जोगी के गढ़ में सेंधमारी के लिए कांग्रेस का खोजी अभियान, 9 अक्टूबर को होगा प्रत्याशी का ऐलान
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जोगी के गढ़ में सेंधमारी के लिए कांग्रेस का खोजी अभियान, 9 अक्टूबर को होगा प्रत्याशी का ऐलान
छत्तीसगढ़ में पूर्व मुख्यमंत्री अजीत जोगी के निधन के बाद खाली हुई मरवाही सीट पर विधानसभा का उपचुनाव होने जा रहा है. जिसके लिए सभी दलों ने अपनी ताकत झोंक दी है. कांग्रेस से लेकर बीजेपी और JCC तक अपना पूरा दम दिखा रहे हैं, लेकिन किसी भी दल ने अब तक अपने पत्ते नहीं खोले हैं.
9 अक्टूबर को होगा प्रत्याशी का ऐलान
कहा जा रहा है कि 9 अक्टूबर को होने वाली कांग्रेस चुनाव समिति की बैठक में मरवाही उपचुनाव के प्रत्याशी का नाम तय होगा. पार्टी यहां जिताऊ उम्मीदवार को टिकट देने की कोशिश कर रही है. आपको बता दें कि शनिवार को बीजेपी चुनाव समिति की बैठक हुई थी. इस दौरान मरवाही उपचुनाव के प्रत्याशी के लिए 4 नामों का पैनल बनाया गया था. ये पैनल केंद्रीय चुनाव समिति के पास भेजा जाएगा. जानकरी के मुताबिक, एक नाम तय होने के बाद प्रत्याशी के नाम का ऐलान होगा. वहीं अजीत जोगी के गढ़ में JCCJ से अमित जोगी चुनाव लड़ रहे हैं.
क्या है मरवाही सीट का इतिहास
आपको बता दें कि मरवाही सीट पर बीजेपी कभी भी जीत हासिल नहीं कर पाई है. यहां शुरुआत से ही जोगी परिवार का कब्जा रहा है. अजीत जोगी ने इसी सीट से जीत हासिल कर मुख्यमंत्री बनने का गौरव हासिल किया था. जोगी इस सीट से लगातार 2003 और 2008 में जीत दर्ज करा चुके थे.
2003 के चुनावों में अजीत जोगी ने 76,269 वोटों के साथ मरवाही विधानसभा सीट को अपने नाम किया था. जबकि उनके विपक्ष में खड़े बीजेपी के नंद कुमार साई को 22,119 वोट ही मिल सके. वहीं 2008 में जोगी ने फिर करीब 42 हजार के बड़े अंतर से जीत हासिल की. उनको जहां 67,522 वोट मिले तो वहीं भाजपा प्रत्याशी ध्यान सिंह को 25,431 वोट ही मिल सके.
2013 में अजीत जोगी ने मरवाही में अपनी जगह बेटे अमित जोगी को दी. जिस पर खरे उतरते हुए अमित जोगी ने 82,909 वोटों के साथ जीत हासिल की, जबकि भाजपा प्रत्याशी समीरा पैकरा को 36,659 वोट मिल सके. हालांकि 2018 का चुनाव खुद अजीत जोगी ने लड़ा और 45 हजार 395 वोटों के साथ जीत दर्ज की.
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