coronavirus update: प्राचीन चिकित्सा से संभव होगा कोरोना का इलाज! WHO ने कही ये बात

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coronavirus update: प्राचीन चिकित्सा से संभव होगा कोरोना का इलाज! WHO ने कही ये बात

नई दिल्ली: कोरोना वायरस (Coronavirus Update) का संक्रमण दुनियाभर में लगातार बढ़ता जा रहा है। दुनियाभर के देश वैक्सीन और इसकी दवा खोजने में लगे हैं। अब विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) ने कहा कि हर्बल दवाओं (Herbal Medicine) के ट्रायल को मंजूरी दी जाएगी। अगर यह सफल हो गया तो दुनियाभर में कोरोना इलाज के लिए प्राचीन दवाओं का उपयोग किया जा सकेगा। डब्ल्यूएचओ का कहना है कि “यदि कोई पारंपरिक चिकित्सा उत्पाद सुरक्षित, प्रभावी और गुणवत्ता-सुनिश्चित करता पाया जाता है, तो WHO एक बड़े पैमाने पर लोकल मेन्यूफेक्चरिंग के लिए इसकी सिफारिश करेगा।
विश्व स्वास्थ्य संगठन से दक्षिण अफ्रीका की सरकार ने कोरोना इलाज के लिए हर्बल दवा पर ट्रायल करने की अनुमति मांगी थी, जिस पर डब्ल्यूएचओ ने हामी भर दी है। जल्द ही इस दवा का ट्रायल किया जाएगा। डब्ल्यूएचओ का यह बयान मेडागास्कर देश के राष्ट्रपति द्वारा आर्टीमीसिया पर आधारित एक ड्रिंक को बढ़ावा देने के बाद आया है। यह हर्बल प्लांट मलेरिया के उपचार में प्रभावी सिद्ध हुआ है। राष्ट्रपति ने खुद यह ड्रिंक पीकर जनता के सामने दिखाई थी। उल्लेखनीय है कि भारत में भी कई हर्बल उत्पादों से कोरोना से सुरक्षित रहने का दावा किया जा रहा है।
WHO के रीजनल डायरेक्टर प्रॉस्पर टुमुसीम ने रॉयटर्स को कहा कि ‘हम अभी देख रहे हैं कि प्राचीन मेडिकल प्रोडक्ट सुरक्षा, प्रभाव और गुणवत्ता के पैमाने पर खरा उतरता है या नहीं। अगर ऐसा हुआ तो WHO इसके ट्रायल को और बड़े पैमाने पर निर्माण की सिफारिश करेगा। उन्होंने आगे कहा कि अफ्रीका सेंटर फॉर डिसीज कंट्रोल एंड प्रीवेंशन और अफ्रीकन यूनियन कमीशन फॉर सोशल अफेयर हमारे सहयोगी हैं और हम मिलकर इस पर काम कर रहे हैं।
इधर, भारत सरकार ने देश में कोरोना के बढ़ते हुए मामलों को देखते हुए ‘पोस्ट कोविड-19 मैनेजमेंट प्रोटोकॉल’ जारी किया है। इस प्रोटोकॉल में मरीज की रिकवरी और कॉम्यूनिटी लेवल पर वायरस की रफ्तार को कम करने के तरीके बताए गए हैं। स्वास्थ्य मंत्रालय ने कोरोना से ठीक हुए मरीजों का घर में ध्यान रखने प्रबंधन करने के लिए कदम बताए हैं। इसमें इम्यूनिटी बढ़ाने के भी कई खास नुस्खों के बारे में जानकारी दी गई है. स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय ने जो प्रोटोकॉल जारी किया है, इसमें च्यवनप्राश खाना, प्राणायाम, योग और घूमना जैसी सलाह भी शामिल हैं।

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