आरक्षक साविल चंद्रा ने संवेदनशील व्यवहार से भूखी प्यासी परेशान महिला का किया सहयोग, दिया मानवता सेवा धर्म कर्तव्यपरायणता का परिचय

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आरक्षक साविल चंद्रा ने संवेदनशील व्यवहार से भूखी प्यासी परेशान महिला का किया सहयोग, दिया मानवता सेवा धर्म कर्तव्यपरायणता का परिचय
खरसिया चौकी में पदस्थ आरक्षक साविल चंद्रा ने अपने प्रभार बिट तुर्रीभाटा में एक मानसिक रूप से विक्षिप्त या नशे की हालत में थी, लोगों ने बताया उस महिला के साथ कोई अनहोनी की आशंका भी उन्हें हुईं बिना कपड़ों के भूखी प्यासी भटक रही थी, उसे मोहल्लेवासियों के सहयोग से वहाँ के दम्पत्ति को बोलकर कपड़ा भोजन देकर सुरक्षित स्थान पर रखवाया, इस कार्य में सहयोग करने वाले दम्पत्ति को खरसिया चौकी ने सम्मानित भी किया ऐसे ही अच्छे और मानवता पूर्ण संवेदनशील व्यवहार व कार्यों से पुलिस की छवि समाज में साफ सुथरी मानवतापूर्ण बनती है जो आजकल वीडियोग्राफ़ी रील में तो बहुत देखने को मिलता है लेकिन रियल में उसकी वास्तविकता कुछ और ही होती है,!
इन सबके बावजूद प्रश्न तो बन ही रहा है कि आखिर वह महिला कहा से उस मुहल्ले में पहुंची, लोगों ने बताया उसे पहले यहाँ किसी ने नही देखा था, महिला नशे में दिखाई पड़ रही थी, कुछ लोगों द्वारा, दुराचार कर रोड में छोड़ने कि बात भी बताई जा रही है… सच क्या है यह तो गंभीर जाँच का विषय है, बड़ी बात तो यह है कि अनजान जगह में भी लोगों का उसे सहयोग मिला, पुलिस का सहयोग मिला.
इस पुरे घटना क्रम और सहयोग में आरक्षक साविल चंद्रा ने कहीं भी फोटोग्राफी और वीडियो ग्राफ़ी नही किया सहयोग और संवेदनशीलता की भावना निःस्वार्थ और दया करुणा भाव सेवाभाव से होना परम् आवश्यक होता प्रत्येक इंसान का पहला धर्म मानवता को बरकरार रखना है, इंसानियत खत्म सममझिये फिर इंसान जीवित नही मुर्दे के बराबर है, आरक्षक साविल चंद्रा का यह कार्य बेहद सराहनीय है अक्सर समाज के सामने पुलिस का क्रूरतम रूप ही आता है परन्तु इन सबके मध्य पुलिस अच्छा कार्य करती है तो उनके इन अच्छे कार्यों की सराहना भी अत्यंत आवश्यक है…
आरती वैष्णव ✍️…

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