भभुआ विधानसभा सीट: 2015 में पहली बार खिला था कमल, इस बार किसके हाथ लगेगी बाजी?
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भभुआ विधानसभा सीट: 2015 में पहली बार खिला था कमल, इस बार किसके हाथ लगेगी बाजी?
बिहार के कैमूर जिले में स्थित भभुआ विधानसभा सीट सासाराम लोकसभा क्षेत्र के अंतर्गत आती है. 2015 के विधानसभा चुनाव में भाजपा प्रत्याशी आनंद भूषण पांडेय उर्फ मंटू पांडेय की जीत के साथ भभुआ विधानसभा सीट पर पहली बार कमल खिला था.
- भभुआ सीट पर बीजेपी को 2015 में पहली बार मिली थी जीत
- 2018 के उपचुनाव में पहली महिला विधायक बनीं रिंकी पांडेय
बिहार की भभुआ विधानसभा सीट (Bhabua Assembly Seat) सासाराम लोकसभा क्षेत्र के अंर्तगत आती है. कैमूर जिले में स्थित भभुआ विधानसभा सीट पर 2015 में पहली बार कमल खिला था और भाजपा के आनंद भूषण पांडेय ने जीत हासिल की थी. वहीं, उनके निधन के बाद सीट खाली हुई तो 2018 के उपचुनाव में दिवंगत विधायक आनंद भूषण पांडेय की पत्नी रिंकी रानी पांडेय ने बीजेपी के टिकट से उपचुनाव लड़ा और जीत दर्ज की.
भभुआ विधानसभा सीट का इतिहास
बिहार की भभुआ विधानसभा सीट का गठन 1957 में हुआ था. इस सीट पर अब तक 16 बार चुनाव हुए हैं, जिसमें शुरुआती वर्षों में कांग्रेस का दबदबा रहा. भभुआ विधानसभा सीट पर 1967 तक लगातार चार बार कांग्रेस को जीत मिली जबकि उसके बाद दो बार सीपीआई, दो बार आरजेडी, एक बार बसपा को जीत मिली है. वहीं, 2015 के चुनाव में भभुआ विधानसभा सीट पर बीजेपी कब्जा करने में कामयाब रही. 2015 के चुनाव में जीत हासिल करने वाले आनंद भूषण पांडेय उर्फ मंटू पांडेय के निधन के बाद उपचुनाव हुआ तो बीजेपी के टिकट पर ही रिंकी पांडेयसीट बचाने में सफल हुईं.
क्या कहता है सामाजिक ताना बाना?
बिहार के कैमूर जिले में स्थित भभुआ विधानसभा सीट सासाराम लोकसभा क्षेत्र के अंतर्गत आती है. 2011 की जनगणना के अनुमान के अनुसार भभुआ की कुल जनसंख्या 3,90,316 है. इसमें 87.14% ग्रामीण और 12.86% शहरी आबादी है. यहां की अनुसूचित जाति (एससी) 22.25 फीसदी और अनुसूचित जनजाति (एसटी) 2.09 फीसदी है. 2019 की वोटर लिस्ट के अनुसार, भभुआ निर्वाचन क्षेत्र में 263402 मतदाता और 290 मतदान केंद्र हैं. 2015 के चुनाव में भभुआ विधानसभा सीट पर 59.8% मतदान हुआ था.
2015 के चुनावी नतीजे
2015 के विधानसभा चुनाव में भाजपा प्रत्याशी आनंद भूषण पांडेय उर्फ मंटू पांडेय की जीत के साथ भभुआ विधानसभा सीट पर पहली बार कमल खिला. भभुआ विधानसभा से दो बार विधायक रहे डॉ प्रमोद सिंह 2015 के चुनाव में भाजपा के मंटू पांडे से हार गए थें. मंटू पांडेय को भाजपा से तीसरी बार चुनाव लड़ने में सफलता मिली थी. वहीं, मंटू पांडे के आकस्मिक निधन के बाद यह सीट खाली हुई तो तब बिहार में भाजपा-जदयू का गठबंधन था और यह सीट भाजपा के खाते में चली गई. भभुआ विधानसभा सीट पर 2018 में जब उपचुनाव हुआ तो बीजेपी ने आनंद भूषण पांडेय की पत्नी रिंकी पांडेय को चुनावी मैदार में उतारा. रिंकी पांडेय ने महागठबंधन (कांग्रेस) के प्रत्याशी शंभु सिंह पटेल को 14,866 वोटों से हराया था.
विधायक रिंकी पांडेय के बारे में
रिंकी पांडेय को 2018 के उपचुनाव में जब राजनीति में आने का मौका मिला तो उन्होंने भभुआ विधानसभा क्षेत्र से आजादी के बाद पहली महिला विधायक होने का गौरव प्राप्त किया. 1983 को जन्मी रिंकी पांडेय की शैक्षणिक योग्यता मैट्रिक है. 2018 में उन्होंने पहली बार राजनीति में एंट्री की.
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