त है, यहाँ हम आपको बता दे कि बीते वर्षों में शौचालय निर्माण एवं हितग्राहियों को उनकी हक की शौचालय की राशि का वितरण नहीं कर राशि को गबन करने की नीयत से वितरण नहीं किया जाना एवं अन्य गुणवत्ताहीन निर्माण कार्यो में हुए भारी भ्रष्टाचार काफी दिनों से सुर्खियाँ बटोर रहा है । उक्त आरोप युवा जनता कांग्रेस के संभागीय अध्यक्ष नवल राठिया एवं निरंजन दास महंत के नेतृत्व में यहाँ के ग्रामवासियों द्वारा घटिया निर्माण व भ्रष्टाचार की लिखित शिकायत अनुविभागीय अधिकारी (राजस्व) को किया गया था जिसमे सात दिवस के भीतर जाँच व कार्यवाही की मांग किया गया था, अन्यथा पंचायत प्रतिनिधियों के विरुद्ध अपनी मांगों को लेकर पंचायत में तालाबन्दी कर अपनी मांग पूरी होने तक अनिश्चितकालीन अनशन पर बैठने व भूख हड़ताल किया जाएगा जिसका समस्त जवाबदारी शासन प्रशासन की होगी ।
यहाँ आपको बता दे कि ग्राम चंद्रशेखरपुर में छत्तीसगढ़ शासन के पीएचई विभाग के द्वारा 7 साल पहले पानी टंकी के साथ पाइप लाइन का निर्माण कार्य कराया था निर्माण कार्य 24 अप्रैल 2013 को प्रारंभ होकर 18 दिसंबर 2014 को पूर्ण हुआ जिसका लागत लगभग 35 लाख रुपये था। पानी टंकी को बने कुछ ही दिन हुए थे और टंकी में दरार आने लगी जिससे इस घटिया निर्माणकार्य और भ्रष्टाचार की शिकायत ग्रामीणों द्वारा वे उच्चाधिकारियों को किये जिसके बाद 2015 -16 में इस पानी टंकी का मरम्मत कार्य 4-5 रुपये के लागत से लगाकर किया गया था। जिसे बाद भी आजतक ग्रामवासियों को इस पानी टंकी से सुविधा प्राप्त नही हो सका ।
वहीं चंद्रशेखरपुर में पंचायत द्वारा 171 शौचालय का निर्माण कराया गया था और लगभग 200 शौचालय ग्रामीणों द्वारा निजी तौर पर बनाया गया था जो कि ग्राम कागजो में पूरे तरह से ओडीएफ उक्त ग्राम में आता है। पर यंहा के शौचालय को ग्रामीण स्टोर रूम के लिए उपयोग कर रहे है। जिससे आप अंदाजा लगा सकते है कि इस ग्राम के शौचालय को किस तरह से निर्माण कराया गया होगा। निर्माण कार्य को देखते हुए कुछ ग्रामीणों द्वारा अपना निजी पैसों से शौचालय का निर्माण कराया गया था 2015-2016 में उसका प्रोत्साहन राशि 4 साल बीत जाने के बाद भी नहीं मिल सका उन्हें।
ऐसे और कई अनेकों समस्याओं को लेकर ग्रामीणों द्वारा अनुविभागीय अधिकारी और जनपद सीईओ को लिखित शिकायत किया गया मगर उनके द्वारा किसी भी प्रकार की कार्यवाही नहीं की गई जिससे आक्रोशित ग्रामीणों ने मजबूर होकर अपनी मांगों को लेकर धरने पर बैठ गए और आज धरने के दूसरे दिन सरपंच का पुतला फूंका
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