नमस्कार 🙏 हमारे न्यूज पोर्टल - मे आपका स्वागत हैं ,यहाँ आपको हमेशा ताजा खबरों से रूबरू कराया जाएगा , खबर और विज्ञापन के लिए संपर्क करे +91 97541 60816 ,हमारे यूट्यूब चैनल को सबस्क्राइब करें, साथ मे हमारे फेसबुक को लाइक जरूर करें , किसानों से बोले राहुल गांधी, मोदी सरकार ने कृषि कानून बनाकर आपके दिल में भोंका छुरा – पर्दाफाश

पर्दाफाश

Latest Online Breaking News

किसानों से बोले राहुल गांधी, मोदी सरकार ने कृषि कानून बनाकर आपके दिल में भोंका छुरा

😊 कृपया इस न्यूज को शेयर करें😊

किसानों से बोले राहुल गांधी, मोदी सरकार ने कृषि कानून बनाकर आपके दिल में भोंका छुरा

News

नई दिल्ली: कृषि कानून को खिलाफ देशभर के कई हिस्सों में विरोध प्रदर्शन जारी है। किसान संगठनों के इस विरोध को कांग्रेस के साथ-साथ कई विपक्षी दलों का समर्थन हासिल है। इसी कड़ी में कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने एकबार फिर केंद्र सरकार पर निशाना साधा है। उन्होंने किसानों के साथ डिजिटल संवाद के दौरान यह दावा भी किया कि नोटबंदी और जीएसटी की तरह इन कानूनों का लक्ष्य भी किसानों और मजदूरों को कमजोर करना है।

राहुल गांधी ने इस डिजिटल संवाद में पंजाब, हरियाणा, महाराष्ट्र, बिहार और कई अन्य प्रदेशों के किसानों ने इन कानूनों के संदर्भ में अपनी बात रखी. राहुल गांधी ने दावा किया, ‘नोटबंदी के समय कहा गया कि यह कालेधन के खिलाफ लड़ाई है। यह सब झूठ था। इसका लक्ष्य किसान-मजदूर को कमजोर करना था। इसके बाद जीएसटी आई तो भी यही लक्ष्य था।’

राहुल गांधी ने दावा किया कि ये कानून ‘किसानों के दिलों में छुरा मारने’ और उनकी रीढ़ की हड्डी तोड़ने के लिए लाए गए हैं। उन्होंने लगभग 10 मिनट तक वर्चुअल रूप से किसानों के साथ बातचीत भी की। कांग्रेस नेता ने कहा, ‘हमें बताया गया था कि 2016 में नोटबंदी का उद्देश्य काले धन से लड़ना था, लेकिन यह झूठ था। मुख्य उद्देश्य किसानों और श्रमिकों को आर्थिक चोट पहुंचाना था।’

साथ ही राहुल गांधी ने कहा, ‘इसी तरह, वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) के रोलआउट का उद्देश्य समान था। कोरोनोवायरस महामारी के दौरान भी गरीबों को पैसे दिए जाने की जरूरत थी, लेकिन सरकार ने कुछ भी नहीं दिया।’ राहुल ने कहा, ‘एनडीए सरकार का उद्देश्य किसानों और श्रमिकों की रीढ़ की हड्डी तोड़ना है। नोटबंदी और कृषि कानूनों के बीच या जीएसटी रोलआउट और कृषि कानूनों के बीच कोई अंतर नहीं है। अंतर केवल यह है कि तीनों कृषि कानून आपके दिल में छुरा मारने के समान है। मैं बहुत स्पष्ट हूं कि हमें केवल किसानों के लिए नहीं बल्कि देश के लिए इसका विरोध करने की जरूरत है।’

कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष ने कहा कि वे (भाजपा) कभी भी भारत की आजादी के लिए नहीं लड़े क्योंकि उन्होंने ब्रिटिश शासकों का साथ दिया और किसानों के मुद्दों की उन्हें समझ नहीं है। बातचीत के दौरान, पंजाब, बिहार, हरियाणा और महाराष्ट्र जैसे राज्यों के किसानों ने किसान कानूनों और न्यूनतम समर्थन मूल्य पर चिंताओं, कृषि उपज और अन्य जरिए से कमाई पर अपने विचारों को रखा।

राहुल गांधी ने 2011-12 के दौरान उत्तर प्रदेश के भट्टा पारसौल में भूमि अधिग्रहण कानून के विरोध में अपनी भागीदारी को याद किया। उन्होंने कहा, ‘भट्टा परसौल में, किसानों के विरोध के दौरान, मैंने देखा कि उद्योगपति न केवल जमीन चाहते थे, बल्कि फसल उत्पादन भी चाहते थे। उस समय, मीडिया ने मुझे निशाना बनाया था।’

Whatsapp बटन दबा कर इस न्यूज को शेयर जरूर करें 

Advertising Space


स्वतंत्र और सच्ची पत्रकारिता के लिए ज़रूरी है कि वो कॉरपोरेट और राजनैतिक नियंत्रण से मुक्त हो। ऐसा तभी संभव है जब जनता आगे आए और सहयोग करे.

Donate Now

लाइव कैलेंडर

July 2025
M T W T F S S
 123456
78910111213
14151617181920
21222324252627
28293031